शुक्रवार, 12 जून 2015

विधि जैन




अनुस्मारक 4: पूरे आठ महीने बीत गए हैं पर एनआईसी ने वेबसाइट पर कोई सुधार नहीं किए हैं.

18 मई 2015 को 12:27 pm को, विधि जैन <vk.vidhi@gmail.com> ने लिखा:
अनुस्मारक 3

12 जनवरी 2015 को 12:51 pm को, विधि जैन <vk.vidhi@gmail.com> ने लिखा:
अनुस्मारक

 
27 सितंबर 2014 को 11:51 pm को, विधि जैन <vk.vidhi@gmail.com> ने लिखा:
प्रति,
सचिव महोदया  / संयुक्त सचिव महोदया एवं निदेशक (शिकायत)

राजभाषा विभाग 
नई दिल्ली 

विषय: राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा 'मेरी सरकार' पोर्टल पर  हिन्दी की उपेक्षा की शिकायत
महोदय,

माननीय प्रधानमंत्री जी ने आम जनता से प्रशासन एवं शासन के लिए सुझाव लेने के लिए मेरी सरकार पोर्टल शुरू किया है पर इस पर हिन्दी का अपमान भी किया जा रहा है एवं नागरिकों पर जबरन अंग्रेजी थोपी जा रही है. ये लोग इस तरह प्रधानमंत्री जी की पहल का भी मखौल उड़ा रहे हैं, अंग्रेजी को प्राथमिकता देने से इस अभियान से आम नागरिक नहीं जुड़ पा रहे हैं. पिछले कई सप्ताह से अनेक लोगों ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र को लिखा पर कोई सुधार नहीं किया जा रहा है, मैं भी कई बार लिख चुकी हूँ,आम जनता की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए हारकर सीधे आपको लिख रही हूँ.

आम जनता के सुझाव चाहिए तो उनकी भाषा को प्राथमिकता देनी ही होगी. हम हिन्दी की उपेक्षा स्वीकार नहीं करेंगे, राजभाषा विभाग संविधान में निर्देशित अनुसार हिन्दी को उसका स्थान दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए, केवल "डाकिये'की तरह चिट्ठी को आगे भेजने का काम अब बंद कीजिए. हम लोग भी चिट्ठी लिख-लिख कर थक चुके हैं, और आप लोग कुछ नहीं कर सकते तो इस विभाग को बंद करवा दीजिए.अपनी भाषा के लिए लड़ने के लिए मुझे कहीं से पगार नहीं मिल रही है.

शिकायत के मुख्य बिंदु:

  1. वेबसाइट पर पंजीयन के लिए व्यक्ति का नाम -उपनाम देवनागरी में लिखने पर पाबंदी लगी है इसलिए देवनागरी अक्षरों को अनुमति दी जाए. पंजीयन (साइन अप) पृष्ठ पर नाम/उपनाम एवं फीडबैक फॉर्म में सुझाव हिन्दी में लिखने पर सन्देश आता है 'Invalid Character". 
  2. पंजीयन के एक बार पासवर्ड (ओटीपी) सम्बन्धी मोबाइल सन्देश/ईमेल केवल अंग्रेजी में भेजा जाता है जबकि गूगल/ट्विटर जैसी विदेशी सेवाओं ने ऐसी ही सुविधा हिन्दी में दी है तो एन आई सी पर तो कानून भी लागू है. मोबाइल सन्देश/ईमेलअनिवार्य रूप से देवनागरी (हिन्दी) में भी भेजने के लिए निर्देशित करें.
  3. वेबसाइट पर पंजीयन के बाद लॉग इन करने पर स्वागत सन्देश एवं व्यक्ति-परिचय (प्रोफाइल) आदि का प्रारूप केवल अंग्रेजी में बनाया गया है, इसे अविलम्ब द्विभाषी बनाया जाए एवं उस प्रारूप में देशों/राज्यों/शहरों के नाम देवनागरी में प्रदर्शित हों, देवनागरी अक्षरों को स्वीकार किया जाए. स्वागत सन्देश हिन्दी में दिखे.
  4. भाषा चुनने के बाद वेबसाइट में प्रयोक्ता द्वारा लॉग इन करने के बाद पृष्ठ स्वतः हिन्दी/द्विभाषीय रूप में खुले, उसमें सारी जानकारी, टेम्पलेट, प्रारूप अनिवार्य रूप से हिन्दी में खुलें. 
  5. एन आई सी को अपने विभाग का मानक हिन्दी नाम भी नहीं पता है इसलिए लिखते हैं 'इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग'जबकि सही नाम में "इलेक्ट्रॉनिकी" शब्द आता है.
  6. इस वेबसाइट पर हिन्दी पृष्ठों पर अंग्रेजी की भारत सरकार एवं एनआईसी वेबसाइटों को लिंक किया गया है जबकि इन वेबसाइटों के हिन्दी संस्करण लिंक किए जाने चाहिए थे.
  7. वेबसाइट का मुख्यपृष्ठ अनिवार्य रूप से द्विभाषी बने जिसमें हिन्दी को उसका स्थान मिले ना कि 'बाई डिफाल्ट' अंग्रेजी वेबसाइट पहले खुले.
इन सभी के प्रमाण के लिए पृष्ठों के चित्र संलग्न हैं, उन पर ध्यान दें.
भवदीय 
विधि जैन
 
प्रतिलिपि:
  1.  राजभाषा विभाग
  2.   केंद्रीय मंत्री महोदयगृह मंत्रालय 
प्रस्तुत कर्त्ता  
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

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