प्रति,वैश्विक मुम्बई हिंदी सम्मेलन के सभी सम्माननीय सदस्यविषय- भारत बने भारत अभियानमहोदय,आप और हम एक ही देश के निवासी हैं फिर हमारे देश का नाम भी एक ही होना चाहिए लेकिन खेद है कि व्यवहार में ऐसा है नहीं। देश के अंदर हमारे देश का नाम भारत है पर देश के बाहर विश्व भर में हमारा देश इंडिया के नाम से जाना जाता है।भारतीय भाषाओं में तो इसे भारत लिखा, बोला जाता है पर अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं में हमारे देश का उल्लेख इंडिया India नाम से ही होता है।विदेशी भाषा के विद्यालयों/महाविद्यालयों में पीढी दर पीढी अध्ययनरत हमारे युवा भी अपने व्यवहार में अधिकांशतः अपने देश के लिए इंडिया शब्द का ही उपयोग करते हैं। इस तरह धीरे-धीरे भारत नाम विलुप्त होता जा रहा है।क्या आपको यह स्वीकार है?नहीं ना।हम भारत बने भारत अभियान के माध्यम से अपने देश का "भारत" नाम बचाने के लिए प्रयासरत हैं। हमारा अनुरोध है कि आप भी इस अभियान में सम्मिलित होकर यह संकल्प लें कि अपने व्यवहार में हर जगह देश के नाम का उल्लेख "भारत" ही करेंगे, इंडिया नहीं।आप उद्यमी या व्यवसायी हैं तो संकल्प लें कि अपने उत्पाद की पेकिंग पर हर भाषा में "भारत में निर्मित" "Made in Bharat" "Make in Bharat" ही लिखेंगे।हमें विश्वास है कि आप भारत को स्वयं से भी ज़्यादा प्यार करते हैं। अतः हमारा यह अनुरोध अवश्य ही स्वीकार करेंगे। अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। धन्यवाद!निवेदकविजयलक्ष्मी जैन, विजयनगर, इंदौरmatrubhashahindi@gmail.com------------------------------ ------------------------------ ------------------------------ --------
हम सभी भारत प्रेमी और भारत- भाषा प्रेमी आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के 'भारत बने भारत अभियान ' में पूरी तरह साथ हैं ।
तथा बहन विजयलक्ष्मी द्वारा इस अभियान के लिए किए जा रहे प्रयासों की हृदय से सराहना करते हैं ।
सभी भारत प्रमियों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में अपने सुझाव, सहयोग व समर्थन आदि के संबंध में अपने विचारों से अवगत करवाएँ ।
डॉ. एम.एल. गुप्ता 'आदित्य'
निदेशकवैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
नमस्कार।हमने गत मातृभाषा दिवस पर माइक्रोसॉफ्ट के उत्पादों में 15 भारतीय भाषाओं में लिखे जाने वाले ईमेल पतों (जैसे बालेन्दु@माइक्रोसॉफ्ट.भारत) के लिए समर्थन उपलब्ध कराया है। शेष सात भाषाओं में अभी भारतीय भाषाओं के डोमेन नेम उपलब्ध नहीं हैं और जैसे ही वे उपलब्ध होंगे, हमारा सिस्टम स्वचालित ढंग से उनके ईमेल संदेशों को भी त्वरित समर्थन देगा।यह घटनाक्रम इसलिए अहम है कि ईमेल पाने-भेजने के लिए अब यूज़र को ईमेल एड्रेस तक में अंग्रेजी के इस्तेमाल की ज़रूरत नहीं रही। पहले हम हिंदी डोमेन नेमों (जैसे www.माइक्रोसॉफ्ट.भारत) के लिए भी हमारे ब्राउज़रों Edge और Internet Explorer में समर्थन उपलब्ध करा चुके हैं। यानी डिजिटल डिवाइड पाटने की दिशा में कुछ और कदम। समय हो तो कृपया माइक्रोसॉफ्ट न्यूज़ सेंटर पर आपके मित्र द्वारा जारी यह आर्टिकल और माइक्रोसॉफ्ट डेवलपर ब्लॉग में मेरा तकनीकी आलेख पढ़िए।सादर,बालेन्दु दाधीचनिदेशक, स्थानीयकरण एवं एक्सेसिबिलिटीमाइक्रोसॉफ्ट इंडिया।
वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
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प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी
मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136
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