सादर प्रकाशनार्थ
‘युवा मनीषी डॉ अनेकांत जैन ने जापान में किया भारत का प्रतिनिधित्व’
अप्रैल ९-१० /२०१५,टोक्यो ,जापान,Religions for peace,Japan द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में युवा राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित डॉ अनेकांत कुमार जैन(सहायकाचार्य,जैन दर्शन विभाग,श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ ,नई दिल्ली) ने भारत की तरफ से जैन धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए वहां जैन धर्म दर्शन की प्राचीनता और अहिंसा अनेकांत के माध्यम से वैश्विक शांति की स्थापना में जैनधर्म के योगदान को रेखांकित किया तथा इन्हीं सिद्धांतों से विश्व की भावी दिशा तय करने पर ही सच्चे अर्थों में शांति स्थापित हो सकती है इस बात को “Jainism : way of peace” शीर्षक से अपने शोधपत्र के माध्यम से व्याख्यान एवं विमर्श के माध्यम से प्रस्तुत किया | सम्मेलन में पूरी दुनिया के कई देशों से विभिन्न धर्मों के विद्वानों ने विश्व शांति के उपायों पर अपनी बात रखी |ज्ञातव्य है कि भारत से मात्र डॉ अनेकांत प्रतिनिधित्व कर रहे थे |डॉ जैन ने प्राकृत भाषा के णमोकार मंत्र से ही अपनी बात को रखना प्रारंम्भ किया | व्याख्यान के बाद सभी लोगों में जैन धर्म को जानने की उत्सुकता और अधिक बढ़ गयी तथा आरम्भ में उद्घाटन समारोह में जहाँ लोग विभिन्न धर्मों का नाम लेते समय जैन धर्म का उल्लेख भी नहीं कर रहे थे ,व्याख्यान के उपरांत समापन समारोह तक सभी विद्वान अपने वक्तव्यों में जैन धर्म का भी नामोल्लेख करने लगे,यह एक बड़ी उपलब्धि रही | डॉ जैन ने टोक्यो जैन संघ द्वारा आयोजित दो विशिष्ट व्याख्यान समारोह में वहां की जैन समाज को प्राकृत भाषा के महत्व तथा जैन तत्वज्ञान के महत्व से परिचित भी करवाया | डॉ जैन इसके पूर्व ताइवान ,चाइना में आयोजित ऐसे ही एक विश्व सम्मेलन में जैन धर्म का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं |ज्ञातव्य है कि डॉ जैन B.L . INSTITUTE OF INDOLOGY,DELHI के शैक्षिक निदेशक प्रो.फूलचंद जैन प्रेमी जी तथा विदुषी डॉ मुन्नी पुष्पा जैन जी के ज्येष्ठ सुपुत्र हैं तथा प्राकृत भाषा के प्रथम समाचारपत्र “पागद-भासा“ के मानद सम्पादक हैं|डॉ जैन की इस महत्वपूर्ण यात्रा के लिए अनेक मनीषियों ,समाज श्रेष्ठियों तथा समाज के अनेक गणमान्य लोगों ने अग्रिम शुभकामनाये प्रदान की तथा कार्यक्रम की सफलता के बाद बधाईयाँ प्रदान की |
-अजीत पाटनी,कोलकाता
चित्र संलग्न
JIN FOUNDATION
OFFICE-
A93/7A,BEHIND NANDA HOSPITAL
CHATTARPUR EXTENTION,
NEW DELHI-110074
प्रस्तुत कर्त्ता
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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