"सार्थक" पत्रिका का नवम्बर-दिसम्बर 2015 अंक प्रकाशित हो चुका हैI यह पत्रिका आपको हमारी वेबसाइट पर http://www.bookcuriosity.com/saarthak.php नि:शुल्क उपलब्ध है I इसके साथ ही यह बताते हुए अत्यन्त खुशी हो रही है कि “सार्थक” के पहले अंक (नवम्बर 2015) को लगभग पाँच हजार पाठकों ने पढ़ा | “सार्थक” परिवार और Bookcuriosity.com पाठकों से मिले समर्थन से काफी उत्साहित हैं | कई दिक्कतों को झेलते हुए जब पहला अंक प्रकाशित हुआ, तब इसकी कल्पना भी न थी कि पूरी दुनिया से आप सब का ऐसा सहयोग मिलेगा | पहले अंक का अनुभव काफी उत्साहवर्धक रहा | कई पाठकों के ईमेल एवं दूरभाष पर मिली प्रतिक्रियाओं ने हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ा दी है |
“सार्थक” वेब पत्रिका का मूल उद्देश्य विश्वभर में फैले हिन्दी भाषा एवं साहित्य से प्रेम करनेवाले लोगों के मध्य एक सम्पर्क सूत्र स्थापित करना हैं | यह सम्पर्क जितना प्रगाढ़ होगा, हिंदी का विकास भी उतनी ही तीव्र गति से होगा | देश विदेश में फैले हिंदी के पाठकों, लेखकों एवं शुभेच्छुओं का सहयोग “सार्थक” का मार्ग प्रशस्त करेगा | पाठकों से अनुरोध है कि वे यह भी बताएँ कि इसे कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है |
“सार्थक” के जनवरी, फरवरी और मार्च 2016 का सम्पादन अमेरिका में रह रहीं भारतीय मूल की, लेखिका डॉ कविता वाचक्नवी करेंगी | जनवरी अंक “विश्व हिन्दी”, फरवरी अंक “निराला” जी एवं मार्च अंक “स्त्री लेखन” पर केन्द्रित होगा | इन तीनो अंकों हेतु आप अपनी रचनाएँ यूनिकोड (12 font size, word format में शुद्ध टंकित) कर कर डॉ. कविता वाचक्नवी के ईमेल-kvachaknavee@hotmail.com या saarthak.editor@gmail.com पर यथाशीघ्र भेजें | रचना के साथ अपना एक चित्र एवं 4-5 पंक्ति मे परिचय भी संलग्न करें।
आनेवाला कल हिन्दी को विश्व में उसकी असली पहचान दिलाए, यही हम सबकी सोच है | आइए हम सब मिलकर हिन्दी को नई उँचाईयों तक पहुँचाएँ |
पत्रिका को नीचे दिए गये लिंक पर पढ़ सकते हैं -
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