सोमवार, 15 दिसंबर 2014

भूटान में सम्मानित होंगी सम्पत देवी मुरारका, मिलेगा परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान



भूटान में सम्मानित होंगी संपत देवी मुरारका, मिलेगा परिकल्पना सार्क सम्मान

हैदराबाद | मारवाड़ी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी और तेलुगु भाषा में एक साथ हस्तक्षेप रखने वाली 71 वर्षीया वरिष्ठ लेखिका, कवयित्री और पत्रकार हैदराबाद निवासी श्रीमती संपत देवी मुरारका को यात्रा वृतांत के लिए परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान दिया जाएगा | इस सम्मान के अंतर्गत 25,000 रुपये की धनराशि, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्र दिया जाता है | 15 से 18 जनवरी 2015 के दौरान भूटान में आयोजित होने वाले चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा | यह जानकारी सम्मेलन के संयोजक तथा परिकल्पना समय (मासिक पत्रिका) के प्रधान संपादक रवीन्द्र प्रभात ने दी है |

रवीन्द्र प्रभात ने यह भी बताया कि श्रीमती मुरारका की पुस्तक (यात्रा क्रम भाग-प्रथम एवं द्वितीय) पूर्व में प्रकाशित हो चुकी है और तृतीय भाग इसी माह में प्रकाशित हुई है, जिसका लोकार्पण उक्त समारोह में रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के कुलपति देशो पेमा थिनले (डॉ.) के द्वारा संपन्न होगा | इस अवसर पर भूटान के तकनीकी शिक्षा संस्थान के वरिष्ठ  प्राध्यापक श्री प्रोफथुबटें ग्यात्सो तथा गुणवत्ता आश्वासन और प्रत्यायन प्रभाग, प्रौढ़ एवं उच्चतर शिक्षा विभाग तथा शिक्षा मंत्रालय के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी श्री बी रैका भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे |

उन्होंने कहा कि श्रीमती मुरारका नेपाल, थाईलैंड, हांगकांग, सिंगापुर, लन्दन, बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, बफलो, फिलाडेल्फिया, वाशिंगटन डी.सी., वर्जीनीया, लॉस एन्जलस, लॉस वेगास, नेवेडा ग्रेंड केनन, सोलावेंग, हर्ष कैशल, सेन फ्रांसिस्, बर्सटोव, थौस्मिट नैशनल पार्क, लन्दन ब्रीज, सेंडीगो, ९सि वर्ल्ड), बाल्टीमोर, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन दुबई,आबूधाबी और युएई आदि देशों की यात्रा कर चुकी है |

उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष भी परिकल्पना समय, लखनऊ, द्वारा नेपाल की राजधानी काठमांडू में उन्हें परिकल्पना साहित्य सम्मान प्रदान किया गया था | इसके अलावा वे पूर्व में भारतीय संस्कृति निर्माण परिषद्, हैदराबाद का महारानी झांसी पुरस्कार, भारतीय वांगमय पीठ, कोलकाता का सारस्वत सम्मान, जैमनी अकादमी पानीपत, हरियाणा का रामधारी सिंह दिनकर सम्मान, भारतीय संस्कृति निर्माण परिषद्, हैदराबाद का जन जागृति सद्भावना पुरस्कार, तमिलनाडू हिंदी साहित्य अकादमी, चेन्नई का साहित्य सेवी सम्मान आदि से अलंकृत और समादृत हो चुकी है |
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद 

गुरुवार, 11 दिसंबर 2014

​11वीं और 12वीं में संस्कृत पढ़ाने की नीति फिर से शुरू करने का फैसला




11वीं और 12वीं में संस्कृत पढ़ाने की नीति फिर से शुरू करने का फैसला


केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा छठी से आठवीं तक तीसरी भाषा के तौर पर जर्मन की जगह संस्कृत को लागू करने के बाद क्लास 11वीं और 12वीं में संस्कृत पढ़ाने की नीति फिर से शुरू करने का फैसला किया है.
केवीएस ने सभी स्कूलों को भेजे पत्र में संस्कृत पढ़ाने के लिए संविदा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को कहा है.अधिकारियों ने कहा कि चुनिंदा विषय के तौर पर संस्कृत के अध्यापन की नीति थी लेकिन इसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा था और इसलिए 1980 के दशक से संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति रूक गई थी.
केंद्रीय विद्यालय के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 27 अक्तूबर को हुई 99वीं बैठक में11वीं और 12वीं कक्षाओं में वैकल्पिक विषय के तौर पर संस्कृत पर जोर देने का फैसला किया गया था । -- विजय कुमार मल्होत्रा ,पूर्व निदेशक (राजभाषा),रेल मंत्रालय,भारत सरकार,

महामना मालवीय मिशन मुंबई इकाई द्वारा
दूसरी मालवीय स्मृति व्याख्यानमाला इस वर्ष रविवार 14 दिसंबर 2014 को

महामना मालवीय मिशन सोसायटी अधिनियम के तहत 1978 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र द्वारा स्थापित पंजीकृत संस्था है जो महान स्वतंत्रता सेनानी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और आधुनिक भारत के निर्माता महामना मदन मोहन मालवीय के विचारों का प्रचार-प्रसार कर रही है
मिशन ने स्थापना के समय (लगभग 35 वर्ष) से युवाओं में राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करने और देश के विकास के लिए अनुकूल संस्कृति और काम के माहौल को बढ़ावा देने के लिए देश के विभिन्न भागों में शैक्षिक और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं के कार्यक्रम हाथ में लिए हैं । मिशन ने समाज के कमजोर वर्गों, दलित वर्गों और जनजातीय लोगों के लिए भी कई सामाज-कल्याण कार्यक्रम शुरू किए हैं।
पंडितजी की 150 वीं जयंती के अवसर पर मुंबई चैप्टर द्वारा मदन मोहन मालवीय  मिशन सोसायटी द्वारा मालवीय स्मृति व्याख्यानमाला प्रारंभ की गई थी । प्रथम मालवीय स्मृति व्याख्यानमाला मुख्य भाषण भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा दिया गया थाऔर अन्य वक्ता डा भीष्म नारायण सिंहपूर्व राज्यपाल थे और श्री गिरिधर मालवीयइलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे । कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 1000 लोगों ने भाग लिया था।

दूसरी मालवीय स्मृति व्याख्यानमाला इस वर्ष रविवार 14 दिसंबर 2014,  सुबह 10:00 बजे से नेशनल कॉलेज, बांद्रा के सभागारमें आयोजित किया जा रहा है जिसमें प्रख्यात विद्वान डॉ सुब्रमण्यम स्वामी मुख्य भाषण देंगे।
केंद्रीय रेल मंत्री  माननीय श्री सुरेश प्रभु समारोह की अध्यक्षता करेंगे। भवन निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता श्री मंगल प्रभात लोढ़ा सम्माननीय अतिथि होंगे। साथ ही कई अन्य अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर उपस्थित  होंगे।
आप रविवार 14 दिसंबर 2014 सुबह इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं। कार्यक्रम नि:शुल्क है।

         भवदीय 
     आनन्द शंकर पंडया                                        डी.सी. गुप्ता
           अध्यक्ष                                                               कार्यकारी अध्यक्ष
                                                                           (m) 09820608063                                                                             (m) 0932221519

संपत देवी मुरारका 
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच 
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद