शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

पुरस्कार प्रदान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह संपन्न



प्रथम साहित्य मंथन सृजन पुरस्कारग्रहण करते हुए अरुणाचल प्रदेश की हिंदी लेखिका डॉ. जोराम यालाम नाबाम. साथ में – प्रो. ऋषभदेव शर्मा,  प्रो. एम. वेंकटेश्वर, विवेक नाबाम, प्रो.देवराज, . प्रो. एन. गोपि और  पद्मश्री जगदीश मित्तल, 


डॉ. जोराम यालाम नाबाम की पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद तानी मोमेनका लोकार्पण करते हुए प्रो. एम. वेंकटेश्वर. साथ में प्रो. देवराज, प्रो. एन. गोपि, पद्मश्री जगदीश मित्तल, अनुवादक विवेक नाबाम, लेखिका डॉ. जोराम यालाम नाबाम, डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा और प्रो. ऋषभदेव शर्मा. 







संबोधन को सुनते हुए तल्लीन श्रोता.





अरुणाचल प्रदेश की हिंदी लेखिका डॉ. जोराम यालाम नाबाम का सम्मान करते हुए लेखिका संपत देवी मुरारका 


प्रो. देवराज के साथ लेखिका संपत देवी मुरारका 

पुरस्कार प्रदान एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह संपन्न 


हैदराबाद, 15 नवंबर 2014..

मेरी माँ कहती थी कि चमत्कार पर विश्वास मत करो बल्कि चमत्कार को देखना सीखो | आज मेरी माँ मुझे याद आ रही है क्योंकि हैदराबाद के इस सभागार में मेरे लिए चमत्कार हो रहा है | मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि प्रेम के इस शहर में मुझे इतने महत्वपूर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है | मेरे पास शब्द नहीं है कि इस खुशी को अभिव्यक्त कर सकूँ | बस महसूस कर रही हूँ | मुझे लग रहा है कि साहित्य मंथनने मुझ पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी डाल दी है कि मैं लगातार अधिक से अधिक लिखती रहूं |’

ये उद्गार अरुणाचल प्रदेश की पहली हिंदी कथाकार डॉ. जोराम यालाम नाबाम ने साहित्य मंथनके तत्वावधान में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के खैरताबाद स्थित सम्मेलन कक्ष में संपन्न सम्मान समारोह में प्रथम साहित्य मंथन सृजन पुरस्कारग्रहण करते हुए प्रकट किए | यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 2013 में प्रकाशित उनकी कथाकृति साक्षी है पीपलपर प्रदान किया गया | 

समारोह में उपस्थित सभी साहित्यप्रेमी उस समय अभिभूत हो उठे जब डॉ. यालाम ने अपने वक्तव्य का समापन करते हुए कहा कि ‘मैं अपने हृदय की पूरी श्रद्धा के साथ यह पुरस्कार शिरोधार्य करते हुए पूर्ण पवित्रता का अनुभव कर रही हूँ |’ आज जब साहित्यिक पुरस्कारों को लेकर पुरस्कारदाता संस्था और पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के मन में केवल लेन-देन की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है वहाँ जोराम यालाम नाबाम द्वारा पुरस्कार की स्वीकृति का यह भाव एक नई आश्वस्ति को जन्म देता है | 

उल्लेखनीय है कि साहित्य मंथन सृजन पुरस्कारका प्रवर्तन पं. चतुर्देव शास्त्री की स्मृति में इसी वर्ष किया गया है. संस्था की अध्यक्ष डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने बताया कि यह पुरस्कार प्रति वर्ष साहित्य, समाजविज्ञान और संस्कृति संबंधी प्रकाशित कृति पर एक-एक वर्ष के क्रम में प्रदान किया जाएगा | पुरस्कार के अंतर्गत 11,000 रुपए की सम्मान राशि, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शाल, श्रीफल और लेखन सामग्री सम्मिलित हैं |

डॉ. यालाम को पुरस्कार प्रदान करते हुए नानीलुके प्रवर्तक और साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत प्रतिष्ठित तेलुगु कवि प्रो. एन. गोपि ने कहा कि यह मात्र डॉ. यालाम का ही सम्मान नहीं बल्कि पूर्वोत्तर की हिंदी रचनाशीलता का सम्मान है | उन्होंने ध्यान दिलाया कि हिंदी ही भारत को अखंड बनाने वाली भाषा है | यालाम की कहानियों में मुखरित स्त्री वेदना को उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के जनजातीय परिवेश का सच बताया |

विश्वप्रसिद्ध कला संग्राहक पद्मश्री जगदीश मित्तल ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन करते हुए कहा कि डॉ. यालाम को सम्मानित कर साहित्य मंथनने एक अनूठी पहल की है. यह सिलसिला बना रहना चाहिए |

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से पधारे प्रो. देवराज ने अपने वक्तव्य में अरुणाचल सहित समस्त पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विरासत और पौराणिक कथाओं का उल्लेख करते हुए आह्वान किया कि उस समस्त अलिखित संपदा को हिंदी के माध्यम से देश और दुनिया के सामने लाया जाना चाहिए | इस दिशा में पुरस्कृत लेखिका के प्रयासों की उन्होंने मुक्त कंठ से सराहना की |

समारोह की अध्यक्षता करते हुए अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. एम. वेकटेश्वर ने कहा कि अरुणाचल में जीवन को रोज एक नई चुनौती का सामना करना पड़ता है | ऐसे में वहाँ की स्त्रियाँ अपने अदम्य साहस के बल पर विषम परिस्थितियों से दो-दो हाथ करती हैं तथा डॉ. यालाम के कहानी सग्रह साक्षी है पीपलमें अरुणाचल की जनजातियों की इसी स्त्री का दर्द अभिव्यक्त हुआ है |

इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के पौराणिक आख्यानों पर आधारित डॉ. जोराम यालाम नाबाम की हिंदी पुस्तक तानी मोमेन’ (पुरखों की लीलास्थली) के विवेक नाबाम द्वारा किए गए अंग्रेजी अनुवाद को भी डॉ. एम. वेंकटेश्वर ने लोकार्पित किया |

इस अवसर पर संपत देवी मुरारका, मदन देवी पोकरणा, विनीता शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, पवित्रा अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, आशीष नैथानी, ज्योति नारायण तथा हैदराबाद के समस्त लब्ध प्रतिष्ठित गणमान्य उपस्थित थें | समारोह का संचालन डॉ. जी. नीरजा ने किया तथा साहित्य मंथनके संस्थापक डॉ. ऋषभदेव शर्मा ने आभार प्रकट किया | 

प्रस्तुति : डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
प्रस्तुत कर्त्ता: संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

मंगलवार, 18 नवंबर 2014

आमंत्रण



परम आदरणीय गौ-भक्त,
       आपको यह जान कर अत्यधिक प्रसन्नता होगी आपका कृपा पात्र गौरक्षा संगठन ''सर्वदलीय गौरक्षा मंच परिवार'' जो गौ-प्राण ब्रह्मलीन पूज्य पाद प्रातः स्मरणीय अनन्त श्री विभूषित धर्म-सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के आदर्शो पर चलने वाला संगठन है। गौ-माता की महिमा का प्रचार -प्रसार हेतु एक गौ-ग्रन्थ का प्रकाशन कर रहा है। जिसमे देश के सभी प्रतिष्ठित साहित्यकारों ,कवियों, गौ-प्रेमी संतों की गौमाता सम्बंधित रचनाओं का समावेश होगा । आप साहित्य की किसी भी विधा में अपनी बेहतरीन रचना इस सद ग्रन्थ में छपने हेतु भेज सकते है।
इस पवित्र गौ-ग्रन्थ के प्रधान संपादक राजर्षि धर्मवीर ठाकुर जयपाल सिंह ''नयाल सनातनी'' ( पूर्व निजी सचिव ब्रह्मलीन शंकराचार्य महा-स्वामी दत्त योगेश्वर तीर्थ जी महाराज पूरी पीठाधिश्वर ) है। जो ''सर्वदलीय गौरक्षा मंच'' के संस्थापक एवं वर्तमान में राष्ट्रिय अध्यक्ष है।अपने इससे पूर्व भी एक लघु सद-ग्रन्थ  !! भारत विश्व एवं समस्त ब्रह्माण्ड के कल्याणार्थ गौ-महिमा का सनातन विधान !! का संपादन किया है। जिसका लोकार्पण ज्योतिष पीठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज, दो-दो जैनाचार्य एवं देश के 40 गौ-विषयक विद्वानों ने विश्व स्तरीय गौरक्षा महाकुम्भ 6 अप्रेल 2013 में हैदराबाद में किया था। जिसकी प्रशंसा देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी ने भी की है। और यह लघु गौ-ग्रन्थ लगभग सभी देश भर के विद्द्वानो को भेट की गई है जिनमे राजनेता और संत अधिक है। साथ ही इसबार के ''गौ ग्रन्थ'' में 5 साहित्यकारों का संपादक मंडल भी काम कर रहा है। इस बार हमारी योजना इस सद-ग्रन्थ को जनवरी 2015 के दुसरे सप्ताह तक प्रकाशित कर देश के हमारे लोकप्रिय प्रधान मंत्री श्रीमान नरेंद्र भाई मोदी जी के हाथो लोकार्पण कराने की है। जो गौमाता की कृपा से ही संभव होगा हमारा तो सिर्फ प्रयास पूर्ण रहेगा जो गौ-कृपा से ही सफलता की सीडी चडेगा ।
महोदय आप श्री से निवेदन है आप अपनी रचना इस 2014 नवम्बर के आखिरी हप्ते तक भेज दें। रचना दमदार होने पर ही छापी जाएगी। छापना ना छापना संपादक मंडल का एकाधिकार है। रचना के साथ आपकी एक पासपोट साईज फोटो और आपका पूरा पता संलग्न होना चाहिए।  
संतों एवं वरिष्ट साहित्यकारों, राज नेताओं से करवद्द निवेदन है की अपना शुभ कामना पत्र, संत आशीर्वाद पत्र अपने लेटर-हेड पर हाथ से लिख कर भेजने की कृपा करें ताकि हम आपका पत्र ज्यों  का त्यों  छाप सकें।
नमस्कार जय गौ-माता की। आपका अपना ही ''नयाल सनातनी'' गौ-चरणों का दास, गौ-ग्रन्थ प्रधान संपादक, हैदराबाद।
हमारा ईमेल आई डी --nayal1970@gmail.come है
एवं हमारा पता ;--- राजर्षि धर्मवीर ठाकुर जयपाल सिंह ''नयाल,
सर्वदलीय गौरक्षा मंच 445, 51 तीसरा विंग, चौथा ब्लाक
जनप्रिय मेट्रोपोलिस अपाटमेंट, मोती नगर, हैदराबाद 500018 तिलंगाना 

प्रस्तुत कर्त्ता: संपत देवी मुरारका 
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
अध्यक्षा (विश्व वात्सल्य मंच)
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.नं.: 09441511238

कादम्बिनी का दीपावली मिलन-पुस्तक विमोचन संपन्न











कादम्बिनी का दीपावली मिलन-पुस्तक विमोचन संपन्न

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्त्वावधान में रविवार दि.16 नवंबर को द.भा. हिंदी प्रचार सभा खैरताबाद के सभागार में क्लब की 268वीं मासिक गोष्ठी के अंतर्गत दीपावली मिलन, चिड़िया मैं बन जाऊँ, सोनिया इन क्रमश: बालकहानी संग्रह और काव्य संग्रह का लोकार्पण तथा सम्मान समारोह संपन्न हुआ |

क्लब अध्यक्षा डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका  मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर श्री जसमत भाई पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की | प्रो.देवराज (वर्धा), डॉ.जोराम यालाम नाबाम (अरुणाचल प्रदेश), अमन त्यागी (निजाबाबाद), अरविंदकुमार सिंग, डॉ. ऋषभदेव शर्मा (अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, द.भा.हि.प्र सभा), पवित्रा अग्रवाल (कथाकार, चिड़िया मैं बन जाऊँ), डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब अध्यक्ष/संयोजिका) मंचासीन हुए |

कार्यक्रम का आरंभ मंचासीन अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ | शुभ्रा महंतो ने निराला रचित सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की सुन्दर प्रस्तुति दी | मीना मूथा ने सभा का स्वागत करते हुए क्लब का संक्षिप्त परिचय दिया | डॉ.अहिल्या मिश्र ने अतिथियों का स्वागत व परिचय देते हुए कहा कि त्रयनगर के रचनाकारों, साहित्यकारों को संस्था की दो दशकों की सफल यात्रा का श्रेय जाता है | डॉ.मिश्र ने अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति पर भी प्रकाश डाला | सभा को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी | मंचासीन अतिथियों का तथा प्रसिद्द अनुवादक जी.परमेश्वर का (द्विवागीश अनुवाद पुरस्कार नई दिल्ली) शाल-माला-पुष्पक प्रति भेंट कर सम्मान किया गया | इसमें डॉ.देवेन्द्र शर्मा, विनीता शर्मा, अनिल वाजपेयी, डॉ.मदनदेवी पोकरणा, दत्त भारती, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, डॉ.सीता मिश्र, डॉ.जी.नीरजा, संपत देवी मुरारका, सरिता गर्ग, जी.परमेश्वर, ज्योतिनारायण ने सहयोग दिया | इस अवसर पर श्रीमती संपत देवी मुरारका ने अपनी यात्रा वृत्तांत संबंधी पुस्तकें अंतर्राष्ट्रीय हिदी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देवराजजी को भेंट की |

प्रथम सत्र में लघु-बालकथाकार पवित्रा अग्रवाल की किताब चिड़िया मैं बन जाऊँ का परिचय देते हुए डॉ.ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक पवित्राजी के भीतर की माँ को बखूबी सामने लाता है | आज हिंदी में बालसाहित्य लिखने वाले बहुत कम हैं | यह बड़ा चुनौती का कार्य है | ये कहानियां 6-7 वर्ष के बालकों के लिए हैं, ये कहानियां मनोरंजन करते-करते नैतिक मूल्य की स्थापना करती है | प्रश्न करना और जिज्ञासा का समाधान करना लेखिका सिखाती है | शिल्प वही है जो अपने आप आ जाये | इनमें माँ बोलती है, बच्चे बोलते हैं, यही पवित्राजी के संग्रह की सफलता है |

पवित्राजी ने कहा कि इनके बच्चें और बच्चों से जुड़े अनुभव उनके लिए प्रेरणा बने | एक जागृत माँ होना आवश्यक है | बदलते समय में बालिश मन अभ्यास, उनकी चिंताएं, प्रश्नों को हमें टटोलना चाहिए | एक लघुकथा संग्रह प्रकाशनामार्ग पर होने की भी बात उन्होंने कही | जी.परमेश्वर ने कहा कि पवित्राजी की बालकथाएं वे तेलुगु में अनुदित कर रहे हैं |

तत्पश्चात प्रो.देवराज एवं मंचासीन अतिथियों के करकमलों से चिड़िया मैं बन जाऊँ का तालियों
की गूँज में लोकार्पण हुआ | तत्त्पश्चात सोनिया काव्यसंग्रह (कवि डॉ.अशोक स्नेही) का परिचय देते हुए प्रकाशक अमनकुमार त्यागी ने कहा कि पत्नी के निधन के बाद स्नेहीजी का डिप्रेशन में जाना और पुन: अपने चिकित्सा कार्य में वापस आना सोनियाके कारण ही संभव हुआ है | यह संग्रह किसी व्यक्ति को जीवन देने वाला काव्य है | डॉ.शर्मा ने संग्रह के कुछ छंद सुनाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया | डॉ.यालाम के करकमलों से सोनियाकाव्यसंग्रह का लोकार्पण हुआ |

अरविंद सिंग ने कहा कि ऐसे आयोजन साहित्यिक क्षेत्र के लिए आवश्यक हैं | डॉ.यालाम ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में ऐसे आयोजन कम होते हैं | वे आज के समारोह को हमेशा याद रखेंगी | इस दौरान यालाम ने मीरा के पदों की प्रस्तुति दी | प्रो.देवराज ने कहा कि पवित्राजी की कहानियों में माँ की चिंताएं, नई चुनौतियों के साथ सामने आती है | बालकथाकार को लेखक के रूप में आज भी स्वीकारा  नहीं जाता है, यह हिंदी साहित्य का दुर्भाग्य है | बालकथाकार, बालकहानियों के माध्यम से एक पीढ़ी को रचता है | वह पीढ़ी जिसके हाथ में भविष्य का नेतृत्त्व है | पवित्राजी का यह महत्त्वपूर्ण योगदान है साहित्य के लिए | जसमत पटेल ने अध्यक्षीय बात में कहा कि पवित्राजी, अशोकजी को उनके संग्रह के लोकार्पण पर अनेक बधाइयां तथा साहित्य की इस अमूल्य सेवा के लिए साधुवाद | प्रथम सत्र का संचालन मीना मूथा ने किया और ज्योति नारायण ने आभार व्यक्त किया |

द्वितीय सत्र में भंवरलाल उपाध्याय के सफल संचालन में एवं प्रो.देवराज, डॉ.यालाम के आतिथ्य में कविगोष्ठी का आयोजन हुआ | इसमें बी.बालाजो, लक्ष्मीकांत जोशी, डॉ.देवेन्द्र शर्मा, विनीता शर्मा, संपत देवी मुरारका, सुषमा बैद, देवाप्रसाद मयला, आशीष नैथानी, सूरजप्रसाद सोनी, उमा सोनी, पुष्पा वर्मा, डॉ.पूर्णिमा शर्मा, डॉ.ऋषभदेव शर्मा, डॉ.जी.नीरजा, दत्तभारती, सुनील गौड़, संतोषकुमार रजा, अजीत गुप्ता, डॉ.यालाम, अमनकुमार त्यागी, गौतम दीवाना, पवित्रा अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, डॉ.अहिल्या मिश्र, जी.परमेश्वर, मीना मूथा ने काव्य पाठ किया | प्रो.देवराज ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | इस अवसर पर डॉ.के.पद्मावती, लीला बजाज, डॉ.संगीता व्यास, मंगला अभ्यंकर, रिद्धिश जागीरदार, डॉ.सीता मिश्र, सुजीत मिश्रा, पल्लव पाण्डेय, जुगल बंग जुगल, जे.रामकृष्ण, भूपेन्द्र मिश्र, मधुकर मिश्र,आदि की उपस्थिति रही | मीना मूथा के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |
डॉ.अहिल्या मिश्र
क्लब अध्यक्ष/संयोजिका
संपत देवी मुरारका
यात्रा विवरण लेखिका
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

'परिकल्पना ब्लॉग उत्सव सह अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन' में प्रतिभाग के संदर्भ में


'परिकल्पना ब्लॉग उत्सव सह अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन' में प्रतिभाग के संदर्भ में
Inbox
x
https://plus.google.com/u/0/_/focus/photos/public/AIbEiAIAAABECLHf0ZeP9-zZmQEiC3ZjYXJkX3Bob3RvKig4YmVkMzliNzY2YmIwZGEzMjhkNWI2MDUyNTY1ZTBkZGRhOTZjYjEzMAHfdbj7xbvEmdDs7iSUAh6heoSkiQ?sz=32
ravindra prabhat <ravindra.prabhat@gmail.com>
Oct 16
https://mail.google.com/mail/u/0/images/cleardot.gif
https://mail.google.com/mail/u/0/images/cleardot.gif
https://mail.google.com/mail/u/0/images/cleardot.gif
to me
https://mail.google.com/mail/u/0/images/cleardot.gif
Hindi
English
   
Translate message
Turn off for: Hindi
आदरणीया सम्पत जी
अभिवादन। 

यह जानकार मुझे अतीव प्रसन्नता की अनुभूति हुई,  कि आप  'परिकल्पना ब्लॉग उत्सव सह अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन' में प्रतिभाग करना चाहती हैं।  उल्लेखनीय है कि सम्मेलन का मूल उद्देश्य स्वंयसेवी आधार पर दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना आदि है। 

इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी का विषय है –"ब्लॉग के माध्यम से दक्षिण एशिया में शांति-सद्भावना की तलाश"। इसके अलावा सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या भी आयोजित होगी। समस्त प्रतिभागियों को- थिम्पू के उत्तरी किनारे पर स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध मठ सह गढ़- तशीछों दजोंग के साथ-साथ थिम्फू स्थित फ़ौक हेरिटेज मियूजियमनेशनल टेकस्टाईल मियूजियमनेशनल मेमोरियल चोरटेन। दोचूला स्थित कुएंसेल फोड्रंग, मोतीहंग ताकिन प्रिसर्वचंगङ्घा ल्हाखंग, विकेंड मार्केट तथा पारो स्थित टकटसँग मोनेस्ट्री, रिमपंग द्ज़ोंग, क्यीचू ल्हाखंग आदि स्थलों के अवलोकन का अवसर भी प्राप्त होगा। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति को आयामीट करने वाली चित्र प्रदर्शनी भी आम लोगों के लिए उपलब्ध रहेगी। इस यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता रहेगी भूटानी व्यंजन के साथ-साथ भारतीय व्यंजन का  भरपूर लुत्फ़।

इसमें शामिल होने हेतु प्रतिभागी को सहयोग राशि एक मुश्त देय है, जिसमें कोलकाता से पारो (भूटान) और पारो (भूटान) से कोलकाता तक के आने-जाने का एयर टिकट, थिम्फू और पारो में चार दिनों तक थ्री स्टार होटल में ठहरने की सुविधा, प्रोटोकॉल, भोजन, जलपान तथा पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय स्तर के समस्त शुल्क समाहित हैं।  

प्रतिभाग राशि एक मुश्त "परिकल्पना" के निम्नलिखित खाते में शीघ्र जमा करने होंगे, उसके बाद आपको कार्यक्रम से संबंधित समस्त विवरण और एयर टिकट भेज दिया जाएगा। यदि आप इस सम्मेलन में अपना शोध, आलेख, कविता आदि का वाचन तथा अपनी स्वय की प्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण कराना चाहते हैं, तो 15 नवंबर के पूर्व " परिकल्पना" के इसी मेल पर उपलब्ध कराना होगा। 

परिकल्पना 
खाता संख्या: 695905600109
आई सी आई सी आई बैंक विकासनगर लखनऊ 
आई एफ एस सी नंबर: ICIC0006959

ध्यान दें: सहयोग राशि जमा करने के पश्चात कृपया इसी मेल पर अपना बायोडाटा, एक फोटो, पासपोर्ट या वॉटर आई डी  की छाया प्रति भेजें ताकि एयर टिकट, ठहरने, प्रोटोकॉल, वीसा आदि की प्रक्रिया पूरी कराते हुये विवरण आपको प्रेषित किया जा सके।

अपना प्रतियुत्तर शीघ्र दें। धन्यवाद। 

भवदीय: 
मनोज कुमार पाण्डेय 
संयोजक सह व्यवस्थापक 
अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, थिम्फू (भूटान)

प्रस्तुत कर्त्ता: संपत द्रवी मुरारका 
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद