‘कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न’
कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि. 19 मई को हिन्दी प्रचार सभा परिसर
में क्लब की 249 वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन किया
गया |
क्लब संयोजिका डॉ. अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना
मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस अवसर पर श्री जी.परमेश्वर
(अध्यक्ष), श्री अजित गुप्ता (मुख्य अतिथि), डॉ. अहिल्या मिश्र (क्लब संयोजिका) मंचासीन हुए | मीना मूथा ने उपस्थित सभा का स्वागत किया | क्लब सह-संयोजिका ज्योति नारायण ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | डॉ. मिश्र ने अतिथि एवं क्लब परिचय में कहा कि लिखना-पढ़ना और आगे
बढ़ना यही हमारा ध्येय है |
प्रथम सत्र में नई दिल्ली से प्रकाशित एवं डॉ.विंदेश्वर पाठक
द्वारा संपादित पत्रिका ‘सुलभ इण्डिया’ पर समीक्षात्मक चर्चा का आयोजन किया गया | डॉ.मदन देवी पोकरणा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जनवरी 2013 के इस अंक में ‘स्वच्छता
के समाजशास्त्र’ का विषद विवेचन किया गया है | अंक का वाह्य स्वरूप स्तरीय है | सुलभ शौचालय के पीछे की
भावना-प्रयास, हिंदी राष्ट्रभाषा में वैचारिक चिंतन
शीलता की प्रेरणा दायक प्रस्तुति मनुष्य समाजराष्ट्र को समुन्नत बनाने का लक्ष्य
नि:संदेह स्तुत्य है | चिंतन मनन के साथ कर्मठ कर्म की ओर उन्मुख
करने में पत्रिका सफल हुई है | पं. भगवतशरण उपाध्याय की कहानी
प्रसाद के कामायनी के प्रथम सर्ग की स्मृति दिलाती है | सुलभ इन्टरनैशनल के कार्यकर्ताओं ने विविध राज्यों में जो गतिविधियाँ
दी है उसकी रिपोर्ट कार्य की रफ्तार को स्पष्ट करती है |
डॉ. अहिल्या मिश्र ने कहा कि पत्रिका में राष्ट्रीय सम्मेलन
की झलकियाँ इस आंदोलन के बारे में बहुत कुछ कह जाती है | श्री पाठक सामाजिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में उतनी ही कर्मठता से
कार्यरत हैं | आज का युवावर्ग साहित्य से जुड़ने में इच्छुक नहीं है, यह चिंतनीय
बात है | श्री पाठक ए.जी.आई. के चेअरपर्सन हैं, इस बात से उनका व्यक्तित्व और कृतित्व कितना अनुकरणीय है यह स्पष्ट
होता है | श्री गुप्ता ने कहा कि कादम्बिनी में आज
लीक से हटकर एक ऐसी पत्रिका पर चर्चा की जो निश्चित ही प्रशंसनीय है | श्री पाठक ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफाई अभियान का बीड़ा उठाया
जिसमें कहीं परिवार की नाराजगी को भी उन्हें झेलना पड़ा | औरों के हित के लिए सोचने वाली इस हस्ती को इस पत्रिका के माध्यम से
विस्तार से आज यहाँ जाना गया | श्री जी.परमेश्वर ने अध्यक्षीय
बात में कहा कि परंपरा एवं रूढ़ियों के विरोध में क्रान्ति की अलख जगाते हुए
बिंदेश्वर का व्यक्तित्व एवं कृतित्व अनुकरणीय है |
तत्पश्चात श्री भंवरलाल उपाध्याय के सफल संचालन में कवि
गोष्ठी संपन्न हुई | इसमें सर्वश्री शिवकुमार तिवारी कोहिर, दर्शनसिंह, अजीत गुप्ता, विजय विशाल, गौतम दीवाना, भावना पुरोहित, हेमांगी ठाकर, संपत देवी मुरारका, ज्योति नारायण, डॉ.सीता मिश्र, डॉ. मदन देवी पोकरणा, मीना मूथा, डॉ. अहिल्या मिश्र ने काव्यपाठ किया | श्री जी. परमेश्वर ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | भूपेन्द्र मिश्र, सीताराम माने ने भी उपस्थिति दर्ज
कराई | क्लब सदस्य श्री मुकुंददास डांगरा एवं श्री अशोक सक्सेना ‘अनुज’ ए.जी.आई. हैदराबाद चै. सदस्य एवं कवि के दू:खद निधन पर दो मिनिट का
मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई | ज्योति नारायण ने धन्यवाद ज्ञापित
किया |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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