रविवार, 16 जुलाई 2017

[वैश्विक हिंदी सम्मेलन ] केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने सुनी हिंदी प्रेमियों की गुहार !



केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने सुनी हिंदी प्रेमियों की गुहार !

कल 14 जुलाई को सुबह 10 बजे गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनके आवास 17, अकबर रोड पर मिला । हमारे साथ प्रख्यात पत्रकार राहुल देव, विदुषी कथाकार चित्रा मुद्गल, पद्मश्री डाॅ. श्याम सिंह शशि, मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय, प्रवासी साहित्य के संपादक राकेश पाण्डेय तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. दर्शन पाण्डेय भी मौजूद थे । हमने भोजपुरी और राजस्थानी के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने से हिंदी को होने वाली क्षति के बारे में गृहमंत्री को विस्तार से बताया और यह भी बताया कि हिन्दी भाषी क्षेत्र की जनता द्विभाषिक होती है । हम घरों में भोजपुरी, अवधी, ब्रजी आदि बोलते हैं और लिखने पढ़ने का सारा काम हिन्दी में करते हैं । यहां के लोगों की बुनियादी शिक्षा हिन्दी में होती है, इसलिए हमें भोजपुरी भाषी ,राजस्थानी भाषी आदि कहना न्याय संगत नहीं है । हमने उनसे आग्रह किया कि वे हिन्दी की किसी भी बोली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल न करें और इस विषय में यथा स्थिति बनाए रखें । गृहमंत्री जी ने लगभग आधे घंटे तक हमारी बातें पूरे मनोयोग से सुनी और पूरे मामले पर विचार की बात कही। 

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू के निर्देश पर संयुक्त सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय, श्री शशांक शेखर ने भी सुनी हिंदी प्रेमियों की बात ।
 

इसके एक दिन पूर्व 13 जुलाई को अपराह्न 4 बजे गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू के निर्देश पर संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार श्री शशांक शेखर और उनके सहयोगी अधिकारियों के साथ इसी मुद्दे पर हमारी बैठक हो चुकी थी जिसमें पूर्वोक्त साथी सदस्यों के अलावा केन्द्रीय हिन्दी समिति के सदस्य प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी, प्रख्यात लेखक तथा पूर्व संयुक्त सचिव रेल मंत्रालय प्रेमपाल शर्मा, प्रख्यात भाषा चिंतक महेश चंद्र गुप्त और तेजस्वी दुनिया के संपादक महेश चंद्र शर्मा भी उपस्थित थे । यह बैठक भी लगभग एक घंटे तक चली और संयुक्त सचिव ने पूरी रिपोर्ट गृह राज्य मंत्री को देने का आश्वासन दिया ।



 2950 प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा हस्ताक्षर किए गए प्रपत्र तथा हिंदी बचाओ मंच की विगत आठ माह की गतिविधियों की रिपोर्ट भी उन्हें सौंपी  गई।
इसके अलावा  संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री सत्यनारायण जटिया से भी उनके आवास पर मुलाकात हुई और उनके सहयोग का आश्वासन मिला ।
                                                                                                                                                                           - डॉ. अमरनाथ

माननीय गृहमंत्री जी को हृदय से आभार कि उन्होंने अपने अमूल्य समय में से कुछ समय निकालकर संघ की राजभाषा हिंदी की समस्याओं को सुनने के लिए समय दिया और उस पर पूरी गंभीरता के साथ विचार विमर्श किया।  माननीय राहुल देव जी, अमरनाथ शर्मा जी , केन्द्रीय हिन्दी समिति के सदस्य प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी जी, पूर्व संयुक्त सचिव रेल मंत्रालय प्रेमपाल शर्मा जी, प्रख्यात भाषा चिंतक महेश चंद्र गुप्त जी, 
राकेश पांडेय जी,
 तेजस्वी दुनिया के संपादक महेश चंद्र शर्माजी 
और करुणा 
शंकर उपाध्याय जी आदि  ने इन बैठकों के माध्यम से जो सकारात्मक व प्रभावी प्रयास किए हैं उसके लिए सभी को वैश्विक हिंदी सम्मेलन को ओर से साधुवाद।

 भारतीय भाषाओं के लिए सक्रिय रुप से कार्यरत देश - विदेश के वे सभी कार्यकर्ता भी इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं जो प्रत्यक्ष - परोक्ष रूप से , मीडिया, सोशल मीडिया अथवा अन्य किसी प्रकार से हिंदी को टूटने से बचाने और भारतीय भाषाओं को जोड़ने के अभियान में दिन-रात लगे हुए हैं।

आगे भी हम सभी को परस्पर समन्वय व सहयोग से इसी प्रकार एकजुट हो कर  हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं  को बचाने तथा इनके प्रचार - प्रसार व प्रयोग को बढ़ाने के लिए कार्य करते रहना होगा। 
पुन: सभी को हार्दिक बधाई।



वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
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संपर्क - vaishwikhindisammelan@gmail.com

 प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com  
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

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