A.G.I. का 43वां अधिवेशन कानपुर में
संपन्न
ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया एवं
इसके समस्त चैप्टर तथा केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के संयुक्त तत्वावधान में गत
दिनांक 24 एवं 25 मार्च 2018 को द्विदिवसीय विविध भाषा साहित्य महासम्मेलन का कार्यक्रम कानपुर में गुजैनी
स्थित दुर्गाप्रसाद विद्या निकेतन स्कूल के सभागार में संपन्न हुआ | उत्तर-प्रदेश
के केबिनेट मंत्री श्री सत्यदेव पचौरी मुख्य अतिथि के कर-कमलों से दीप प्रज्ज्वलन
के साथ शुभारंभ हुआ | इसमें तेलुगु, तमिल, मलयालम, पंजाबी, हिन्दी, अंग्रेजी,
मराठी, कोंकणी समेत कई भाषाओं के साहित्यकारों का समागन हुआ | विभिन्न भाषाओं के
साहित्यकारों की विभिन्न विधा में 138 पुस्तकों का विमोचन संपन्न
हुआ |
श्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि हमारे देश में
अलग-अलग भाषाओं के चलते ही बिखराव की स्तिथि है | ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया के
महामंत्री ने संस्था के क्रिया-कलापों का व्योरा पटल पर रखा | डॉ.सरोजिनी प्रीतम
संस्था की उपाध्यक्षा एवं पद्मश्री डॉ.श्याम सिंह ‘शशि’ भी मंचासीन थे | उद्घाटन
सत्र के पश्चात भाषा एवं मीडिया पर तथा हिन्दी और मीडिया पर आयोजित संगोष्ठी की
अध्यक्षता डॉ.अहिल्या मिश्र ने की | इसमें डॉ.शैलबाला (आगरा), डॉ.कामकोटि
(चेन्नई), डॉ.अरुणा पासवान (नई दिल्ली), डॉ.गुरुप्रसाद शर्मा ‘आग’ (नागपुर), अरुण
मुनीश्वर (छत्तीसगढ़), डॉ.शशि गोयल एवं डॉ.अरुणा गुप्ता (आगरा एवं मथुरा), दीपक
दीक्षित, डॉ.अर्चना झा एवं संपत देवी मुरारका (हैदराबाद) ने प्रपत्र प्रस्तुत किये
| इसमें कई बातें उभर कर सामने आयी |
डॉ.अहिल्या मिश्र ने अध्यक्षीय टिप्पणी में
कहा कि भाषा और मीडिया का संबंध अन्योन्याश्रित है | मीडिया की मिश्रित भाषा का
स्रोत एवं संचालन की तह में पैठे तो सारी अदृश्य बाजीगरी के माध्यम से होता है |
अन्तर्भूत लाल फीता शाही का खेल रहता है | वैसे भी साहित्यिक भाषा और आम भाषा का
अंतर सदा से चलता आया है | जन प्रवाह में जन भाषा ही प्रवाहित होती है | भाषा
विस्तार से हमें समझौता करना चाहिए | मीडिया जीवांत होता है | अन्य दो सत्रों में
इस परिचर्चा में देश के विबिन्न भागों से पधारे विद्वानों ने अपने मनतव्य रखे |
सायं 6 बजे से काव्य संध्या का आयोजन किया गया | जिसमें
विभिन्न भारतीय भाषाओं की रचना पढ़ी गई | डॉ.सरोजिनी प्रीतम की अध्यक्षता में
डॉ.अहिल्या मिश्र, नरेंद्र परिहार एवं अमी आधार नीडर के संयुक्त संचालन तथा
डॉ.शिवशंकर अवस्थी (विशेष अतिथि) के साथ
हैदराबाद के सर्व श्री
जी.परमेश्वर, देवा प्रसाद मायला, दीपक दीक्षित, डॉ.रमा द्विवेदी, डॉ.अर्चना झा,
संपत देवी मुरारका एवं राजेश मुरारका के साथ नागपुर, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु,
असम, गुवाहाटी, केरल, बिहार, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मध्य
प्रदेश, ग्वालियर आदि के लगभग 60 कवियों ने रचना पाठ किया | डॉ.सुरेश ढींगरा, अशोक ज्योति
एवं अरुण पासवान की रचनाओं को सराहा गया | पद्मश्री डॉ.श्याम सिंह ‘शशि’,
सैदापुरी, डॉ.गार्गी शरण मिश्र ‘मराल’ राधेश्याम बंधू आदि ने अपने काव्यपाठ से
विभोर किया |
समापन सत्र में कानपुर महानगर की महापौर
श्रीमती प्रमिला पाण्डेय ने उनकी भाषाओं के लिए देवाप्रसाद मायला (तेलुगु), कुंतला
दत्ता (असमी), डॉ.चित्र जनार्दन (मराठी), डॉ.अशोक ज्योति (हिन्दी) के लिए पुरस्कृत
एवं सम्मानित किया | डॉ.अहिल्या मिश्र को सत्यदेव पचौरी केबिनेट मंत्री उ.प्र. की
ओर से जमना देवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया | के.ए. पदमेश दुबे की ओर से ऑथर्स
गिल्ड ऑफ इण्डिया के अधिवेशन में पधारे सभी प्रतिभागियों का शाल से सम्मान किया |
हैदराबाद के सभी साहित्यकार भी सम्मानित हुए | तत्पश्चात खुले सत्र का आयोजन
उपाध्यक्षा डॉ.सरोजिनी प्रीतम एवं महामंत्री डॉ.शिवशंकर अवस्थी के नेतृत्व में
संपन्न हुआ | सभी चैप्टर ने अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत कर गत एक वर्ष में संपन्न
कार्यों की जानकारी सभा पटल पर रखी | आय-व्यय की स्वीकृति के साथ संपन्न हुआ |
सुन्दर आवास एवं उत्तम भोजन की व्यवस्था कानपुर में आरंभ नये चैप्टर की ओर से
संयोजक जय बहादुर सिंह राणा ने किया|
प्रस्तुति
: संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
email: murarkasampatdevii@gmail.com
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 9703982136
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