Dharmveer Thakur Jaypal Singh Nayal
क्षमा बड़न को चाहिये, छोटन ( मित्रो ) को उतपात।
कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु ( मित्र ) मारी लात॥
दोस्त को विशाल ह्रदय होना चाहिए, समय आने पर अपने मित्र की लात को फूल समझना चाहिए .श्री हरि की तरह इस लिए तो ब्राह्मण देवताओं की और श्री हरि की मित्रता अमर है।
ब्राह्मण देवता सर्वप्रथम श्री हरि की ही पूजा कराते है सभी भक्तो से .....ये है अमर दोस्ती। जय श्री हरि, जय ब्राह्मण देवता -
प्रस्तुत कर्ता:
क्षमा बड़न को चाहिये, छोटन ( मित्रो ) को उतपात।
कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु ( मित्र ) मारी लात॥
दोस्त को विशाल ह्रदय होना चाहिए, समय आने पर अपने मित्र की लात को फूल समझना चाहिए .श्री हरि की तरह इस लिए तो ब्राह्मण देवताओं की और श्री हरि की मित्रता अमर है।
ब्राह्मण देवता सर्वप्रथम श्री हरि की ही पूजा कराते है सभी भक्तो से .....ये है अमर दोस्ती। जय श्री हरि, जय ब्राह्मण देवता -
प्रस्तुत कर्ता:
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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