शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

manwani anand-- Ham Sub Ullu Hain


सामूहिक दीपावली स्नेह मिलन के लिए बैठक आयोजित ता.3-10-2015


सामूहिक दीपावली स्नेह मिलन के लिए बैठक आयोजित

भाग्यनगर राजस्थानी संगठनों के तत्त्वावधान में सुल्तान बाजार स्थित राजस्थानी प्रगति समाज के कार्यालय में बैठक आयोजित की गई, जिसमें 21 नवम्बर को आयोजित होने वाले तृतीय विशाल सामूहिक दीपावली स्नेह मिलन के समारोह पर चर्चा की गई |
      है.सि.मा..संगठन की अध्यक्षा रत्नमाला साबू द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में आगे बाताया गया कि बैठक में मंत्राणी लीला बजाज, जयश्री सुदर्शन, राजेश्वरी पंडित, संपत देवी मुरारका, चन्द्रकला बंग, इंद्रा इन्नानी, किरण बंग, सुमन दीवान, शकुन्तला मोदानी, कांता व्यास आदि उपस्थित थीं | इसमें निर्णय लिया गया कि समारोह को मिल-जुलकर मनाया जाएगा | इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएँ, दोपहर से बिस्किट क्राफ्ट क्रियेशन, फ्रूट कार्विंग क्रियेशन, एक सन्देश देश और समाज के नाम स्लोगन आदि रखा गया है | स्टालों के लिए संपर्क किया जा सकता है |
     रत्नमाला साबूजी ने आगे कहा कि 8 अक्तूबर, गुरूवार को शाम 4 बजे राजस्थानी प्रगति समाज में मीटिंग का आयोजन किया गया है, समस्त राजस्थानी समाज से नम्र निवेदन है कि समय पर अवश्य पधारें |
प्रस्तुति: संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
सह-संपादक है.सि.मा..संगठन
अध्यक्षा विश्व वात्सल्य मंच
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न


कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न
कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्त्वावधान में रविवार दि.20 सितम्बर को कृष्णदेवराय सभागार में क्लब की  277 वीं मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन किया गया |
     क्लब अध्यक्षा डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि रुद्रनाथ मिश्र (मुख्य प्रबंधक राजभाषा एन.एम.डी.सी.) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की | एम.प्रभु (प्रधानमंत्री, हिन्दी प्रचार सभा एवं पुष्पक-29 के लोकार्पणकर्त्ता), नीरजकुमार (संपादक, साप्ताहिक दक्षिण समाचार), डॉ.अर्चना झा (पुष्पक प्रबंध सहयोगी), एवं डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब अध्यक्षा) मंचासीन हुए | मंचासीन अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन हुआ | सुधा गांगोली ने गणेश वंदना एवं सरस्वती वंदना की सुंदर प्रस्तुति दी | मीना मूथा ने सभा का स्वागत किया | डॉ.अहिल्या मिश्र ने स्वागत भाषण में अतिथियों का परिचय देते हुए कहा कि क्लब अपनी 22 वें वर्ष की यात्रा में कदम रख चूका है और इसका श्रेय त्रयनगर के साहित्य प्रेमियों को जाता है, जिनकी नियमित उपस्थिति संस्था को प्रेरणा प्रदान कर रही है | मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया गया, जिसमें नीरजकुमार, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, अवधेश सिन्हा, ज्योति नारायण, सरिता सुराणा ने सहयोग प्रदान किया |
     लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने पुष्पक प्रकाशन संदर्भ में कहा कि साहित्यिक जगत में कल्पनाके इतिहास के बाद पुष्पक ही सबसे निरंतर प्रकाशित होने वाली पत्रिका है | हिन्दी प्रचार सभा का सहयोग कादम्बिनी व पुष्पक का अभिन्न अंग है | डॉ.अर्चना झा ने पुष्पक-29 के परिचय में कहा कि सभी विधाओं का चित्रण इसमें देखने मिलता है | पारंपरिक संपादकीय न होकर नई चेतना व भाषा के प्रति चिंता, बदलते समय के साथ बदलाव पर विचार करने को प्रेरित करता है | चिंतन-मनन को भी ध्यान में रखते हुए कई आलेख, निबंधों का समावेश तथा संपादक मंडल का परिश्रम नजर आता है | निरंतर प्रकाशन पुष्पक की उड़ान को गतिशील बना रहा है | तत्त्पश्चात करतलध्वनि में पुष्पक-29 का लोकार्पण एम.प्रभु के करकमलों से हुआ |
     मंच की ओर से नीरजकुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य चलता रहे यह बड़ी बात है | अपने अहं को त्याग कर सभा में आना चाहिए | पुष्पक को सारथी बनाकर आगे बढ़ाना है और डॉ.मिश्र इसकी प्रतीक है | हिन्दी के प्रचार-प्रसार में 82 वर्षों से हिन्दी प्र. सभा का अमूल्य योगदान है | एम.प्रभु ने कहा कि जनसाधारण की भाषा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना झंडा फहरा रही है | हिन्दी प्रचार सभा कई शहरों में हिन्दी के प्रचार के कार्य में जुड़ी है | अध्यक्षीय बात में रुद्रनाथ मिश्रा ने कहा कि राजभाषा कामकाज की भाषा है और इसे साहित्य से जोड़ कर न देखें | सरकारी काम ऐसे ही होते हैं इस सोच को बदलना होगा | राजभाषा के साधक भी इन्हीं के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं | डॉ. मिश्र ने भोपाल में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि सरकारी तौर पर
आयोजित इस कार्यक्रम का सांस्कृतिक पक्ष अच्छा रहा | परन्तु हिन्दी की दशा-दिशा-विकास पर चिंतन-मनन कुछ कम नजर आया | सरिता गर्ग ने प्रथम सत्र का आभार व्यक्त किया |
     दूसरे सत्र में लक्ष्मीनारायण अग्रवाल के संचालन में और विनयकुमार झा की अध्यक्षता, नीरजकुमार के आतिथ्य में कविगोष्ठी संपन्न हुई | इसमें भावना पुरोहित, संपत देवी मुरारका, सुनील गौड़, नीरज त्रिपाठी, प्रवीण प्रणव, आशीष नैथानी, डॉ.सीता मिश्रा, पवित्रा अग्रवाल, कुंजबिहारी गुप्ता, देवाप्रसाद मयला, पवन जैन, वी.वरलक्ष्मी, शिवकुमार तिवारी कोहिर’, शशि राय, ज्योति नारायण, सरिता गर्ग, सरिता सुराना, पुरुषोत्तम कडेल, अनुपम कुमारी, सुजीत मिश्र, सत्यनारायण काकडा, सौम्या दुबे, दर्शन सिंह, अवधेश कुमार सिन्हा, जुगल बंग जुगल, सुषमा बैद, डॉ.मदनदेवी पोकरणा, डॉ.अहिल्या मिश्र, मीना मूथा ने काव्यपाठ किया | विश्वनाथ पेंढारकर, अवनीश दुबे, राम राय, मधुकर मिश्र,की भी उपस्थिति रही | विनयकुमार झा ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | नीरजकुमार ने सभी की रचनाओं को सराहा |
     मीना मूथा ने 11-12 दिसंबर को ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया का अधिवेशन हैदराबाद में होने जा रहा है, इसकी सूचना दी | तथा आ, आनंदऋषि साहित्य निधि की ओर से सम्मानित साहित्यकार डॉ.अहिल्या मिश्र, सुषमा बैद, मीना मूथा को बधाई दी गई | क्लब की ओर से सदस्यों को उनके जन्मदिन की ज्योति नारायण ने बधाई दी तथा सत्र का धन्यवाद ज्ञापित किया | साहित्यकार बालशौरी रेड्डी के निधन पर क्लब की ओर से मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई |
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण एवं ब्लॉगर
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015

पत्रकारिता की भाषा - राहुल देव



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प्रस्तुत कर्त्ता
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

स्वतंत्रता सेनानी पं. श्री राम शर्मा जी की जयन्ती पर शत- शत नमन-


" फिरंगी की खाकर लाठी,तुमने दी कुर्बानी
हे भारत के अमर सपूत,स्वतंत्रता सेनानी
जब. तक है इतिहास देश का,तेरा नाम रहेगा,
भारत की छाती पर अंकित,,तेरा नाम रहेगा ।"
हरियाणा शिरोमणि,हरियाणा के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी पं. श्री राम शर्मा जी की जयन्ती पर शत- शत नमन-
पण्डित जी का नारा -ए-हक
साजे-ए-दिल पर नगमा-ए-जमहूरियत गाता हूं मैं
जज्बा -ए-हुब्बे वतन रग -रग में भड़काता हूं मैं
जुल्म से टक्कर मेरी फितरत का इक अंदाज है
अपनी फितरत के इशारे पर मचल जाता हूं मैं ।
मैं कभी हालात की शिद्दत से घबराता नहीं,
जबारो के सामने झुकना मुझे आता नहीं ।
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि मैं मजबूर हूं
मुझ से नाइनसाफियों में चुप रहा जाता नहीं ।
हकपसंदी,,शाफगोई ही मेरा ईमान है
इम्तहां में मुस्कराना भी मेरी इक शान है।
अपने हम वतनों
की खातिर,कुछ भी कर सकता हूं मैं,
मैं तो बागी हूं बगावत ही मेरी पहचान है।