वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी का ओसाका विश्वविद्यालय, जापान में भाषण
माननीय दिग्गज हिन्दी प्रेमियो !
गत सप्ताह (जून 2 को ) वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी का भाषण ओसाका विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ था । 400 सीटों का पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था । भाषण अँग्रेजी में बिना दुभाषिए के हुआ था । भाषण के बाद ,<भोज > में मुझे आमंत्रण मिला और कुछ मिनट के लिए हिन्दी में बोलने का अवसर मिला था । मैंने अरुण जेटली जी और अन्य दिग्गज अतिथियों को संबोधित करके निम्नलिखित बातें बताई थीं ।
"हमारा ओसाका विश्वविद्यालय जापान का सब से बड़ा सरकारी (central )विश्वविद्यालय है और यहाँ के हिन्दी-उर्दू के अध्ययन-अध्यापन के 95 साल के लंबे इतिहास और परंपरा है । ओसाका विश्वविद्यालय पश्चिमी जापान में हिन्दी- उदू शिक्षण का गढ़ माना जाता है ।
सन 2001 में जब तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ओसाका पधारे थे और पाँच सितारे होटल में उनका स्वागत समारोह हुआ था तो हमारे कुछेक इच्छुक विद्यार्थियों ने उनके मनोरंजन के लिए हिन्दी में लघु नाटक प्रस्तुत करके उनका दिल जीत लिया था । और जब हमारे हिन्दी नाट्य दल के विद्यार्थी भारत में हिन्दी नाटक के मंचन के लिए गए थे तो वाजपेयी जी ने सभी छात्रों को अपने निवास-स्थान में जलपान के लिए आमंत्रित किया था और छात्रों के हिन्दी -प्रेम की प्रशंसा की थी । सन 2014 में जब टोक्यो में Indo-Japanese Association की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में हिन्दी में भाषण देते हुए सैंकडों श्रोताओं के बीच बैठे मुझे पहचान लिया और सभी श्रोताओं के सामने कहा -"आपने ही मुझे चिट्ठी लिखी थी न, कि मोदी जी जब आप जापान आएंगे तो हिन्दी में ही बोलें " तो मेरे आश्चर्य का कोई ठिकाना न रहा , मैं अभिभूत हो गया उनकी प्रखर स्मृति शक्ति से । भाषण के अंत में क्षण भर उनसे बात करने का मौका मिला तो मैंने उनसे बस इतना अनुरोध किया था कि आप अगली बार ओसाका अवश्य आएँ तो उन्होंने उत्तर दिया कि "हाँ , आऊँगा !" उसके बाद ओसाका विश्ववविद्यालय के कुलपति का औपचारिक आमंत्रण -पत्र ओसाका स्थित भारत के प्रधान कोंसलावास के माध्यम से प्रधान मंत्री कार्यालय में भिजवाया गया है । "
और मैंने निष्कर्ष के तौर पर प्रधान मंत्री जी के "दाहिना हाथ" कहलाने वाले जेटली जी से अनुरोध किया था --
"आप प्रधान मंत्री जी से जब मिलेंगे तो उन्हें मेरे साथ किए गए वायदे की याद दिलाएँ और यह बताएं कि ओसाका विश्वविद्यालय के विद्यार्थी आपका भाषण हिन्दी में सुनने के लिए बहुत उत्सुक और अधीर हैं । प्रधान मंत्री जी का ओसाका विश्वविद्यालय में हिन्दी में भाषण केवल इस विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात नहीं है , अपितु हिन्दी के प्रचार के लिए बहुत सांकेतिक महत्त्व रखता है ।"
मुझे पता नहीं कि मेरे इस भाषण का उनपर कितना असर पड़ा हो । लेकिन उनकी शक्ल से तो कुछ कुछ स्वीकारात्मक संकेत झलक रहे थे ।
उसी दिन शाम को ओसाका शहर के एक होटल में Japan External Trade Organization की ओर से आयोजित "India: Investment Promotion Seminar" (जिसमें भारत में निवेश के इच्छुक उद्योगपति ,व्यापारी और प्रवासी भारतीय आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे ) में मैं भी एक श्रोता के रूप में उपस्थित था और buffet-style party में मैं पीछे खड़ा था, लेकिन उन्होंने मुझे आगे अपने पास बुलवाया और फिर से मैंने अभिवादन करके उनसे विदाई ली थी ।
मुझे ईश्वर से प्रार्थना है कि वित्त मंत्री जी से मेरी यह भेंट प्रधान मंत्री जी के संभवी ओसाका विश्वविद्यालय-आगमन के लिए मजबूत सहायक सिद्ध हो !
आपका तोमिओ मिज़ोकामि,
मानद प्रोफेसर, ओसाका विश्वविद्यालय ,ओसाका, जापान
जून 10, 2016
Prof.Tomio MIZOKAMI
विजय कुमार मल्होत्रा ,पूर्व निदेशक (राजभाषा),रेल मंत्रालय,भारत सरकार
______________________________________________________
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कार्यपालकों द्वारा लिखित पुस्तक आधुनिक भारतीय बैंकिंग का लोकार्पण ।
बैंक ऑफ़ बड़ौदा के उप महाप्रबंधक डॉ. जवाहर कर्नावट एवं सहायक महाप्रबंधक श्री देवेन्द्र कुमार खरे द्वारा आधुनिक भारतीय बैंकिंग – सिद्धांत एवं व्यवहार विषय पर लिखित पुस्तक का लोकार्पण वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पुणे में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन एवं समीक्षा बैठक में भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव, (आईएएस) ने किया. इस अवसर पर वित्तीय सेवाएं विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. वेदप्रकाश दूबे, विजया बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री बी.एस. रामाराव, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के महाप्रबंधक श्री रवि कुमार अरोरा तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं के मुख्यालय के वरिष्ठ कार्यपालक भी उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि बैंकिंग विषयों पर हिन्दी में उपयुक्त संदर्भ सामग्री की आवश्यकता बढ़ती जा रही है ।
ऐसे में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े कर्मियों के लिए यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री के रूप में उपयोगी सिद्ध होगी ।
इस अवसर पर बैंक की हिंदी पत्रिका ‘अक्षय्यम’ का नवीन अंक भी जारी किया गया
वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
वेबसाइट- वैश्विकहिंदी.भारत / www.vhindi.in
प्रस्तुत कर्ता: संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें