सोमवार, 5 जनवरी 2015

कादिम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित


कादिम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्त्वावधान में रविवार दि. 21 दिसंबर को हिंदी प्रचार सभा परिसर में क्लब की मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन हुआ |

क्लब संयोजिका डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर वी.वरलक्ष्मी ने गोष्ठी की अध्यक्षता की | भंवरलाल उपाध्याय (मुख्य अतिथि), डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब संयोजिका) मंचासीन हुए | मीना मूथा ने उपस्थित सभा का स्वागत किया | डॉ.रमा द्विवेदी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | डॉ.मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि सदस्यों का रचनात्मक सहयोग, माह में एक दिन कलम के नाम तथा गोष्ठी की निरंतरता ने क्लब को 21 वें वर्ष में पहुँचाया है |

प्रथम सत्र में सरिता गर्ग ने डीजीटल धोखाधड़ी व्यंग्य लेख की प्रस्तुति दी | प्रस्तुत लेख पर विचार प्रस्तुत करते हुए अवधेश कुमार सिन्हा ने कहा कि छोटे कैंव्हास में मध्यमवर्ग की माली हालत, बाजारवाद, पीढ़ियों का अंतर आदि का सजीव चित्रण लेखिका ने किया है | नौकरशाही का करारा व्यंग्य, खेल का मैदान हो या राजनीति का, व्यंग्य के माध्यम से सरकारी तंत्र प्रणाली की भी खिंचाई की है | राजनीतिक जीवन और साहित्यिक जीवन दोनों में ही सरिता जी की ईमानदारी स्पष्ट दर्शित होती है | सरिता सुराणा जैन ने कहा कि विषय का चयन अच्छा है | कंप्यूटर का ज्ञान आज के जमाने की मांग है, प्रगति और विकास चाहते हैं तो इस तंत्र ज्ञान की जानकारी से अवगत होना अनिवार्य है | साथ ही  स्मार्ट फोन से कुछ लाभ हैं तो दूसरी ओर नई पीढ़ी का इससे अत्यधिक जुड़ाव चिंता का विषय भी है | डॉ.रमा द्विवेदी ने कहा कि शीर्षक सटीक और सार्थक है | छोटे-छोटे उदाहरणों से मध्यमवर्ग की मानसिकता, मध्यमवर्ग का परिवर्तन की इस तेज हवा के साथ जुड़ न पाना इस बात का संकेत भी प्रस्तुत लेख में मिलता है | सुनील गौड़ ने फोन के तकनीकी ज्ञान के अभाव से होनेवाली परेशानी का जिक्र किया | डॉ.अहिल्या मिश्र ने कहा कि सरिता जी ने विषय को गहराई से पकड़ा है | तकनीक की दुनिया मनुष्य को गुलाम बना रही है | बड़ी तेजी से तंत्रज्ञान का डेवलेपमेंट हो रहा है और मध्यमवर्ग दोनों रूप से सफर कर रहा है | टेक्नौलौजी एक सूचनात्मक तंत्र है, हमारे पास जीवित मस्तिष्क है इसलिए पुस्तकें कभी नहीं मरेंगी | भंवरलाल उपाध्याय ने कहा कि व्यंग्य शैली में सरिता जी आगे बढ़ना चाहती है तो शरद जोशी, हरिशंकरजी परसाई के लेखन को अवश्य पढ़ें, व्यंग्यकार के पास पींच और पंच दोनों चाहिए | वी.वरलक्ष्मी ने अध्यक्षीय बात में कहा कि अमीर वर्ग के पास हर वह आधुनिक तंत्र आ जाता है क्योंकि वह खरीद सकता है, भले ही उसे चलाना न आता हो और गरीब पैसों के अभाव में खरीदने से वंचित रह जाता है जबकि उसे लेटेस्ट तकनीक का फोन चलाना आता है | लेखिका का प्रयास प्रशंसनीय है |

द्वितीय सत्र में क्लब की ओर से कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा को महिला नवजीवन मंडल की
मानद प्रधानमंत्रिणी पद पर नियुक्ति के लिए बधाई दी गई | डॉ. मिश्र ने A.G.I. द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम (त्रिस्सुर केरला) के बारे में भी जानकारी दी | तत्पश्चात भंवरलाल उपाध्याय के सफल संचालन में तथा बालाप्रसाद गोयल की अध्यक्षता, सुरेश जैन के आतिथ्य में हास्य-व्यंग्य कवि गोष्ठी वर्ष 2014 को विदाई देते हुए संपन्न हुई | इसमें दर्शनसिंग, अंजू बैद, अवधेशकुमार सिन्हा, संपत देवी मुरारका, उमा सोनी, सत्यनारायण काकडा, डॉ.रमा द्विवेदी, संतोषकुमार ‘रजा’, सुनीता गुप्ता, हेमांगी ठाकर, आशीष नैथानी, शिवकुमार तिवारी-कोहिर, सुनील गौड़, देवाप्रसाद मयला, वी.वरलक्ष्मी, सूरजप्रसाद सोनी, सुरेश जैन, डॉ.अहिल्या मिश्र, लीला बजाज, डॉ.मदनदेवी पोकरणा, सरिता सुराणा, मंगला अभ्यंकर, मीना मूथा ने काव्यपाठ किया | बालाप्रसाद गोयल ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | सरिता सुराणा के धन्यवाद के साथ गोष्ठी का समापन हुआ |

संपत देवी मुरारका
अध्यक्षा, विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी

हैदराबाद

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