मंगलवार, 24 जून 2014

‘विश्व मैत्री मंच द्वारा पुस्तक विमोचन एवं काव्य संध्या का आयोजन डलहौजी में’










‘विश्व मैत्री मंच द्वारा पुस्तक विमोचन एवं काव्य संध्या का आयोजन डलहौजी में’

हेमंत फाउंडेशन के विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन का दितीय दिवस के कार्यक्रम का आयोजन डलहौजी में 23 मई 2014 प्रख्यात लेखिका एवं ‘बिंदिया’ की सम्पादक गीताश्री की अध्यक्षता में संपन्न हुआ |

इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ.विद्या चिटको, विशेष अतिथि डॉ.रोचना भारती, डॉ.कृष्णा खत्री थीं | मधु श्रृंगी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | सुमिता केशवा ने स्व.हेमंत को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी कविता ‘जियो मुझे’ का पाठ कर कार्यक्रम की शुरुआत की | इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों से आई लेखिकाओं की, विभिन्न विधाओं की आठ पुस्तकों का विमोचन किया गया, जिसमें – रोचना भारती की दो पुस्तकें ‘यज्ञ से होगा सुनहरा कल’, ‘अन्तर्भाव’, कृष्णा खत्री की ‘कतार-कतरा’, संपत देवी मुरारका  ‘यात्रा-क्रम’ (प्रथम एवं द्वितीय भाग), सुमिता केशवा ‘चाय की चुस्कियों में तुम’, डॉ.प्रभा शर्मा  ‘तिमिर की उम्र ढलती जा रही है’, डॉ.प्रमिला शर्मा ‘नन्हें परिंदों की उड़ान’ शामिल है |

तत्पश्चात काव्य-संध्या में सभी साहित्यकारों ने गीत, गजल एवं कविताओं का पाठ किया | संस्था के आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई, इसमें महाराष्ट्र की अध्यक्ष प्रमिला शर्मा और रोचना भारती, छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष मधु सक्सेना एवं सरोज गायकवाड, भोपाल की अध्यक्ष जाया शर्मा ‘केतकी’, हैदराबाद की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका, अमेरिका की अध्यक्ष डॉ.विद्या चिटको नियुक्त किया गया | प्रमिला शर्मा ने संचालन किया | लक्ष्मी यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया |
प्रस्तुत करता- संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

मंगलवार, 17 जून 2014

'अभिनव इमरोज' मासिक पत्रिका




'अभिनव इमरोज़’ के जून 2014 अंक  में मेरी दो रचना प्रकाशित हुई है | इसके लिए  दीप्ति जी  आप बधाई की पात्र है |  सर्वथा  'नवीनऔर ' रचनात्मक' आइडिया  के लिए आपकी जितनी  भी सराहना  की जाए, कम है | 'अभिनव इमरोज़’ मासिक पत्रिका और खासकर दीप्ती जी को में हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


सोमवार, 16 जून 2014

विश्व मैत्री संघ का सेमीनार-धर्मशाला (हि.प्र.)में





विश्व मैत्री मंच द्वारा प्रथम हिंदी साहित्य सम्मेलन हिमाचल-प्रदेश में आयोजित

हेमंत फाउंडेशन के विश्व मैत्री मंच मुंबई, के तत्वावधान में महिला पत्रकारों एवं साहित्यकारों का प्रथम सम्मेलन 22 मई 2014  को हिमाचल-प्रदेश के धर्मशाला शहर में हिंदी साहित्य के विश्व स्तरीय परिप्रेक्ष्य में स्त्री की भूमिका विषय पर खुली चर्चा संपन्न हुई |

इस अवसर पर जया केतकी (युवा लेखिका-पत्रकार तथा वेब पत्रिका ‘सृजनगाथा डाट काम’ की कार्यकारी संपादक) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की | संतोष श्रीवास्तव (मंच संस्थापिका), सुमिता केशवा मंचासीन हुए | प्रभा शर्मा ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | सभी को शाल द्वारा सम्मानित किया गया | उद्घाटन सत्र में संतोष श्रीवास्तव ने अपने बीज वक्तव्य में संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला | सुमिता केशवा ने प्रस्तावना प्रस्तुत की | प्रथम सत्र में प्रतिभागियों के परिचय स्वागत के साथ कहानी पाठ हुआ | द्वितीय सत्र में विभिन्न प्रदेशों से पधारी लेखिकाओं ने हिंदी साहित्य के विश्व स्तरीय परिप्रेक्ष्य में स्त्री की भूमिका विषय पर खुली चर्चा की | चर्चा में भाग लेने वालों में प्रमुख हस्तियाँ थी | हेमंत फाउंडेशन की सुमिता केशवा व अमेरिका से आई डॉ.विद्या चिटको ने नारी जीवन व साहित्य पर प्रकाश डाला | इस अवसर पर श्रीमती संपत देवी मुरारका, डॉ.रोचना भारती, डॉ.संतोष श्रीवास्तव, डॉ.ज्योति गजभिये, लक्ष्मी यादव, मधु सक्सेना, डॉ.प्रमिला शर्मा, सरोज गायकवाड, डॉ.प्रभा शर्मा, मधु श्रृंगी, जया केतकी, कृष्णा खत्री आदि उपस्थित थीं | मीनू मदान ने संचालन किया | ज्योति गजभिये ने धन्यवाद ज्ञापित किया |
प्रस्तुत करता- संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

सुप्रसिद्ध स्व. श्री नारायण दास जाजू की 72 वीं जयंती पर साहित्य एवं संगीत संध्या आयोजित







स्व.श्री नारायण दास जाजू की 72 वीं जयंती पर साहित्य एवं संगीत संध्या आयोजित

विख्यात कवि एवं गजलकार स्व. नारायण दास जाजू की 72 वीं जयंती के अवसर पर शनिवार 14 अप्रेल 2014 को सायं 5.30 बजे भास्कर ऑडिटोरियम बी.एम.बिड़ला साइंस सेंटर, आदर्शनगर में साहित्य एवं संगीत संध्या का आयोजन संपन्न हुआ | यह कार्यक्रम हिंदी संवाद सेतु पत्रिका, कादम्बिनी क्लब, सांझ के साथी, साहित्य संगम, संतोष एजुकेशन सोसाइटी, आदर्श महिला संगठन, गीता प्रकाशन एवं दक्षिण समाचार के समन्वय से आयोजित हुआ |

इस अवसर पर डॉ.बलदेव वंशी (सुप्रसिद्ध कवि, साहित्यकार, नई दिल्ली) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की | उद्घाटन कर्ता श्री संजय जाजू (आई.ए.एस.), मुख्य अतिथि श्री विश्वजीत सपन (आई. पी. एस, प्रमुख कथाकार एवं शास्त्रीय गायक), प्रमुख वक्ता के रूप में श्री रफीक जाफर (सुप्रसिद्ध फ़िल्म लेखक एवं गीतकार, मुंबई), श्री प्रभाकर लालन (सुप्रसिद्ध नाट्य लेखक एवं निर्देशक), डॉ. विजय निशांत (मीडिया समन्वयक, नई दिल्ली) एवं डॉ.अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए |

अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया | डॉ. अहिल्या मिश्र ने स्वागत भाषण दिया | रफीक जाफर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जाजू की शायरी उनकी आत्मा के साथ जीती है | उन्होंने कविता को टूटकर चाहा और उसका साथ निभाया | हालांकि उनके जीवन में काफी सुख सुविधाएं थी, लेकिन जन के दुःख को उन्होंने अपनी कविताओं और गजलों में आत्मसात किया | उनकी कविताओं में साफ झलकता है कि भीतर द्वंद की स्थिति उनकी आखिरी सांस तक चलती रहती है और यही सच्चे साहित्यकार की पहचान होती है | उनकी साहित्य संपदा साहित्य प्रेमियों के लिए किसी दौलत से कम नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए मार्गदर्शन है, जो जीवन को समझना चाहता है | रफीक साहब ने कहा कि स्व. नारायण दास जाजू ने गोलकोंडा के शायर, कुली क़ुतुब शाह एवं नजीर अकबरा बादी की अवामी शायरी की रियायतों को आगे बढ़ाया है | उन्हें भाषा से भी प्यार था और संस्कृति से भी |

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आई.पी.एस. अधिकारी एवं साहित्यकार विश्वजीत सपन ने कहा कि
नारायण दास जाजू आशावादी और चेतना के कवि थे | उनकी शायरी पाता को नई प्रेरणा देती है | उद्घाटन करता संजय जाजू ने कहा कि उनके पिता नारायण दास जाजू ने जिस काव्यात्मक धरोहर को सुरक्षित छोड़ा है, वे उसे अगली पीढ़ियों को सौंपने का प्रयास कर रहे हैं | समारोह को नाट्य लेखाक एवं  निदेशक प्रभाकर ललन, पत्रकार विजय निशांत एवं शाशिनारायन स्वाधीन ने भी संबोधित किया | कवि एवं साहित्यकार बलदेव वंशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि नारायण दास जाजू ने कबीर की तरह कविता को वाणी का रूप दिया है | वाणी मन से निकलती है, इसलिए दूसरों को प्रभावित करती है |इस अवसर पर कविता पोस्टर भी जारी किया गया |

तत्पश्चात शुभ्रा महंतो, शशांक शेखर एवं कल्पना डाग ने संगीतबद्ध गजलें सुनाई | अवसर पर वरिष्ठ आ.ए.एस.अधिकारी एस.पि.सिंह, संपत देवी मुरारका, मदन देवी पोकरणा, विजयलक्ष्मी काबरा, सरोज शर्मा, सुरेश जैन, बिशनलाल संघी, रूबी मिश्रा एवं बड़ी संख्या में दर्शक दीर्घा में साहित्य एवं कला जगत की कई हस्तियाँ उपस्थित थीं |
प्रस्तुत कर्ता – संपत देवी मुरारका  
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

कादम्बिनी का वार्षिकोत्सव-संगोष्ठी-पुस्तक लोकार्पण संपन्न




संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद