आदरणीय मंच को नमन,
मैं
सर्वप्रथम 'परिकल्पना साहित्य सम्मान' के आयोजकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करती
हूँ | आज मुझे यह सम्मान स्वीकार करते समय बहुत हर्ष का अनुभव हो रहा
है | साथ ही मुझे इस समय उन मित्रों की याद आ रही है जिनके कारण
मैं ब्लॉगिंग की दुनिया से जुड़ी | सर्वप्रथम इसका श्रेय मैं डॉ
कविता वाचक्नवी को दूँगी क्योंकि उन्होंने ही मुझे इस सोशल
नेटवर्क से जुड़ने के लिए प्रेरित किया | इस प्रेरणा को साकार रूप तब मिला जब वरिष्ठ
कवि और ब्लॉगर डॉ ऋषभदेव शर्मा जी ने मेरे लिए ब्लॉग बनाकर दिया | मेरे
ब्लॉग ''बहुवचन'' का नामकरण उन्होंने ही किया और मुझे
कम्प्यूटर पर हिंदी में काम करने से लेकर सामग्री पोस्ट करने और सजाने का
प्रशिक्षण दिया | उन्होंने मुझे ''कलम'' के ब्लॉगर स्व. चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी से
जुड़ने की सलाह दी | सच बात है कि अपनी ब्लॉग्गिंग के लिए मैं स्व. चंद्रमौलेश्वर
प्रसाद जी की बड़ी ऋणी हूँ | उन्होंने
समय समय पर फोन पर ही मुझे ब्लॉग का संचालन सिखाया, और
फिर मैं धीरे धीरे इस दुनिया से जुड़ती गई | ऐसा नहीं होता तो शायद मैं घर-गृहस्थी और
अपनी यात्राओं तक ही सीमित रह जाती.. मैं विशेष रूप से अपने ब्लॉग के माध्यम से
अपने यात्रावृत्तों को जनसमूह के समक्ष प्रस्तुत करती हूँ | साथ
ही हैदराबाद की गतिविधियों को भी |
मैं
सोचती हूँ कि ब्लॉग जन-जन का मीडिया है | इसने लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र को
व्यापक बना दिया है |
मैं
पुनः परिकल्पना साहित्य सम्मान के आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ
जिन्होंने मुझे इस सम्मान के योग्य समझा |
धन्यवाद.
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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