सोमवार, 28 सितंबर 2015

त्रिदिवसीय, “10वां विश्व हिन्दी सम्मेलन” का महाकुंभ भोपाल में आयोजित संपत देवी मुरारका – विश्व वात्सल्य मंच







































त्रिदिवसीय, “10वां विश्व हिन्दी सम्मेलन का महाकुंभ भोपाल में आयोजित

संपत देवी मुरारका – विश्व वात्सल्य मंच  

भारत के ह्रदय प्रदेश मध्य-प्रदेश की सुंदर राजधानी एवं सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं झीलों की नगरी  भोपाल में दिनांक 10-12 सितम्बर, 2015 तक त्रिदिवसीय 10 वां विश्व हिन्दी सम्मेलन लाल परेड मैदान में विशेष रूप से बनाए गए माखनलाल चतुर्वेदी नगर के रामधारी सिंह दिनकर सभागार में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी के द्वारा उद्घाटित किया गया | मोदीजी ने हिंदी के विशाल स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए अपने हिन्दी सीखने के माध्यम के रूप में अपना चाय बेचने का काम बताया | उन्होंने कहा कि दुनिया में हिन्दी के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है | हिन्दी की समृद्धि के लिए इसे अन्य भारतीय भाषाओं के साथ न केवल जोड़ने की प्रक्रिया चलानी चाहिए, बल्कि इसे निरंतर जारी भी रखना चाहिए |

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, माननीय विदेश मंत्री व प्रवासी भारतीय कार्यमंत्री सुषमा स्वराज, मध्य-प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल श्री रामनरेश यादव, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केसरीनाथ त्रिपाठी, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवरदास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, गृह राज्य मंत्री डॉ. किरेन रिजिजू, मॉरीशस की माननीय शिक्षा व मानव संसाधन, क्षेत्रीय शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री श्रीमती लीला देवी दूखन-लछुमन, विदेश सचिव श्री अनिल वाधवा, प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष सांसद श्री अनिल माधव दवे तथा आयोजन के संकल्पक मंच पर अवस्थित हुए | मंच से हिन्दी का जयघोष सभी गणमान्यों के शब्दों में मुखरित रहा | सम्मेलन का शुभारंभ हिन्दी के स्तुति गान के साथ हुआ | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री और अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र भेंट कर किया | श्री चौहान ने कहा कि जिस गुजरात से महात्मा गांधी ने हिंदी का जयघोष किया था, उसी गुजरात से आज श्री मोदी जी हिन्दी का मान बढ़ा रहे हैं | उन्होंने कहा कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की घोषणा भी गुजरात से हुई थी | श्री मोदी हिन्दी बोलने वाले प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने देश-विदेश में हिंदी का मान बढ़ाया है | यहाँ तक की संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में भी हिन्दी को सम्मान दिलाया है | मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य-प्रदेश इस सम्मेलन के निष्कर्षों का पालन करेगा | उन्होंने कहा देश-विदेश से पधारे सभी हिंदी-प्रेमियों का साढ़े सात करोड़ मध्यप्रदेशवासियों की ओर से हार्दिक स्वागत, वंदन, अभिनन्दन | मुझे पूरा विश्वास है कि तीन-दिवसीय विश्व हिंदी सम्मेलन में मंथन
से जो अमृत निकलेगा, वह हमारी राष्ट्रभाषा को और अधिक पुष्पित-पल्वित करेगा | इसकी सुगंध चारों दिशाओं में और तीव्रता से प्रसारित होगी |

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व के 39 देशों से आये प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए हिन्दी को चैतन्य
भाषा बनाये रखने का आह्वान किया | इस अवसर पर उन्होंने समारोह के शुभंकर पर विशेष डाक टिकट
के साथ विश्व हिंदी सम्मेलन की स्मारिका, गगनांचल पत्रिका के विशेषांक और प्रवासी साहित्य जोहांसबर्ग
से आगे का लोकार्पण भी किया | इनका प्रकाशन विदेश मंत्रालय ने किया है | श्री मोदीजी ने बताया कि हिन्दी भाषा का आन्दोलन चलाने वाले ज्यादातर अग्रणी लोग अहिन्दी भाषी है, जैसे – सुभाषचंद्र बोस, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, काका साहेब कालेलकर या राजगोपालाचारी हों, इन सबकी मातृभाषा हिन्दी नहीं थी | इसके साथ आचार्य विनोबा भावे, दादा धर्माधिकारीजी आदि ने हिन्दी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए दीर्घ दृष्टि से काम किया है, वे हमें प्रेरणा देता है | उन्होंने आगे कहा कि विश्व हिन्दी सम्मेलन के माध्यम से हिन्दी को समृद्ध बनाने की पहल होगी और निश्चित परिणाम निकलेंगे |

श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि दसवां विश्व हिन्दी सम्मेलन ऐतिहासिक साबित होगा | अभी तक जितने भी विश्व हिन्दी सम्मेलन हुए हैं वे साहित्य पर केन्द्रित थे | यह पहला ऐसा सम्मेलन है जो भाषा को समर्पित है | उन्होंने बताया कि पिछले नौ हिन्दी सम्मेलन साहित्य को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किये गये, जबकि यह सम्मेलन हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है | सम्मेलन में ऐसे विषयों का चयन किया गया है जिनमें वर्त्तमान समय में हिन्दी भाषा के विस्तार की संभावनाएं हैं | संचार एवं सूचना, प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान और विदेश नीति ऐसे ही कुछ विषय है | इन सभी विषयों पर समानांतर सत्रों में चर्चा होगी और शोध पत्र भी प्रस्तुत किये जायेंगे | उन्होंने आगे बताया कि सम्मेलन को मध्य-प्रदेश और भोपाल में आयोजित करने का कारण यह है कि मध्य-प्रदेश हिन्दी के लिए समर्पित राज्य है और भोपाल सफल आयोजन करने के लिए जाना जाता है | अपनी बात जारी रखते हुए सुषमाजी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिन्दी बोलने को प्रोत्साहित करने से हर नागरिक गौरव अनुभव करता है | इस सम्मेलन से श्री मोदी के प्रयासों को गति मिलेगी और हिन्दी को उचित स्थान और सम्मान मिलेगा |

इस अवसर पर पंजीकृत प्रतिभागी के तौर पर ब्लॉगर संपत देवी मुरारका तीनों दिनों के कार्यवाही की प्रत्यक्षदर्शी रही | अधिक संख्या में मॉरीशस से हिन्दी प्रेमियों का आगमन एवं संगोष्ठियों में सहभागिता रही | सम्पूर्ण देश से लगभग पांच हजार प्रतिनिधियों ने हिन्दी के इस महाकुंभ में अपनी सहभागिता निभायी | हैदराबाद एवं तेलंगाना राज्य के विश्वविद्यालयों से हिन्दी में शोध छात्रों की संख्या अधिक रही | हिन्दी प्रचार-प्रसार में जुटी संस्थाओं का भी प्रतिनिधित्व रहा | काकातीया विश्वविद्यालय के शोध छात्रों ने अधिकाधिक जानकारी एकत्र करने का कार्य किया | इस अवसर पर विभिन्न देश से आये हिंदी विद्वान और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित थे | कार्यक्रम के अंत में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने आभार व्यक्त किया |

इस सम्मेलन के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर अन्दर प्रवेश करते ही विभिन्न साहित्यकारों की भाषा,
रचना एवं चित्रों की विशालता देखते ही बनता था | विभिन्न विषयों पर 16 सत्रों में चर्चा हुई | कई सत्रों में हिंदी की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई | भाषा पर केन्द्रित सत्रों का आयोजन प्रमुख रहा | अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय (भोपाल), महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा), भारतकोष, वेबदुनिया (इंदौर), राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (भारत), केन्द्रीय हिन्दी संस्थान (आगरा), एप्पल, माइक्रोसाफ्ट, गूगल, सीडैक आदि प्रौद्योगिक प्रदर्शनीं एवं हिन्दी के काम-काज की विस्तृत जानकारी दी गई | ‘मध्य-प्रदेश: शब्द वैभव’ शीर्षक से एक अन्य प्रदर्शनी मध्य-प्रदेश प्रशासन द्वारा लगाईं गई जो मध्य के हिंदी परिदृश्य में उसके गौरवशाली इतिहास को दर्शाती है | हिंदी साहित्य में मध्य-प्रदेश के अनुपम योगदान को भी अत्यंत रोचक रूप से दर्शाया गया है |

सांस्कृतिक संध्या की मनोरम छटा बिखेरते हुए असम के बिहू नृत्य एवं गुजरात के सूरत, भावनगर, भरूच में बसी अफ्रीकी जनजातीयों ने मनोरम सिद्दीगौमा नृत्य प्रस्तुत कर समां बाँध दिया और हिन्दी प्रेमियों को मन्त्र-मुग्ध कर दिया | सभागार में नृत्य छटा के दौरान भारत के लघु रूप के दर्शन देखने को मिले | कार्यक्रम में पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण हर कोने की संस्कृतियों की झलक देखने को मिली | सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में कश्मीर के रूफ नृत्य ने, केरल के कलारीपयट्टू नृत्य ने, पश्चिम बंगाल का पुरूलिया छाऊ नृत्य ने तथा ‘महिषासुर का वध’ ने अच्छाई की जीत का सन्देश देकर दर्शकों का मन मोह लिया | दुसरे दिन शुक्रवार 11 सितंबर को कई रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई | मृदुला पहाड़ी के नृत्य निर्देशन में इस नृत्य वाटिका को 200 कलाकारों ने प्रस्तुत किया | अद्भुत प्रस्तुति वाला यह कार्यक्रम 58 मिनट तक चला | रंगारंग प्रस्तुतियों की श्रृंखला में भील जनजाति का भगोरिया नृत्य, बैगा जनजाति का घोड़ी पेठाई नृत्य, कोरकू का गदली नृत्य, निमाड़ का गणगौर और काठी नृत्य, मालवा का मटकी नृत्य, बुंदेलखंड का बरेदी बघेलखंड का अहिराई नृत्य ख़ास आकर्षण का केंद्र बना रहा | उत्सव में कलाकारों की वेशभूषा और हर प्रस्तुति को चार-चाँद लगाती रोशनी दर्शकों का मन मोह लिया |

समापन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह पधारे | सत्र विषयों पर दी गई अनुशंसाओं की प्रस्तुति तथा विद्वानों को विश्व हिन्दी सम्मान से नवाजा गया | यात्रा क्रम-तृतीय भाग, मध्य-प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजजी सिंह चौहान, मॉरीशस सरकार की मानव संसाधन मंत्रीजी सुश्री लीला दुखन, श्रीमती सरिता बुद्दू, अशोक चक्रधर, स्नेह ठाकुर, उषा राजे सक्सेना, ललित शर्मा, ओम थानवी, प्रभाकर श्रोत्रियजी एवं अन्य कई गणमान्य साहित्यकारों को संपत देवी मुरारका द्वारा भेंट की गई | अंत में यह सम्मेलन साहित्य केन्द्रित न होकर भाषा एवं तकनीक केन्द्रित रही | इसमें बी.जे.पी. का वर्चस्व झलकता रहा | हाँ कुछ उपयोगी भाषण भी हुए | सम्मेलन से उभर कर एक बात सामने आयी कि हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में स्थापित करने की विकलता तो है किन्तु अपने ही देश के वनवास से इसे राजगद्दी पर कब बिठाया जाएगा | यानी यह सम्पूर्ण देश की भाषा कब बनेगी | इतने वर्षों बाद एवं 10 वां विश्व हिन्दी सम्मेलन समाप्त करने के पश्चात भी हम अपने हिन्दी को नहीं अपना पा रहे हैं | अपने अंतर से नहीं स्वीकार पा रहे हैं | इसका निदान निकलना चाहिए |
प्रस्तुति: संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण एवं ब्लॉगर
अध्यक्षा विश्व वात्सल्य मंच
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

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