बैंग
प्राधिकरण ने स्पष्टिकरण मांगा है कि वह किसके कहने पर तीन भाषा की नीति को फॉलो कर रहे हैं.
बेगलुरु मेट्रो स्टेशनों के साइन-बोर्ड पर हिंदी भाषा के इस्तेमाल पर मचे बवाल के बीच मंगलवार को कन्नड़ विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को बंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी किया है. प्राधिकरण ने स्पष्टिकरण मांगा है कि वह किसके कहने पर तीन भाषा की नीति को फॉलो कर रहे हैं.
नोटिस में लिखा है, इस पर कोई आदेश है? यदि सरकार ने ऐसा करने के लिए आपसे नहीं कहा है तो इस पर हमें स्पष्टिकरण दें. किस अधिकार का प्रयोग करके अधिकारियों ने तीन भाषा की नीति को लागू किया है?
बता दें कि सोमवार को इन साइन बोर्ड से छेड़छाड़ की गई. सोमवार को मेट्रो यात्रियों ने देखा कि कुछ स्टेशनों के साइन बोर्ड पर हिंदी के अक्षरों को टेप से ढंक दिया गया.
बता दें कि काफी वक्त से हाल ही में शुरू हुई लुरु मेट्रो के स्टेशनों के नाम हिंदी में लिखे होने का विरोध जारी है. मुख्य रूप से कन्नड़ समर्थक केंद्र सरकार के सामने इस बात का कड़ा विरोध कर रहे हैं. ये लोग सरकार से तीन भाषाओं के बदले दो भाषाओं की नीति अपनाने का आग्रेह भी कर चुके हैं.
हिंदी का विरोध और राजनीति
हिंदी विरोधी ट्वीटर कैंपेन के बाद #NammaMetroHindiBeda (हमारी मेट्रो, हम नहीं चाहते हिंदी) दो मेट्रो स्टेशनों चिकपेट और मैजेस्टिक के हिंदी में लिखे गए नामों को 3 जुलाई को पेपर और टेप की मदद से ढक दिया। ये मेट्रो बोर्ड कन्नड, अंग्रेजी और हिंदी में थे।
केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के खिलाफ हिंदी और अंग्रेजी विरोधी कार्रवाई की। उन्होंने एएनआई को बताया कि, हमने यह इसलिए किया क्योंकि बिज़नेस और अपने फायदे के लिए कर्नाटक की जमीन और यहां कि बिजली का उपयोग किया जाता है लेकिन वे कन्नड़ भाषा के उपयोग या कन्नड़ लोगों को नौकरी नहीं देना चाहते हैं। शेट्टी ने आगे कहा कि यदि कर्नाटक में हिंदी व अंग्रेजी का उपयोग किया जाता है तो उनकी मांग है कि दिल्ली व अन्य जगहों में कन्नड भाषा का उपयोग किया जाए।
‘यदि दिल्ली व अन्य जगहों पर आप कन्नड साइनबोर्ड का उपयोग करते हैं तो हम भी कर्नाटक में हिंदी व अंग्रेजी का उपयोग करेंगे।‘
केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के खिलाफ हिंदी और अंग्रेजी विरोधी कार्रवाई की। उन्होंने एएनआई को बताया कि, हमने यह इसलिए किया क्योंकि बिज़नेस और अपने फायदे के लिए कर्नाटक की जमीन और यहां कि बिजली का उपयोग किया जाता है लेकिन वे कन्नड़ भाषा के उपयोग या कन्नड़ लोगों को नौकरी नहीं देना चाहते हैं। शेट्टी ने आगे कहा कि यदि कर्नाटक में हिंदी व अंग्रेजी का उपयोग किया जाता है तो उनकी मांग है कि दिल्ली व अन्य जगहों में कन्नड भाषा का उपयोग किया जाए।
‘यदि दिल्ली व अन्य जगहों पर आप कन्नड साइनबोर्ड का उपयोग करते हैं तो हम भी कर्नाटक में हिंदी व अंग्रेजी का उपयोग करेंगे।‘
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हिंदी विरोधी ब्रिगेड का समर्थन किया और अधिकारियों से पता लगाने को कहा है कि गैर हिंदी भाषी राज्यों जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल आदि में क्या नीति अपनायी गयी है। मुख्यमंत्री के निर्देश का अनुसरण करते हुए कन्नड विकास अधिकरण ने मंगलवार को बेंगलूर मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड को नोटिस जारी कर दिया जिसमें सवाल किया कि वह तीन भाषाओं वाली नीति का उपयोग क्यों कर रहा है।
हिंदी विरोधी #NammaMetroHindiBeda (हमारी मेट्रो, हम नहीं चाहते हिंदी) दो मेट्रो स्टेशनों चिकपेट और मैजेस्टिक के हिंदी में लिखे गए नामों को 3 जुलाई को पेपर और टेप की मदद से ढक दिया। ये मेट्रो बोर्ड कन्नड, अंग्रेजी और हिंदी में थे। केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के खिलाफ हिंदी और अंग्रेजी विरोधी कार्रवाई की। उन्होंने एएनआई को बताया कि, हमने यह इसलिए किया क्योंकि व्यापार और अपने फायदे के लिए कर्नाटक की जमीन और यहां कि बिजली का उपयोग किया जाता है लेकिन वे कन्नड़ भाषा के उपयोग या कन्नड़ लोगों को नौकरी नहीं देना चाहते हैं। शेट्टी ने आगे कहा कि यदि कर्नाटक में हिंदी व अंग्रेजी का उपयोग किया जाता है तो उनकी मांग है कि दिल्ली व अन्य जगहों में कन्नड भाषा का उपयोग किया जाए। ‘यदि दिल्ली व अन्य जगहों पर आप कन्नड साइनबोर्ड का उपयोग करते हैं तो हम भी कर्नाटक में हिंदी व इंग्लिश का उपयोग करेंगे।‘
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हिंदी विरोधी ब्रिगेड का समर्थन किया और अधिकारियों से पता लगाने को कहा है कि गैर हिंदी भाषी राज्यों जैसे तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल आदि में क्या पॉलिसी अपनायी गयी है। मुख्यमंत्री के निर्देश का अनुसरण करते हुए कन्नड विकास अधिकरण ने मंगलवार को बेंगलूर मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड को नोटिस जारी कर दिया जिसमें सवाल किया कि वह तीन भाषाओं वाली पॉलिसी का उपयोग क्यों कर रहा है।
प्रवीण कुमार जैन (एमकॉम, एफसीएस, एलएलबी),
कम्पनी सचिव, वाशी, नवी मुम्बई – ४००७०३.
वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
वैश्विक हिंदी सम्मेलन की वैबसाइट -www.vhindi.in
'वैश्विक हिंदी सम्मेलन' फेसबुक समूह का पता-https://www.facebook.com/groups/mumbaihindisammelan/
संपर्क - vaishwikhindisammelan@gmail.com
प्रस्तुत
कर्ता; संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
email: murarkasampatdevii@gmail.com
.लेखिका यात्रा विवरण
अध्यक्ष विश्व वात्सल्य मंच
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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