आदरणीय महानुभाव,
भारत के महामहिम राष्ट्रपतिजी की आधिकारिक वेबसाइट भारत की राजभाषा हिंदी में उपलब्ध नहीं है और राष्ट्रपति भवन से कोई भी प्रेस विज्ञप्ति हिंदी में जारी नहीं होती है, जब देश के प्रथम नागरिक के पास ही हिंदी की इतनी भारी उपेक्षा हो रही हो तो देश में सरकारी कामकाज में हिंदी की स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन नहीं है.
संसदीय राजभाषा समिति की संस्तुति संख्या 44 को स्वीकार करने वाले राष्ट्रपति के आदेश को प्रसारित करते हुए राजभाषा विभाग के दिनांक 02.07.2008 में कहा गया है-जब भी कोई मंत्रालय विभाग या उसका कोई कार्यालय या उपक्रम अपनी वेबसाइट तैयार करे तो उसे अनिवार्य रूप से द्विभाषी तैयार किया जाए। जिस कार्यालय की वेबसाइट केवल अंग्रेजी में है, उसे द्विभाषी बनाए जाने की कार्यवाही की जाए। फिर भी राजभाषा को लागू करने में कोई कठिनाई आती है तो केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो अथवा आउटसोर्सिंग से इस प्रसंग में सहायता भी ली जा सकती है।
क्या यह संविधान के मूल उद्देश्यों और राजभाषा अधिनियम तथा स्वयं राष्ट्रपतिजी के आदेश का उल्लंघन नहीं है?
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प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी
मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136
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