सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिन पर चेन्नई में
भारतीय भाषा जनजागरण अभियान कार्यक्रम आयोजित
तमिल को
तमिलनाडु की राज्य भाषा और हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाए जाने और भारतीय
भाषाओं की प्रचार-प्रसार के संकल्प के साथ चेन्नई के वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सर्विस
सेंटर में भारतीय भाषा प्रेमियों का एक सम्मेलन संपन्न हुआ । इस अवसर पर तमिलनाडु
की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुश्री जयललिता को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते
हुए वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय सुश्री जयललिता न केवल दक्षिण भारत की भाषाओं में
पारंगत थी बल्कि वे हिंदी की भी बहुत अच्छी वक्ता थीं |
मुंबई के ‘हिंदी कल्याण न्यास’, ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ और चेन्नई की ‘तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी’, हैदराबाद की 'विश्व वात्सल्य मंच', 'राजस्थानी एसोसिएशन' और ‘विश्व जैन सभा’
आदि विभिन्न
भारतीय भाषा प्रेमी संस्थाओं द्वारा महाकवि सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिवस पर
आयोजित इस सम्मेलन में दक्षिण के राज्यों के अतिरिक्त कई अन्य राज्यों से
प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए राष्ट्रीय
स्तर पर समन्वित रूप से प्रयास किए जाने की आवश्यकता है । कार्यक्रम का शुभारम्भ
तमिल वंदना से हुआ |
‘हिंदी कल्याण न्यास’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजय कुमार जैन ने कहा
कि हमें पूरे देश में जन-जागरण करते हुए हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलवाने के
लिए पूरी शक्ति से प्रयास करने हैं । उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के विभिन्न
भागों में जन-जागरण अभियानों का आयोजन किया जा रहा है । उन्होंने यह भी बताया कि
भारत के गृह मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी ने दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में स्वयं
यह स्वीकार किया था कि हिंदी को भारत की राजभाषा नहीं बल्कि राष्ट्रभाषा होना
चाहिए था ।
वैश्विक हिंदी
सम्मेलन,
मुंबई के निदेशक
डॉ. एम एल गुप्ता ‘आदित्य’ ने कहा कि संविधान और विधान में राष्ट्रीय संपर्क भाषा और राज्यों की संपर्क
भाषा के प्रावधान न होने के कारण देश के लगभग 95% लोग जो अंग्रेजी नहीं जानते वे विभिन्न कानूनों के अंतर्गत अपेक्षित सूचना व
जानकारी के अभाव में अपने कानूनी अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। इसलिए उनके साथ
हर कदम धोखा होता है,
उनका शोषण होता
है । यह लोकतांत्रिक मूल्यों के भी प्रतिकूल है। इसलिए आवश्यक है कि राष्ट्र और
राज्य के स्तर पर कानूनी प्रावधानों के निष्पादन के लिए संपर्क भाषा का प्रावधान
किया जाना चाहिए ।
विख्यात
समाजसेवी कृष्णचंद चोरडिया ने कहा कि चेन्नई में हिंदी शिक्षण व जन-जागरण के
कार्य के लिए
यहाँ एक कार्यालय स्थापित करके सुनियोजित प्रयास किए जाने चाहिए । उन्होंने इसके
लिए स्थान उपलब्ध करवाने की पेशकश भी की । डॉ. मधु धवन, संस्थापक अध्यक्ष 'विश्व वात्सल्य मंच' संपत देवी मुरारका, सज्जनराज मेहता, पार्थ सारथी, पी.डी. मिश्रा,
धन्यकुमार
बिराजदार तथा कांतिलाल शाह आदि वक्ताओं ने भी तमिलनाडू में हिंदी को प्रमुखता देते
हुए हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को राष्ट्रीयता के लिए आवश्यक बताया । वक्ताओं ने
तमिलनाडु में तमिल के प्रयोग के साथ-साथ हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की माँग की और
इन्हें रोजगार से जोड़ने पर जोर दिया ।
इस अवसर पर मदन
देवी पोकरणा,
राजेश मुरारका, रविता भाटिया, मंजू रुस्तगी,
पार्वती एवं कई गणमान्य बुद्धिजीवी उपस्थित थे| संचालन मधु
धवन जी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया ।
प्रस्तुति: संपत देवी मुरारका
लेखिका: यात्रा विवरण
संस्थापक अध्यक्ष: विश्व वात्सल्य मंच
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो. नं. 09703982136
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