देशवासियों के लिए डिजिटल क्रांति-नरेंद्र मोदी
भारत की जनता इससे अपना ज्ञान बढ़ाए और सशक्त बने
प्रधानमंत्री ने किया डिजिटल इंडिया वीक का शुभारंभ
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 1 July 2015 06:14:13 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंदिरा गांधी स्टेडियम में डिजिटल इंडिया वीक का शुभारंभ किया। उन्होंने जनता से उनकी सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत अपने आपको सशक्त बनाने और ज्ञान अर्जित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि जनता को सशक्त बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को शुरू करने के उद्देश्य से अनेक पहल की गई हैं, कुछ पहल के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और रोज़गार तथा वाणिज्य आदि से संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न सेवाओं का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के रूप में डिजिटल इंडिया की परिकल्पना की गई है। ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था बनाने के लिए और समस्त प्रकार की समकालिक और समंवित भागीदारी से प्रत्येक नागरिक के लिए सुशासन लाने के उद्देश्य से इस अकेले कार्यक्रम के अधीन विभिन्न पहलों को शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों के सहयोग से तैयार और समंवित किया गया है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की निगरानी समिति के अध्यक्ष हैं, इसलिए डिजिटल इंडिया के अधीन गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है। सभी वर्तमान और आगामी ई-शासन पहलों को डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के अनुसार संशोधित और पुन: तैयार किया गया। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विज़न का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं, उत्पादों, विनिर्माण और रोज़गार के अवसरों आदि के क्षेत्रों का समग्र विकास करने का भी है। डिजिटल इंडिया का विज़न तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है-डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रत्येक नागरिक की उपयोगिता के रूप में, मांग पर शासन एवं सेवाएं, नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल जुड़ाव के लिए वैश्विक पहुंच, सार्वजनिक इंटरनेट पहुंच कार्यक्रम, ई-शासन-प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार, ई-क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति की जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण-लक्ष्य शून्य आयात, रोज़गार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और शीघ्र हार्वेस्ट कार्यक्रम उपलब्ध कराना भी है। अनेक परियोजनाएं, उत्पाद या तो पहले ही लांच किए जा चुके हैं या लांच किए जाने के लिए तैयार है। जैसे-डिजिटल लॉकर प्रणाली का उद्देश्य वस्तुगत दस्तावेजों के उपयोग को न्यूनतम करना और विभिन्न एजेंसियों में ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी में समर्थ बनाना है। ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी पंजीकृत संग्राहकों के माध्यम से की जाएगी, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी। माईगोव डॉट इन 'डिस्कस' 'डू' और 'डिसिमिनेट' पहुंच से शासन में लगे प्रत्येक नागरिक के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में लागू की गई है। माईगोव के लिए मोबाइल ऐप एक मोबाइल फोन पर प्रयोगकर्ताओं के लिए ये विशिष्टताएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वच्छ भारत मिशन मोबाइल ऐप का उपयोग स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनता और सरकारी संगठन कर सकेगा। ई-साइन ढांचे से नागरिक आधार प्रामाणिता उपयोग करते हुए ऑनलाइन दस्तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर कर सकेंगे। ई-हॉस्पिटल एप्लीकेशन के अधीन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) शुरू किया गया है, यह एप्लीकेशन ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्क और मिलने के निश्चित समय का भुगतान, ऑनलाइन निदान रिपोर्ट, ऑनलाइन रक्त की उपलब्धता की जानकारी जैसी मुख्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल से छात्रों के आवेदन पत्र जमा करने, सत्यापन, स्वीकृति और सभी लाभार्थियों को भारत सरकार से उपलब्ध कराई जा रही छात्रवृत्तियों के वितरण तक की प्रक्रिया का एक मुश्त समाधान हो सकेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने देश में व्यापक स्तर पर रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने के लिए डिजिटाइज इंडिया प्लेटफॉर्म (डीआईपी) नामक एक पहल शुरू की गई है, जो नागरिकों को कुशल सेवाएं प्रदान करेगी।
भारत सरकार ने भारत नेट नामक एक पहल भी शुरू की है, जो देश की ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए उच्च गति का डिजिटल हाईवे है। बीएसएनएल ने 30 साल पुराने एक्सचेंजों को हटाने के लिए नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क (एनजीएन) शुरू किया है, जो वॉयस, डाटा, मल्टीमीडिया, वीडियो और अन्य सभी प्रकार की पैकेट स्विच संचार सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है। बीएसएनएल ने पूरे देश में वाई-फाई, हॉटस्पोट्स की तैनाती की है, इससे उपयोगकर्ता अपने मोबाइल उपकरणों से बीएसएनएल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर सकता है। नागरिक सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध कराने और नागरिकों तथा प्राधिकारियों की एक दूसरे के साथ बातचीत में सुधार लाने के लिए यह देशव्यापी जुड़ाव बहुत जरूरी है। सरकार ने इस जरूरत को महसूस किया है और यह डिजिटल इंडिया में ब्रॉडबैंड हाईवे को डिजिटल इंडिया का एक मुख्य स्तंभ के रूप में शामिल करके दर्शाया गया है।
देश के नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति में सहायता करने के लिए प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने और समर्थ बनाने के लिए जुड़ाव एक मानदंड है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-शासन में ई-क्रांति ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने पर नीति, ई-शासन प्रणालियों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने के लिए ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज (एपीआई) के लिए नीति, भारत सरकार की ई-मेल नीति, भारत सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों के उपयोग पर नीति, सरकारी एप्लीकेशन के साधन कोड को खोलने के लिए सहयोगपूर्ण एप्लीकेशन विकास पर नीति, कलाउड रेडी एप्लीकेशन के लिए एप्लीकेशन विकास एवं री-इंजीनियरिंग दिशा निर्देश जैसी नीति पहल शुरू की हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य राज्यों के छोटे और मुफस्सिल शहरों में बीपीओ केंद्र खोलने के लिए बीपीओ नीति को मंजूरी दी गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि (ईडीएफ) नीति का उद्देश्य नवाचार, अनुसंधान और विकास, उत्पाद और विकास को प्रोत्साहन देने उपक्रम निधियों के आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी प्रणाली का सृजन करने के लिए देश में आईपी का संसाधन पूल स्थापित करना है।
फलेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के उभरते हुए क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए फलेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए राष्ट्रीय केंद्र एक पहल है। इंटरनेट ऑन थिंक्स (आईओटी) के लिए उत्कृष्टता केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ईआरएनईटी और नेस्सोकेम की संयुक्त पहल है। सन् 2019 तक डिजिटल इंडिया के अनुमानित प्रभाव से सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से लेकर स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वाई-फाई और सार्वजनिक रूप से वाई-फाई हॉटस्पोर्ट उपलब्ध हो जाएंगे। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम से भारी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स रोज़गार पैदा होंगे। इस कार्यक्रम की सफलता से भारत डिजिटल रूप से सशक्त बनेगा और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में शीर्ष स्थान पर होगा।
प्रस्तुत कर्त्ता
संपत देवी मुरारका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों के सहयोग से तैयार और समंवित किया गया है। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की निगरानी समिति के अध्यक्ष हैं, इसलिए डिजिटल इंडिया के अधीन गतिविधियों पर सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है। सभी वर्तमान और आगामी ई-शासन पहलों को डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के अनुसार संशोधित और पुन: तैयार किया गया। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विज़न का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं, उत्पादों, विनिर्माण और रोज़गार के अवसरों आदि के क्षेत्रों का समग्र विकास करने का भी है। डिजिटल इंडिया का विज़न तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है-डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रत्येक नागरिक की उपयोगिता के रूप में, मांग पर शासन एवं सेवाएं, नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल जुड़ाव के लिए वैश्विक पहुंच, सार्वजनिक इंटरनेट पहुंच कार्यक्रम, ई-शासन-प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार, ई-क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति की जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण-लक्ष्य शून्य आयात, रोज़गार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और शीघ्र हार्वेस्ट कार्यक्रम उपलब्ध कराना भी है। अनेक परियोजनाएं, उत्पाद या तो पहले ही लांच किए जा चुके हैं या लांच किए जाने के लिए तैयार है। जैसे-डिजिटल लॉकर प्रणाली का उद्देश्य वस्तुगत दस्तावेजों के उपयोग को न्यूनतम करना और विभिन्न एजेंसियों में ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी में समर्थ बनाना है। ई-दस्तावेज की हिस्सेदारी पंजीकृत संग्राहकों के माध्यम से की जाएगी, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी। माईगोव डॉट इन 'डिस्कस' 'डू' और 'डिसिमिनेट' पहुंच से शासन में लगे प्रत्येक नागरिक के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में लागू की गई है। माईगोव के लिए मोबाइल ऐप एक मोबाइल फोन पर प्रयोगकर्ताओं के लिए ये विशिष्टताएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वच्छ भारत मिशन मोबाइल ऐप का उपयोग स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जनता और सरकारी संगठन कर सकेगा। ई-साइन ढांचे से नागरिक आधार प्रामाणिता उपयोग करते हुए ऑनलाइन दस्तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्ताक्षर कर सकेंगे। ई-हॉस्पिटल एप्लीकेशन के अधीन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (ओआरएस) शुरू किया गया है, यह एप्लीकेशन ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्क और मिलने के निश्चित समय का भुगतान, ऑनलाइन निदान रिपोर्ट, ऑनलाइन रक्त की उपलब्धता की जानकारी जैसी मुख्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल से छात्रों के आवेदन पत्र जमा करने, सत्यापन, स्वीकृति और सभी लाभार्थियों को भारत सरकार से उपलब्ध कराई जा रही छात्रवृत्तियों के वितरण तक की प्रक्रिया का एक मुश्त समाधान हो सकेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने देश में व्यापक स्तर पर रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने के लिए डिजिटाइज इंडिया प्लेटफॉर्म (डीआईपी) नामक एक पहल शुरू की गई है, जो नागरिकों को कुशल सेवाएं प्रदान करेगी।
भारत सरकार ने भारत नेट नामक एक पहल भी शुरू की है, जो देश की ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए उच्च गति का डिजिटल हाईवे है। बीएसएनएल ने 30 साल पुराने एक्सचेंजों को हटाने के लिए नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क (एनजीएन) शुरू किया है, जो वॉयस, डाटा, मल्टीमीडिया, वीडियो और अन्य सभी प्रकार की पैकेट स्विच संचार सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है। बीएसएनएल ने पूरे देश में वाई-फाई, हॉटस्पोट्स की तैनाती की है, इससे उपयोगकर्ता अपने मोबाइल उपकरणों से बीएसएनएल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर सकता है। नागरिक सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध कराने और नागरिकों तथा प्राधिकारियों की एक दूसरे के साथ बातचीत में सुधार लाने के लिए यह देशव्यापी जुड़ाव बहुत जरूरी है। सरकार ने इस जरूरत को महसूस किया है और यह डिजिटल इंडिया में ब्रॉडबैंड हाईवे को डिजिटल इंडिया का एक मुख्य स्तंभ के रूप में शामिल करके दर्शाया गया है।
देश के नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति में सहायता करने के लिए प्रौद्योगिकी को उपलब्ध कराने और समर्थ बनाने के लिए जुड़ाव एक मानदंड है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-शासन में ई-क्रांति ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने पर नीति, ई-शासन प्रणालियों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने के लिए ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज (एपीआई) के लिए नीति, भारत सरकार की ई-मेल नीति, भारत सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों के उपयोग पर नीति, सरकारी एप्लीकेशन के साधन कोड को खोलने के लिए सहयोगपूर्ण एप्लीकेशन विकास पर नीति, कलाउड रेडी एप्लीकेशन के लिए एप्लीकेशन विकास एवं री-इंजीनियरिंग दिशा निर्देश जैसी नीति पहल शुरू की हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य राज्यों के छोटे और मुफस्सिल शहरों में बीपीओ केंद्र खोलने के लिए बीपीओ नीति को मंजूरी दी गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निधि (ईडीएफ) नीति का उद्देश्य नवाचार, अनुसंधान और विकास, उत्पाद और विकास को प्रोत्साहन देने उपक्रम निधियों के आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी प्रणाली का सृजन करने के लिए देश में आईपी का संसाधन पूल स्थापित करना है।
फलेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के उभरते हुए क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए फलेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए राष्ट्रीय केंद्र एक पहल है। इंटरनेट ऑन थिंक्स (आईओटी) के लिए उत्कृष्टता केंद्र इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ईआरएनईटी और नेस्सोकेम की संयुक्त पहल है। सन् 2019 तक डिजिटल इंडिया के अनुमानित प्रभाव से सभी पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से लेकर स्कूलों और विश्वविद्यालयों में वाई-फाई और सार्वजनिक रूप से वाई-फाई हॉटस्पोर्ट उपलब्ध हो जाएंगे। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम से भारी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स रोज़गार पैदा होंगे। इस कार्यक्रम की सफलता से भारत डिजिटल रूप से सशक्त बनेगा और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बैंकिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित सेवाओं की आपूर्ति में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में शीर्ष स्थान पर होगा।
प्रस्तुत कर्त्ता
संपत देवी मुरारका
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें