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मुंबई में बस का टिकिट मशीन से देवनागरी में मिलता है।
क्या यह व्यवस्था सभी हिंदी भाषी राज्यों में लागू नहीं हो सकती?
माँग कीजिए, सरकार ज़रूर सुधार करेगी
भवदीय,
सीएस. प्रवीण कुमार जैन,
कम्पनी सचिव, वाशी, नवी मुम्बई – ४००७०३.
प्रस्तुत कर्त्ता
संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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