इस बार विश्व हिंदी सम्मेलन में फीजी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है। इसमें फीजी शिक्षा विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, पत्रकार , अध्यापक , हिंदी संस्थाओं के प्रतिनिधी और हिंदी सेवी शामिल हैं। विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने और अपनी पितृभूमि के दर्शन करने ये लोग अपने खर्चे और कुछ लोग तो लोन लेकर जा रहे हैं। इनका उत्साह और जज्बा देखते ही बनता है। इस बार विश्व हिंदी सम्मेलन में आपको बुला शर्ट पहने ( फीजी की राष्ट्रीय पोशाक ) पहने प्रतिनिधि दिखेगे और आपके उत्साह में भी वृद्धि होगी कि देश से हजारों किलोमीटर दूर हिंदी विद्वानों और हिंदी सेवियों की नई पीढ़ी तैयार हो रही है। फीजी के शिक्षा मंत्रालय ने भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए ( पैड लीव) वेतन सहित छुट्टी दी है। विश्व हिंदी सम्मेलन और फीजी को लेकर शांतिदूत में प्रकाशित लेख और प्रतिनिधिमंडल का चित्र भी संलग्न है।
अनिल शर्मा
द्वितीय सचिव, हिंदी और संस्कृति
भारत का उच्चायोग , सुव
द्वितीय सचिव, हिंदी और संस्कृति
भारत का उच्चायोग , सुव
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