बहुवचन
सोमवार, 12 मार्च 2018
आदिवासी भाषा खरबचडी छे, समाजवामां सुघड नथी, सहज छे. डॉ. दिलीप सिंहजी. समाचार कतरन.
प्रस्तुति: डॉ.ऋषभदे शर्मा जी
प्रस्तुत कर्ता
: संपत देवी मुरारका
,
विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.:
09703982136
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुखपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें