11वें विश्व हिंदी सम्मेलन के अवसर पर विशेष श्रृंखला
मॉरीशस के हिंदी साहित्यकार
अभिमन्यु अनत
मॉरीशस में जन्मे और वहीं पर पले-बढ़ें भारतवंशी अभिमन्यु अनतहिंदी के प्रख्यात साहित्यकार थे जिन्होंने मॉरीशस के साहित्य को विश्व स्तर पर पहचान दी। उन्हें मॉरीशस के प्रेमचंद और उपन्यास सम्राट के रूप में भी जाना जाना जाता है।50 वर्षों से हिन्दी साहित्य सेवा के पश्चात इसी वर्ष जबकि 'विश्व हिंदी सम्मेलन' के रूप में उनकी जन्म भूमि पर हिंदी का महाकुंभ आयोजित होने वाला था, और इस मौके पर हजारों हिंदी प्रेमी इस साहित्य साधक से मिलने की आस लिए मॉरीशस आने वाले थे, वे उसके पहले ही4 जून 2018 को दुनिया छोड़ कर चले गए। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे।अन्य भारतवंशियों की तरह उनके पूर्वज भी अंग्रेजोंद्वारा वहाँ खेती में मजदूरों के रूप में काम करने के लिए लाए गए थे। मज़दूरों के रूप में गये वे लोग फिर लौट कर न आ सके और वहीं पर बस गए। मॉरीशस जब अंग्रज़ों के शासन से मुक्त हुआ। भारतीय जो श्रमिक बनकर वहाँ गए थे, उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ियाँ पढ़ी-लिखी और न केवल सम्पन्न बनीं बल्कि सत्ता के शिखर तक पहुंचीं।ने हिन्दी शिक्षण, रंगमंच, हिन्दी प्रकाशन आदि अनेक क्षेत्रों में कार्य किया।अभिमन्यु अनतउन्होंने अनेक वर्षों तक महात्मा गांधी संस्थान की हिन्दी पत्रिका 'वसंत' के संपादक एवं सर्जनात्मक लेखन एवं प्रकाशन विभाग के अध्यक्ष रहे। उन्होंने 'वसंत' एवं बाल-पत्रिका 'रिमझिम' प्रारंभ की। तीन वर्ष तक युवा मंत्रालय में नाट्य कला विभाग में नाट्य प्रशिक्षक के पद पर रहने के अतिरिक्त उन्होंने अठारह वर्ष तक हिन्दी अध्यापन का कार्य भी किया।वे दो वर्षों तक महात्मा गांधी संस्थान में अध्यक्ष भी रहे ।मॉरीशस के 'महात्मा गांधी इंस्टीटयूट' में भाषा प्रभारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इन दिनों अभिमन्यु अनत वहीं के 'रवींद्रनाथ टैगोर इंस्टीटयूट' का निदेशक पद संभाल रहे हैं।शांत, सौम्य व्यक्तित्व के धनी अभिमन्यु अनत अभिमन्यु अनत का साहित्य अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित है तथा उन पर अनेक शोध कार्य किए जा चुके हैं। उनकी रचनाओं का अनुवाद अंग्रेज़ी, फ्रेंच सहित अनेक भाषाओं में किया गया है।लाल पसीना, लहरों की बेटी, एक बीघा प्यार, गांधी जी बोले थे आदि उपन्यास, केक्टस के दांत, गुलमोहर खौल उठा इत्यादि कविता संग्रह तथा अपने अन्य आलेखों के माध्यम से गत 50 वर्षों से हिन्दी साहित्य को एक वैश्विक पहचान देने के लिए प्रयासरत रहे। उन्हेंअनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
कविता संकलन
1. कैक्टस के दांत
2. नागफनी में उलझी सांसें
3. एक डायरी बयान
4. गुलमोहर खौल उठा
संपादित कविता संकलन
1. मॉरीशस की हिन्दी कविता
2. मॉरीशस के नौ हिन्दी कवि
नाटक
1. विरोध
2. तीन दृश्य
3. गूँगा इतिहास
4. रोक दो कान्हा
5. देख कबीरा हांसी
कहानी संग्रह
1. एक थाली समन्दर
2. खामोशी के चीत्कार
3. इंसान और मशीन
4. वह बीच का आदमी
5. जब कल आएगा यमराज
प्रसिद्ध उपन्यास
इनके छोटे-बड़े उपन्यासों की संख्या पैंतीस है।
25. हम प्रवासी
1. लहरों की बेटी
2. मार्क ट्वेन का स्वर्ग
3. फैसला आपका
4. मुड़िया पहाड़ बोल उठा
5. और नदी बहती रही
6. आन्दोलन
7. एक बीघा प्यार
8. जम गया सूरज
9. तीसरे किनारे पर
10. चौथा प्राणी
11. लाल पसीना
12. तपती दोपहरी
13. कुहासे का दायरा
14. शेफाली
15. हड़ताल कब होगी
16. चुन-चुन चुनाव
17. अपनी ही तलाश
18. पर पगडंडी मरती नहीं
19. अपनी-अपनी सीमा
20. गांधीजी बोले थे
21. शब्द भंग
22. पसीना बहता
23. आसमाप अपना आँगन
24. अस्ति-अस्तु
सम्मान
अभिमन्यु अनत को अनेक महान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख हैं:
साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान,यशपाल पुरस्कार, जनसंस्कृति सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार आदि।
( प्रस्तुति)डॉ. एम.एल. गुप्ता 'आदित्य'निदेशकवैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी
मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136
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