सायना को युद्धवीर
पुरस्कार
स्वतंत्रता सेनानी व
हिंदी मिलाप के संस्थापक संपादक युद्धवीरजी के जन्मदिवस पर आज 22वें युद्धवीर स्मारक पुरस्कार से खेल की दुनिया में बैडमिंटनवीर पद्मश्री
सायना नेहवाल को सम्मानित किया गया | आंध्र-प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति
सुभाषन रेड्डी ने सायना को यह पुरस्कार प्रदान किया |
फैप्सी के
के.एल.एन.सभागार में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति बी.
सुभाषन रेड्डी ने राष्ट्र के विकास में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित
करते हुए कहा कि युवा प्रतिभाओं को खेल की दिशा में प्रोत्साहित करने और उन्हें
सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सही नीति और कानून न होने के कारण ही 125 करोड़ की जनसँख्या वाला भारत देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ रहा है |
उन्होंने कहा कि 6 से 14
वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों
के लिए शिक्षा पाने के अधिकार को अनिवार्य बनाने हेतु 1 अप्रैल, 2010 को अधिनियम बनाया गया और इस पर पूर्णत: अमल हेतु
तीन वर्ष का समय दिया गया, लेकिन इस समयावधि के दौरान बच्चों को इस अधिकार से
वंचित करने वालों पर अभी तक किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गयी | जब तक
खेल को एक प्रोफेशन और स्कूली पाठ्यक्रम के रूप में स्वीकार नही किया जाता, तब तक
भारत जैसे देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाने वाली युवा प्रतिभाओं
को उभारा नहीं जा सकता |
न्यायमूर्ति ने
शिक्षा पाने के अधिकार संबंधी अधिनियम में संशोधन कर इसमें खेल को भी अनिवार्य
बनाते हुए स्कूली जीवन में विद्यार्थियों के खेल की दिशा में पिछड़ने अथवा कमजोर
पड़ने पर उन्हें अनुतीर्ण करने का प्रावधान भी लाने का सुझाव दिया | उन्होंने कहा
कि इसके लिए अभिभावकों के साथ-साथ अध्यापकों को भी जागरुक होना होगा | प्रशासन को
भो युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने वाली खेल नीति को अमल में लाना चाहिए |
उन्होंने कहा कि खेल नीति बनायी तो जा रही है, लेकिन युवा प्रतिभाओं को उभारने के
लिए सुविधाओं के नाम पर केवल आंकड़ों में ही आवंटन किया जा रहा है | इसके अलावा
विद्यार्थी भी स्कूल के बाद वीडियो गेम और पिज्जा, बर्गर आदि जंक फूड तक सीमित हो
रहे हैं | इससे युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है | ऐसी स्थिति में खेल प्रतिभाओं
के उभरने की आशा नहीं की जा सकती |
सुभाषन रेड्डी ने
‘राष्ट्र के विकास में खेलों की भूमिका’ विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल को
भी दूसरे विषयों की तरह मुख्य विषय के तौर पर अपनाया जाए | जिस प्रकार समाज
विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग, राजनीतिक शास्त्र विषय पढ़ाये जाते हैं,
खेल को भी उसी श्रेणी में रखना होगा | उन्होंने कहा कि भारत में खेलों को अभी उतना
महत्त्व नहीं दिया जाता, जितना दिया जाना चाहिए | यदि खेल एवं खिलाड़ियों को
प्रोत्साहन दिया जाए, तो रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और नयी प्रतिभाओं को
अवसर मिलेगा | उन्होंने बताया कि ओलंपिक खेलों की शुरुआत से अब तक 17,281 मैडल विभिन्न खिलाड़ियों ने जीते हैं | इनमें भारत की भागीदारी मात्र 26 मेडलों तक ही सीमित है | इसमें 9 स्वर्ण, 6 रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं | भारत की जनसंख्या के आधार पर देखा जाए, तो भारत को कम
से कम 665 पदक जीतने चाहिए थे | भारत से भी छोटे देश जैसे कजाकिस्तान,
चेकोस्लोवाकिया भी ओलंपिक में अपनी अच्छी पहचान बना रहे हैं | इसलिए खेल की दिशा
में भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरना है, तो खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम का
अनिवार्य हिस्सा बनाते हुए इसका एक प्रोफेशन की तरह विकास करना जरुरी है | जिसके
जरिये देश की ही नहीं, बल्कि वैश्विक एकता और अखंडता को सशक्त किया जा सकता है |
उन्होंने सायना नेहवाल को युद्धवीर पुरस्कार दिये जाने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा
कि सायना ने राष्ट्र का नाम रोशन किया है | यह काम उसने अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन से
किया है | इनके पुरस्कारों को देखते हुए कहा जा सकता है कि उन्होंने अपनी उम्र से
ज्यादा पुरस्कार जीते हैं | उन्होंने कहा कि सायना केवल देश के लिए नहीं, बल्कि
विश्व के लिए गर्व का विषय है | उन्होंने युद्धवीरजी की सेवाओं का उल्लेख करते हुए
कहा कि वे केवल पत्रकार नहीं थे, बल्कि उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में भी अमूल्य योगदान
दिया | आजादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लिया |
पुरस्कार ग्रहिता
सायना नेहवाल ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करते हुए वे गौरव का अनुभव कर रही है |
क्योंकि पहली बार यह पुरस्कार किसी खिलाड़ी को दिया गया है | उन्होंने कहा कि देश
के लिए खेलना और जीतना ही उनका मुख्य लक्ष्य है | आगे भी वे इसी तरह की कोशिश करती
रहेंगी | साथ ही उन्होंने अनुरोध किया कि खेल के क्षेत्र में नयी प्रतिभाओं को
प्रोत्साहित किया जाए | उन्होंने अपने आपको हार्डवर्कर बताते हुए कहा कि वह
देशवासियों की दुआ और प्रेम के बलबूते ही बैडमिंटन के क्षेत्र में देश का नाम रोशन
कर रही है | उन्होंने कहा कि युद्धवीर अवार्ड ग्रहिताओं की सूची में अपने आपको
शामिल कर वे गौरवान्वित महसूस कर रही है |
फाउंडेशन के चेयरमैन
एवं आंध्र-प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव नरेंद्र लूथर ने स्वागत भाषण दिया और
अतिथियों और फाउंडेशन का परिचय दिया | उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में अपनी
पूर्ण क्षमताओं का उपयोग करना मुश्किल काम है, लेकिन यही जीवन की महत्वपूर्ण
उपलब्धि हो सकती है | युद्धवीरजी ने भी अपनी पूर्ण क्षमताओं का प्रयोग स्वतंत्रता
संग्राम और पत्रकारिता में किया | उसी तरह सायना नेहवाल ने भी दिखा दिया है कि
अपनी पूर्ण क्षमता का प्रयोग किस तरह किया जा सकता है | सायना पर हर देशवासी को
गर्व है | उन्होंने सायना की आत्मकथा का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी को इसे पढ़ना
चाहिए |
श्री लूथर ने मुख्य
अतिथि के बारे में कहा कि उन्होंने न्यायमूर्ति के रूप में कई सारे उदाहरण छोड़े
हैं, जिन्हें लोक कल्याणकारी फैसलों के रूप में देखा जा सकता है | ‘डेली हिंदी
मिलाप’ की महाप्रबंधक श्रीमती विपमा वीरजी ने प्रशस्ति-पत्र प्रस्तुत किया |
कवि नरेंद्र राय ने
सायना पर कविता सुनायी | अवसर पर हिंदी मिलाप द्वारा आयोजित साहित्यिक
प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किये गये | कार्यक्रम का संचालन
तरुण कुमार झंवर ने किया | खान अथर ने वंदेमातरम एवं जन गन मन गीत प्रस्तुत किया |
प्रतीक्षा वीर और अजय वीर ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ द्वारा स्वागत किया | फाउंडेशन के न्यासी डॉ.बजरंगलाल गुप्ता ने आभार
प्रस्तुत किया | अवसर पर न्यासीगण जाहिद अली खान, डॉ.मुरलीधर गुप्ता, प्रीतम सिंह,
अंजना गोयल (पार्षद), डॉ.अहिल्या मिश्र, संपत देवी मुरारका, अर्चना सिंह,
विजयलक्ष्मी काबरा, प्रसन्न भंडारी, एवं नगरद्वय के कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित
थे |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
(अध्यक्षा), इण्डिया काइंडनेश मूवमेंट
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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