सोमवार, 23 सितंबर 2013

“यात्रा क्रम प्रथम एवं द्वितीय भाग” का लोकार्पण एवं संपत देवी मुरारका को परिकल्पना साहित्य सम्मान प्रदत्त
































यात्रा क्रम प्रथम एवं द्वितीय भाग का लोकार्पण एवं संपत देवी मुरारका को परिकल्पना साहित्य सम्मान प्रदत्त

तृतीय अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन नेपाल की राजधानी काठमंडू में 13 से 15 सितंबर तक लेखनाथ साहित्य सदन सोरहखुटे सभागार में आयोजित किया गया |

इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात ने कार्यक्रम के संदर्भ में अपना मंतव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि परिकल्पना ब्लॉगोत्सव के अंतर्गत मनाया जाने वाला यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीसरी बार मनाया जा रहा है। इससे पूर्व यह समारोह भारत देश की राजधानी दिल्ली एवं प्रदेश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।

उद्‌घाटन सत्र के पश्चात्‌ पाँच सद्य: प्रकाशित कृतियों का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया। लोकार्पित कृतियों में यात्रा क्रम (प्रथम एवं द्वितीय खंड) सम्पत देवी मुरारका प्रमुख थी | संपत देवी मुरारका को परिकल्पना साहित्य सम्मान हिंदी ब्लॉगिंग के माध्यम से समाज और साहित्य के बीच सेतु निर्माण में लगी हैदराबाद की ब्लॉगर को यह पुरस्कार पिछले दिनों नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन’ के समारोह में यह सम्मान नेपाल सरकार के पूर्व शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष अर्जुन सिंह केसी ने स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, श्रीफल तथा अंगवस्त्र भेंट किया गया | संपत देवी मुरारका लम्बे समय से साहित्य और ब्लॉगिंग से जुडी हुई है | बहुवचन, काव्यमंदिर और चरैवेती ब्लॉग के माध्यम से सक्रीय है |

भारत और नेपाल नदी की दो धाराओं की भाँति हैं जिनकी धार्मिक सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्पराएँ तथा विरासतें एक समान हैं जो दोनों देशों के मैत्री समबन्धों को प्रगाढ़ बनाती हैं। ये उद्गार नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष अर्जुन नरसिन्ह केसी ने अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर व्यक्त किये। श्री केसी परिकल्पना समय लखनऊ भारत द्वारा लेखनाथ साहित्य सदन सोरहखुटे सभागार में ब्लॉगरों के सम्मेलन का उद्‌घाटन करने के बाद मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

मुख्य अतिथि केसी ने कार्यक्रम के संदर्भ में बोलते हुए आगे कहा कि आज मेरे देश नेपाल में मित्र राष्ट्र भारत से आये साहित्यकारों विद्वानों विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक रवींद्र प्रभात जी का मैं आभारी हूँ जिन्होंने काठमाण्डौं में कार्यक्रम आयोजित करके मुझे इसमें प्रतिभाग करने का सुअवसर प्रदान किया। मुंबई से आये संगीतकार सरोज सुमन ने संगीत प्रस्तुत किया | डॉ.राम बहादुर मिश्र ने संचालन किया | कार्यक्रम के संयोजक रवींद्र प्रभात ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, देश-विदेश से आये ब्लॉगरों तथा स्थानीय संयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

द्वितीय दिन के प्रथम सत्र में गिरीश पंकज की अध्यक्षता में ब्लॉगर सम्मेलन में न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका तथा ब्लॉग निर्माण एवं ब्लॉगिंग के टूल्स - विषयों पर ब्लॉगरों तथा विद्वानों ने चर्चा की। परिचर्चा में गिरीश पंकज, इं. विनय प्रजापति डॉ. राम बहादुर मिश्र, रवींद्र प्रभात, के के यादव, राजीव शंकर मिश्र, मनोज पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।

12 बजे से दूसरा सत्र प्रारम्भ हुआ जिसका विषय था 'साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका' । इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. नमिता राकेश ने की तथा डॉ. राम बहादुर मिश्र, सम्पत देवी मुरारका, मनोज भावुक, संजीव तिवारी, मुकेश सिन्हा और मुकेश तिवारी ने अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमती आकांक्षा यादव ने परिचर्चा का सारांश प्रस्तुत किया।

तीसरा सत्र 3 बजे से प्रारम्भ हुआ जिसकी अध्यक्षता बी एस पाबला ने की जिसका विषय था - 'ब्लॉग निर्माण एवं इसके टूल्स' इस सत्र में इं. विनय प्रजापति, अशोक कुमार गुप्ता व अंतर सोहिल ने अपने विचार व्यक्त किये। इस सत्र के सारांशक थे शैलेश भारतवासी। समापन सत्र की अध्यक्षता रवींद्र प्रभात ने की थी। इस सत्र में सभी सत्रों की समीक्षा प्रस्तुत की गयी।

  नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सचिव सनत रेग्मी के सान्निध्य में कवि सम्मेलन

द्वितीय दिवस का समापन सर्वभाषा कवि सम्मेलन से हुआ जिसके मुख्य अतिथि थे प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्मी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की तथा संचालन डॉ. राम बहादुर मिश्र ने किया। कवि सम्मेलन में विनय प्रजापति
, सुशीला पुरी (लखनऊ), सुनीता यादव (औरंगाबाद), सम्पत देवी मुरारका (हैदराबाद), मुकेश कुमार सिन्हा (दिल्ली), मनोज कुमार तिवारी (इंदौर), मनोज भावुक (दिल्ली), डॉ. नमिता राकेश (फ़रीदाबाद), डॉ. रमा द्विवेदी (हैदराबाद), गिरीश पंकज (छतीसगढ़), आदि ने काव्य पाठ किया। इस कार्यक्रम में हिंदी, नेपाली, उर्दू, उड़िया, भोजपुरी, मैथिली, अवधी, छतीसगढ़ी, पंजाबी, मराठी आदि भाषाओं में काव्य पाठ किया गया।

काठमांडौं स्थित नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान (Nepal Academy), भवानी भिक्षु स्मृति प्रतिष्ठान तथा अवधि सांस्कृतिक विकास परिषद्‌ के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में भारत से आये हुए साहित्यकारों तथा नेपाली साहित्यकारों का एक विचार विनिमय कार्यक्रम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सभागार में संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता नेपाल के वरिष्ठ अवधी साहित्यकार विश्वनाथ पाठक ने की। भारतीय साहित्यकारों एवं ब्लॉगरों का प्रतिनिधित्व परिकल्पना समय के प्रधान सम्पादक लखनऊ निवासी रवींद्र प्रभात ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के सदस्य सचिव सनत रेग्‌मी थे तथा विशिष्ट अतिथि भारत से आये अवधी साहित्यकार तथा अवध ज्योति के सम्पादक डॉ. राम बहादुर मिश्र थे ।

इस कार्यक्रम में इं. विनय प्रजापति, डॉ. नमिता राकेश, श्रीमती सम्पत देवी मुरारका, मुकेश सिन्हा, सुशीला पुरी, मनोज पाण्डेय, रामबाबू गुप्ता (भारत) , तपानाथ शुक्ला, सुमित्रा मानंधर, डॉ. संजिता वर्मा, आलोक तिवारी, रामभरोस कापड़ी, आलोक तिवारी (नेपाल) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन नेपाल के प्रतिष्ठित अवधी साहित्यकार विक्रममणि त्रिपाठी ने की |

तृतीय दिन काठमांडू भ्रमण किया गया और रविन्द्र प्रभात के आभार प्रदर्शन के साथ यह सम्मेलन समाप्त हुआ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें