बुधवार, 19 जुलाई 2017

[वैश्विक हिंदी सम्मेलन ] तत्काल कार्रवाई करें: वस्तु एवं सेवा कर सम्बन्धी वेबसाइट,ऑनलाइन सेवाएँ , प्ररूप(फॉर्म), मैनुअल, विवरणी


सेवा में,
सचिव 
राजभाषा विभाग,
गृह मंत्रालय, भारत सरकार 
नई दिल्ली 

विषय: वस्तु एवं सेवा कर सम्बन्धी वेबसाइट, ऑनलाइन सेवाएँ , प्ररूप(फॉर्म), मैनुअल,  विवरणी (रिटर्न), ऑनलाइन पंजीयन आदि केवल अंग्रेजी में होने और राजभाषा की अनदेखी करने की शिकायत 

महोदय,

आज देश में आर्थिक एकीकरण के लिए वस्तु एवं सेवा कर ("वसेक") लागू कर दिया गया है पर इस कर की पूरी व्यवस्था केवल अंग्रेजी में शुरू की गई है ताकि सीए की सेवा लिए बिना कोई भी व्यापारी इस कानून का पालन न कर सके और वह पूरी तरह सीए पर निर्भर रहे, साथ ही राजभाषा की पूर्णतः अनदेखी की गई है. लोक शिकायत के मुख्य बिंदु: 
  1. वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित वेबसाइट www.gst.gov.in केवल अंग्रेजी में बनाई गई है.
  2. वसेक के अधिनियम केवल अंग्रेजी में ही अधिसूचित किए गए हैं.
  3. वेबसाइट प्रयोग के सभी मैनुअल और प्ररूप(फॉर्म) में तैयार करके जारी किए गए हैं और वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं.
  4. वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित सभी प्रकार के ऑनलाइन रिटर्न केवल अंग्रेजी में तैयार किए गए हैं और उन्हें अंग्रेजी में भरना अनिवार्य है.
  5. वसेक में पंजीयन की ऑनलाइन सुविधा केवल अंग्रेजी में प्रदान की गई है और उसमें नाम पता इत्यादि केवल अंग्रेजी में भरना ही अनिवार्य है कोई भी व्यक्ति उसमें हिंदी में विवरण नहीं भर सकता है, जबकि सभी फॉर्म द्विभाषी(डिगलॉट) रूप में बनाना अनिवार्य है.
  6. वसेक से संबंधित पंजीयन के प्रमाण पत्र केवल अंग्रेजी में जारी किए जा रहे हैं, उनमें जानबूझकर राजभाषा की अनदेखी की गई है. 
  7. वसेक से संबंधित एसएमएस, ईमेल केवल अंग्रेजी में ही भेजे जा रहे हैं जिन्हें आम व्यापारी न तो पढ़ सकते हैं न समझ सकते हैं.
  8. वसेक परिषद की बैठकों में सारी कार्यवाही केवल अंग्रेजी में की गई और इन बैठकों में प्रयोग किए गए बैनर एवं मेज नामपट्ट केवल अंग्रेजी में तैयार किए गए. (अनुलग्नक देखें)
  9. केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की हिंदी वेबसाइट पर वसेक से संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, अंग्रेजी वेबसाइट पर सभी प्रकार की जानकारी अंग्रेजी में डाली गई है, एक दो दस्तावेज हिंदी में हैं पर उनका नाम आदि केवल अंग्रेजी में लिखा होने से उन लोगों के किसी काम के नहीं हैं जो अंग्रेजी पढ़ना भी नहीं जानते हैं.
  10. केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड अब तक हिंदी में इस कर का नाम भी तय नहीं कर पाया है, पूरा देश वस्तु एवं सेवा कर लिख रहा है लेकिन बोर्ड कभी अपने विज्ञापनों में माल एवं सेवा कर लिखता है तो कभी वस्तु एवं सेवा कर. हाँ अंग्रेजी में एक ही नाम है गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) 
  11. वस्तु एवं सेवा कर का हिंदी में संक्षेप वसेक होता है पर चूँकि हिंदी हेय, त्याज्य है इसलिए बोर्ड विज्ञापनों में रोमन में ही GST अथवा देवनागरी में जीएसटी लिख रहा है. 

वसेक छोटे बड़े सभी व्यापारियों, सभी विनिर्माताओं अर्थात लगभग सभी नागरिकों पर लागू है फिर भी इस व्यवस्था में जानबूझकर भारतीय भाषाओं की अनदेखी की गई है और आम जनता एवं आम व्यापारी पर अंग्रेजी थोपी गई हैं इससे एक बड़ी समस्या की आशंका बनी हुई है कि कर अधिकारीअंग्रेजी में नोटिस जारी कर व्यापारियों को डर दिखा सकते हैं. अंग्रेजी डराने धमकाने का पुराना हथियार
है.

चूंकि पूरी व्यवस्था अंग्रेजी में है इसलिए आम व्यापारियों और आम जनता में वसेक के प्रति बहुत ही अधिक डर का माहौल है. वसेक की पूरी व्यवस्था में राजभाषा अधिनियम, नियम, राजभाषा के संबंध में राष्ट्रपति जी के आदेश एवं राजभाषा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का खुला उल्लंघन किया गया है.

मुझे तो आश्चर्य की राजभाषा विभाग के अधिकारी स्वतः संज्ञान लेकर इतने बड़े उल्लंघन पर कोई कार्रवाई भी नहीं करते हैं? 

आप से विनम्र प्रार्थना करता हूं कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के उच्चाधिकारियों से सचिव स्तर की  बैठक तुरंत आयोजित करें और वसेक संबंधित सभी प्रकार के आवेदन, प्रमाण-पत्र, ईमेल,फॉर्म, रिटर्न, वेबसाइट, ऑनलाइन सेवाएं एवं प्रेस विज्ञप्तियां इत्यादि राजभाषा अधिनियम के अनुसार बनवाने के निर्देश जारी करें. साथ है सभी भारतीय भाषाओं में भी ये सुविधाएँ शुरू करवाई जाएं.

इस संबंध में की गई कार्यवाही से मुझे अवगत कराएं और मेरे पत्र का उत्तर शीघ्र दें.

भवदीय,
प्रवीण जैन 
आदीश्वर सोसाइटी, 
जैन मंदिर के पीछे,
सेक्टर - 9 ए, वाशी, नवी मुंबई - 400 703
-- 
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प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com  
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

1 टिप्पणी:

  1. I would also like to share my thoughts. The process of GST registration is mandatory for businessmen whose revenue exceeds Rs. 40 Lakhs to register as a regular taxable individual. This method is referred to as GST Registration.

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