दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा में स्वतंत्रता पर्व संपन्न
हर कीमत पर आजादी की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हों – प्रो.दिलीप सिंह
हैदराबाद, 15 अगस्त 2013. (मीडिया विज्ञप्ति)
स्वतंत्रता
दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जिस राष्ट्रीय आजादी का हम आज स्वच्छंद उपभोग कर
रहे हैं उसे इस देश ने लंबे संघर्ष और भीषण यातनाओं के बाद प्राप्त किया ह | संघर्षों का यह इतिहास इस दृष्टि से अनोखा है कि एक ओर हमारे किशोर और युवा
क्रांतिकारियों ने उपनिवेशी शासन को सशस्त्र चुनौती दी तथा दूसरी ओर सहनशीलता की
चरमसीमा तक अहिंसक आंदोलन ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इस भावना को प्रमाणित
कर दिखाया कि अत्याचारी व्यवस्था को भी अहिंसा की ताकत के सामने आखिरकार झुकना ही
पडता है | इस संघर्ष की समस्त गाथा तमाम भारतीय भाषाओं के साहित्य में और लोक की
स्मृतियों में सुरक्षित है | आवश्यकता है कि हमारी नई पीढ़ियाँ साहित्य में निहित इस
राष्ट्रीय चेतना को आत्मसात करें और मिली हुई आजादी की हर कीमत पर रक्षा के लिए
संकल्पबद्ध हों |
ये
उद्गार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के कुलसचिव प्रो.दिलीप सिंह ने आंध्र
सभा में मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण के पश्चात अपने संबोधन में प्रकट किए | इस समारोह में चवाकुल नरसिंह मूर्ति,
शेख मोहम्मद कासिम, शेख जमीला बेगम विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए |
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वें स्वतंत्रता पर्व के तहत आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई | इसके बाद ध्वज स्तंभ के समक्ष
पूजा का सांस्कृतिक अनुष्ठान संपन्न हुआ और ध्वजारोहण के पश्चात अतिथियों ने अपने
उद्बोधनात्मक विचार व्यक्त किए | छात्र-छात्राओं ने राष्ट्र चेतनापरक गीत प्रस्तुत
किए | समारोह में सभा के विभिन्न विभागों के व्यवस्थापक, प्राध्यापक, कार्यकर्ता और छात्र उत्साहपूर्वक
सम्मिलित हुए |
आरंभ
में आंध्र सभा के सचिव सी.एस.होसगौडर ने मुख्य अतिथि का स्वागत-सत्कार किया | संयोजन प्रो.ऋषभदेव शर्मा ने किया तथा धन्यवाद डॉ.के.बी.मुल्ला ने दिया |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
आदरणीया संपत देवी मुरारका जी .. परिकल्पना साहित्य सम्मान पाने के लिए बधाई ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर लेख और अनूठे प्रयास
भ्रमर ५
आदरणीया संपत देवी मुरारका जी .. परिकल्पना साहित्य सम्मान पाने के लिए बधाई ....
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भ्रमर ५