शुक्रवार, 23 जनवरी 2015

कादम्बिनी क्लब की मासिक बैठक संपन्न


संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


यात्रा क्रम-भाग तृतीय लोकार्पित ता.१६-१-२०१५


संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

लेखिका सम्मानित ता.१६-१-२०१५


संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद 

गुरुवार, 22 जनवरी 2015

संपत देवी मुरारका भूटान में “परिकल्पना सर्वोच्च शार्क शिखर सम्मान” से सम्मानित एवं यात्रा क्रम-भाग तृतीय लोकार्पित














 




 















 

संपत देवी मुरारका भूटान में परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान से सम्मानित एवं यात्रा क्रम-भाग तृतीय लोकार्पित

परिकल्पना समय, लखनऊ, के तत्वावधान में भूटान के होटल एवं रिसॉर्ट वांगचुक के सभागार में विगत 15 से 18 जनवरी 2015 तक भूटान की राजधानी थिम्पू और सांस्कृतिक राजधानी पारो में आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के दौरान यात्रा वृत्तांत पर श्रीमती संपत देवी मुरारका (हैदराबाद) को परिकल्पना सर्वोच्च शार्क शिखर सम्मानसे सम्मानित किया गया | इस अवसर पर उनकी पुस्तक यात्रा क्रम-तृतीय भाग का लोकार्पण भी संपन्न हुआ |

समारोह की अध्यक्षता प्रो. नित्यानंद पाण्डेय (असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष) ने की | लोकार्पण कर्त्ता, उद्घाटन कर्त्ता एवं मुख्य अतिथि श्री फूब शृंग (भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव, भूटान), श्री चन्द्र क्षेत्री (भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपमहासचिव, भूटान), श्रीमती थिनले ल्हाम (सार्क समिति के महिला विंग तथा इंटरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान की अध्यक्ष), श्री कृष्ण कुमार यादव (इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं) और श्री गिरीश पंकज (हिंदी के वरिष्ठ व्यंग्यकार) विशेष अतिथि एवं परिकल्पना समय के प्रधान संपादक तथा अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक श्री रविन्द्र प्रभात मंचासीन हुए |

अतिथियों के कर-कमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया | लखनऊ की कुसुम वर्मा ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | रविन्द्र प्रभात ने लेखिका का परिचय दिया | हैदराबाद की वरिष्ठ लेखिका संपत देवी मुरारका को यात्रा वृत्तांत हेतु सर्वोच्च परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया | इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें 25,000 की धनराशि, स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र और अंगवस्त्र मुख्य अतिथि श्री फूब शृंग के कर-कमलों से दिए गए |

सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री फूब शृंग ने कहा कि भूमण्डलीकरण के इस दौर में विभिन्न देशों के साहित्य, संस्कृति एवं परिवेश को ब्लागिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से न सिर्फ महसूस किया जा सकता है बल्कि उसे विस्तार भी दिया जा सकता है । उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति की हालिया भूटान यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन को भी उसी कड़ी में देखने की जरूरत है। सार्क समिति के महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण पर आज विश्व भर में चर्चा हो रही है और ऐसे में सार्क देशों में ब्लॉगिंग से जुडी समग्र महिलाओं को देखना एक सुखद एहसास देता है । 

श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ब्लॉगिंग न सिर्फ देशों और भाषाओं के बीच दूरियाँ कम करती है बल्कि यह विभिन्न प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के विचारों को एकाकार रूप में देखने की सुविधा भी  देती है । ब्लागिंग व सोशल मीडिया के समाजिक सरोकारों पर चर्चा करते हुए इसे उन्होंने दूर दराज के इलाकों तक भी जोडने की बात कही । प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय ने कहा कि हिन्दी को समृद्ध करने में ब्लॉगिंग का महत्वपूर्ण योगदान है और इसके माध्यम से दुनिया भर के लोग हिन्दी से जुड रहे हैं ।  गिरीश पंकज ने अपने उद्बोधन में हिंदी ब्लॉगिंग के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए इसे पुस्तकाकार रूप में भी लिपिबद्ध करने की बात कही । 

सम्मेलन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मेलन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना है । उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना है । 

इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ । इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम । डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स । कार्यक्रम का  संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया ।

प्रस्तुति:: संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
murarkasampatdevii@gmail.com  

संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्र विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद 

सोमवार, 12 जनवरी 2015







विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर तृतीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक सम्मेलन, तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी, चेन्नै और युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कं. लि., चेन्नै
  

बुधवार, 7 जनवरी 2015

नया दायित्व मिलने पर प्रेम सिंह राठौड़ सम्मानित



संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


नया दायित्व मिलाने पर प्रेमसिंह राठौड़ सम्मानित



संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


श्रीलाल शुक्ल पर संगोष्ठी आयोजित



संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


मारवाड़ी महिला संगठन का दीपावली स्नेह मिलन संपन्न




संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

हैदराबाद-सिकंदराबाद मारवाड़ी महिला संगठन का दीपावली मिलन ता.8-11-2014



संपत देवी मुरारका 
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

मंगलवार, 6 जनवरी 2015

ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया का 40 वां अधिवेशन त्रिसूर में संपन्न




 




 



ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया का 40 वां अधिवेशन त्रिसूर में संपन्न

ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया का 40 वां वार्षिक अधिवेशन केरल राज्य के त्रिसूर शहर स्थित केला, केरल इंस्टिट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के परिसर में संपन्न हुआ |

उद्घाटन सत्र में केरल के मंत्री राधाकृष्णन तथा सांसद सी.एल.जयदेवन, किला के निदेशक पी.पी. बालपन, पद्मश्री श्याम सिंह शशि के साथ A.G.I. नई दिल्ली के महासचिव शिवशंकर अवस्थी के साथ स्थानीय संयोजक डॉ.एस.कार्तिकेयन मंचासीन हुए | दीप प्रज्ज्वलन, स्वागत भाषण एवं सांसद तथा मंत्री के भाषण के साथ A.G.I. के महासचिव शिवशंकर अवस्थी ने अपना वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया |

इस मंच से कई पुस्तक लोकार्पित की गयी | हैदराबाद की संयोजिका A.G.I., डॉ.अहिल्या मिश्र के द्विभाषी काव्य संग्रह श्वास से शब्द तक का लोकार्पण संपन्न हुआ | साथ ही पुष्पक का 27 वां अंक डॉ.अहिल्या मिश्र-प्रधान संपादक एवं संपादक डॉ.रमा द्विवेदी की उपस्थिति में लोकार्पित की गई | इस कार्यक्रम में A.G.I. हैदराबाद चैप्टर की श्रीमती विनीता शर्मा, संपत देवी मुरारका, डॉ.सीता मिश्र, ज्योति नारायण, आशीष नैथानी सहित कुल सात सदस्यों ने इस द्विदिवसीय संगोष्ठी एवं अखिल भारतीय बहुभाषिक सम्मेलन में समय से त्रिसूर पहुँच कर अपनी सहभागिता निभायी |

संगोष्ठी का विषय साहित्य एवं समाज के लिए चार सत्रों का आयोजन किया गया | तीसरे सत्र की अध्यक्षता गोवा चैप्टर के संयोजक मोहन सुलभकर ने की | डॉ.अहिल्या मिश्र के संचालन में विभिन्न शहरों से प्रधान आठ विद्वानों ने अपने प्रपत्र प्रस्तुत किये | रामाश्रय गोयल, सुशील सरित, अरुण भुवनेश्वर, डॉ.राधाकृष्ण दीक्षित, तेजचिरलम, डॉ.वासुदेव शेष, लक्ष्मण प्रसाद, डेहरिया एवं श्रुति सिन्हा | डॉ.मिश्र ने साहित्य समाज का मार्गदर्शक होता है जो विषय को सह विषय में से एकता पर अपनी बात केन्द्रित करती हुई संचालन की |

सायंकाल एक अखिल भारतीय बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन श्री आचार्य भगवत दूबे (जबलपुर), डॉ.राजकुमार सौमित्र (जबलपुर), डॉ.अहिल्या मिश्र (हैदराबाद), पी. बालासुब्रमनियम (चेन्नई) के मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि तथा नरेंद्र परिहार (नागपुर) के संचालन में संपन्न हुआ | इसमें हैदराबाद चैप्टर की डॉ.रमा द्विवेदी, आशीष नैथानी, सीता मिश्र, संपत देवी मुरारका, विनीता शर्मा, ज्योति नारायण के साथ गोवा की ज्योति कुलकर्णी, सिन्धु असोलडेकर, प्रिया गोसावी, डॉ.पांडुरंग, श्रीगोवकर, कांचनवोरकर, डॉ. नवल भावड्रा (अजमेर), दीपक तिवारी दीपक, गायत्री तिवारी तथा श्री आलोक श्रीवास्तव (जबलपुर), वरदराजल, मलईमहन, राजाकृष्णन एवं मायनलाई (चेन्नई), सुरेखा शर्मा (गुडगाँव), सुरेश शर्मा, डॉ.राजेन्द्र मिलन, अशोक अश्रु, डॉ.यशोयश, सुशील सरित, कुंतलाकुंतल, डॉ.सुषमा सिहं, अमियआधार निडर (आगरा), रामुभैय्या (कोटा), डॉ..कीर्ति वंदन (मुज्जफरनगर), रामाश्रेय गोयल (सिम्हावली), सुधा कसिव, चित्रा चिकघरे, गुरु प्रताप शर्मा, कृष्णाकुमार द्विवेदी, बालकृष्ण महाजन, नेहा भंडारकर (नागपुर), डॉ.कामकोटी (चेन्नई), आदि के साथ डॉ.शिवशंकर अवस्थी, डॉ.सुरेश ढ़ींगरा एवं डॉ.श्याम सिंह शशि (नई दिल्ली) ने काव्यपाठ |

समापन समारोह में केरल राज्य के सांस्कृतिक मंत्री स्टीफन मुख्य अतिथि सी.के. थॉमस, निदेशक केरल दूरदर्शन, विशेष अतिथि एवं डॉ.श्याम सिंह शशि अध्यक्ष तथा डॉ. शिवशंकर अवस्थी  मंचासीन हुए | डॉ. अवस्थी ने द्विदिवसीय संगोष्ठी की कार्यवाही के साथ आम सभा सम्पान होने की बात रखी | श्री कार्तिकेयन स्थानीय संयोजक A.G.I. के धन्यवाद से संगोष्ठी समाप्त हुई |
संपत देवी मुरारका
आजीवन सदस्य A.G.I.
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

सोमवार, 5 जनवरी 2015

कादिम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित


कादिम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्त्वावधान में रविवार दि. 21 दिसंबर को हिंदी प्रचार सभा परिसर में क्लब की मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन हुआ |

क्लब संयोजिका डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर वी.वरलक्ष्मी ने गोष्ठी की अध्यक्षता की | भंवरलाल उपाध्याय (मुख्य अतिथि), डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब संयोजिका) मंचासीन हुए | मीना मूथा ने उपस्थित सभा का स्वागत किया | डॉ.रमा द्विवेदी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | डॉ.मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि सदस्यों का रचनात्मक सहयोग, माह में एक दिन कलम के नाम तथा गोष्ठी की निरंतरता ने क्लब को 21 वें वर्ष में पहुँचाया है |

प्रथम सत्र में सरिता गर्ग ने डीजीटल धोखाधड़ी व्यंग्य लेख की प्रस्तुति दी | प्रस्तुत लेख पर विचार प्रस्तुत करते हुए अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि छोटे कैंव्हास में मध्यमवर्ग की माली हालत, बाजारवाद, पीढ़ियों का अंतर आदि का सजीव चित्रण लेखिका ने किया है | नौकरशाही का करारा व्यंग्य, खेल का मैदान हो या राजनीति का, व्यंग्य के माध्यम से सरकारी तंत्र प्रणाली की भी खिंचाई की है | राजनीतिक जीवन और साहित्यिक जीवन दोनों में ही सरिता जी की ईमानदारी स्पष्ट दर्शित होती है | सरिता सुराणा जैन ने कहा कि विषय का चयन अच्छा है | कंप्यूटर का ज्ञान आज के जमाने की मांग है, प्रगति और विकास चाहते हैं तो इस तंत्र ज्ञान की जानकारी से अवगत होना अनिवार्य है | साथ ही  स्मार्ट फोन से कुछ लाभ हैं तो दूसरी ओर नई पीढ़ी का इससे अत्यधिक जुड़ाव चिंता का विषय भी है | डॉ.रमा द्विवेदी ने कहा कि शीर्षक सटीक और सार्थक है | छोटे-छोटे उदाहरणों से मध्यमवर्ग की मानसिकता, मध्यमवर्ग का परिवर्तन की इस तेज हवा के साथ जुड़ न पाना इस बात का संकेत भी प्रस्तुत लेख में मिलता है | सुनील गौड़ ने फोन के तकनीकी ज्ञान के अभाव से होनेवाली परेशानी का जिक्र किया | डॉ.अहिल्या मिश्र ने कहा कि सरिता जी ने विषय को गहराई से पकड़ा है | तकनीक की दुनिया मनुष्य को गुलाम बना रही है | बड़ी तेजी से तंत्रज्ञान का डेवलेपमेंट हो रहा है और मध्यमवर्ग दोनों रूप से सफर कर रहा है | टेक्नौलौजी एक सूचनात्मक तंत्र है, हमारे पास जीवित मस्तिष्क है इसलिए पुस्तकें कभी नहीं मरेंगी | भंवरलाल उपाध्याय ने कहा कि व्यंग्य शैली में सरिता जी आगे बढ़ना चाहती है तो शरद जोशी, हरिशंकरजी परसाई के लेखन को अवश्य पढ़ें, व्यंग्यकार के पास पींच और पंच दोनों चाहिए | वी.वरलक्ष्मी ने अध्यक्षीय बात में कहा कि अमीर वर्ग के पास हर वह आधुनिक तंत्र आ जाता है क्योंकि वह खरीद सकता है, भले ही उसे चलाना न आता हो और गरीब पैसों के अभाव में खरीदने से वंचित रह जाता है जबकि उसे लेटेस्ट तकनीक का फोन चलाना आता है | लेखिका का प्रयास प्रशंसनीय है |

द्वितीय सत्र में क्लब की ओर से कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा को महिला नवजीवन मंडल की
मानद प्रधानमंत्रिणी पद पर नियुक्ति के लिए बधाई दी गई | डॉ. मिश्र ने A.G.I. द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम (त्रिस्सुर केरला) के बारे में भी जानकारी दी | तत्पश्चात भंवरलाल उपाध्याय के सफल संचालन में तथा बालाप्रसाद गोयल की अध्यक्षता, सुरेश जैन के आतिथ्य में हास्य-व्यंग्य कवि गोष्ठी वर्ष 2014 को विदाई देते हुए संपन्न हुई | इसमें दर्शनसिंग, अंजू बैद, अवधेशकुमार सिन्हा, संपत देवी मुरारका, उमा सोनी, सत्यनारायण काकडा, डॉ.रमा द्विवेदी, संतोषकुमार ‘रजा’, सुनीता गुप्ता, हेमांगी ठाकर, आशीष नैथानी, शिवकुमार तिवारी-कोहिर, सुनील गौड़, देवाप्रसाद मयला, वी.वरलक्ष्मी, सूरजप्रसाद सोनी, सुरेश जैन, डॉ.अहिल्या मिश्र, लीला बजाज, डॉ.मदनदेवी पोकरणा, सरिता सुराणा, मंगला अभ्यंकर, मीना मूथा ने काव्यपाठ किया | बालाप्रसाद गोयल ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | सरिता सुराणा के धन्यवाद के साथ गोष्ठी का समापन हुआ |

संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी

हैदराबाद