“हिंदी अकादमी का पुरस्कार वितरण संपन्न”
आंध्र-प्रदेश हिंदी
अकादमी, हैदराबाद के तत्वावधान में ‘हिंदी दिवस 2012’ के उपलक्ष्य में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह प्रतिष्ठित पद्मभूषण मोटूरि
सत्यनारायण पुरस्कार ईमनि दयानंद को दिया गया | इसके तहत उन्हें एक लाख रुपये की
राशि दी गयी |
गगन विहार स्थित
आंध्र-प्रदेश हिंदी अकादमी सभागार में आयोजित समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि
प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव अजय मिश्र ने ईमनि दयानंद को पुरस्कार
दिया | इसके अलावा हिंदी युवा लेखक पुरस्कार डॉ.नीरजा को, तमिल भाषी हिंदी लेखक
पुरस्कार डॉ.ए. वी. सुरेश कुमार को, हिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार शशिनारायण
स्वाधीन को, उत्तम हिंदी अनुवाद पुरस्कार पारनंदि निर्मला को व मराठी भाषी हिंदी
लेखक पुरस्कार श्रीनिवास सावरीकर को दिया गया | इन्हें भी अजय मिश्र ने पुरस्कृत
करते हुए 25-25 हजार रुपये की राशि प्रदान की | कार्यक्रम की
अध्यक्षता अकादमी के निदेशक डॉ. के. दिवाकर चारी ने की | मंच का संचालन अकादमी के
अनुसंधान अधिकारी डॉ. बी. सत्यनारायण एवं पी. उज्जवला वाणी ने किया | मुख्य अतिथि
अजय मिश्र का सम्मान निदेशक डॉ. के दिवाकर चारी ने किया | इन्द्राणी व पद्मजा ने
अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका सम्मान किया एन. उप्पल नायुडू ने धन्यवाद
ज्ञापन प्रस्तुत किया | उल्लेखनीय है कि पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
ग्रहीता ईमनि दयानंद ने हिंदी और तेलुगु में लेखन कार्य किया है और ‘पत्थर भी गाते
हैं’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘जनता बनी अनाड़ी’, ‘एकलव्य की मूक वेदना’, ‘वेमन पदावली’
आदि हिंदी रचनाएँ की है |
श्रीमती पारनंदि
निर्मला ने आचार्य वकुला भरण रामकृष्णा की
पुस्तक ‘कन्दुकुरि वीरेशलिंगम’ का हिंदी में उत्तम अनुवाद किया है | डॉ. ए. वी.
सुरेश कुमार ने अंग्रेजी उपन्यास ‘लव स्टोरी’ का ‘प्रेम कहानी’ के नाम से हिंदी
में अनुवाद किया है | श्रीनिवास सावरीकर ने ‘गुरु महिमा’ को अंग्रेजी से मराठी में
तथा यार्लागडा लक्ष्मीप्रसाद के तेलुगु उपन्यास द्रौपदी का मराठी में अनुवाद किया
है | डॉ.जी. नीरजा द्विभाषिक मासिक पत्रिका स्रवंति में सह-संपादिका है |
शशिनारायण स्वाधीन ने ‘सोच के गलीच पर’, ‘अपनी जमीन पर सड़क सिर्फ रास्ता नहीं’,
‘दस्तक का सच’, ‘कालजयी’ इत्यादि पुस्तकें प्रकाशित की हैं | इस अवसर पर यात्रा
विवरण लेखिका संपत देवी मुरारका द्वारा शशिनारायण स्वाधीन जी को “यात्रा-क्रम द्वितीय भाग” पुस्तक सादर भेंट किया गया एवं डॉ. जी. नीरजा
जी को मुक्तामाला भेंट कर उनका भी सम्मान किया | इस अवसर पर टी. मोहन सिंह, मदन
देवी पोकरणा, संपत देवी मुरारका, गोविन्द मिश्र, एवं नगरद्वय के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित
थे |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
(अध्यक्षा), इण्डिया काइंडनेश मूवमेंट
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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