शुक्रवार, 24 नवंबर 2017

नयी शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी को आचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्शन का अनुरोध


 नयी शिक्षा नीति  नयी शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी को
आचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्शन का अनुरोध 



माननीय प्रकाश जी जावड़ेकर,
मानव संसाधन विकास मंत्री,
भारत शासन,नयी दिल्ली 

के माध्यम से देश हित में सविनय निवेदन/आमंत्रण: आचार्य श्री विद्यासागर जी के दर्शन,
       नयी शिक्षा नीति पर चर्चा के लिए ( इस महिने नवंबर में छत्तीसगढ़ के डोंगरगाँव, जिला राजनांदगाँव में ससंघ विराजमान हैं )
       कृपया स्वीकृति की सूचना प्रदान करने की अनुकंपा कर अनुगृहीत करें। 

माननीय पद्म विभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन  जी,
( मानव संसाधन विकास विभाग के लिए नई शिक्षा नीति का मसौदा बनाने के लिए गठित नौ-सदस्यीय समिति के प्रमुख। )
         सादर प्रणाम,
मुझे ज्ञात है कि देश के मानव संसाधन विभाग ने आप महानुभाव को देश की नई शिक्षा नीति का मसौदा  करने तैयार की समिति के प्रमुख की ज़िम्मेदारी प्रदान की गई है। आपकी जानकारी के लिए बता रहा हूँ कि कन्नड़ भाषी जैन संत विद्यासागर जी के दर्शन, आशीर्वाद तथा विचार-विमर्श के लिए पिछले एक वर्ष में देश के गणमान्य महानुभाव पधारे हैं। उनमें महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा जी महाजन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहनराव जी भागवत, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित जी शाह का आगमन हुआ है। अन्य राजनैतिक दलों के प्रमुख तथा विभिन्न क्षेत्रों के महानुभावों का आगमन भी समय-समय पर हुआ है। 
    आपको जानकारी प्रदान करनी है कि अन्य विचारों के साथ ही विद्यासागर जी का चिंतन शिक्षा-प्रणाली पर भी व्यापक रूप से हुआ है। उनकी शिक्षा संबंधी तीन-चार भावनाओं का समावेश मानव संसाधन विकास विभाग की नई नीति जो आपके द्वारा तैयार की जा रही है, उसमें शामिल करने का अनुरोध है। 
     १. प्राथमिक से उच्चत्तम शिक्षा का माध्यम हिंदी अथवा संविधान सम्मत राज्य भाषाओं को बनाया  जाय। 
     २.  अंग्रेज़ी सहित सभी विदेशी भाषाओं का शिक्षण ऐच्छिक रखा जाय, अनिवार्य नहीं। 
     ३.  शिक्षा-प्रणाली में इतिहास, राष्ट्रीयता, नैतिकता, स्वास्थ्य, पर्यावरण,अध्यात्म तथा देश के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान का समावेश किया जाय। 
     ४.  संघ लोक सेवा आयोग की तथा कर्मचारी चयन आयोग की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार सहित संविधान सम्मत भारतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान की                  जाय। 

     आप महानुभाव से विशेष निवेदन है कि नई शिक्षा नीति को तैयार करने से पहले आचार्य विद्यासागर जी मुनिराज जी से विचार करने के लिए पधारें। पधारने से        पहले कृपया मुझसे सम्पर्क कर लेंगे तो सुविधा होगी। 

       निर्मलकुमार पाटोदी,
   विद्या-निलय, 45, शांति निकेतन,
       (बॉम्बे हॉस्पीटल के पीछे) इंदौर-452-010 मध्यप्रदेश 
    सम्पर्क: +91 78699 17070
       ईमेल:nirmal.patodi@ gmail.com 
                                  


भवदीय,
प्रवीण कुमार जैन (एमकॉम, एफसीएस, एलएलबी)
कम्पनी सचिववाशीनवी मुम्बई – ४००७०३.
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प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com  
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

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