*एक छोटा सा प्रयास जो बड़ी सफलता में बदल गया।*
*जब भी मैं कोई फिल्म देखता था तो मुझे यह देखकर बहुत ही क्षोभ होता था कि फिल्म हिंदी की हो या किसी अन्य भारतीय भाषा की फिल्म का नाम और कलाकारों के नाम आदि विवरण केवल अंग्रेजी में ही होता था। हिंदी में यह प्रवृत्ति सर्वाधिक थी। समझ नहीं आता था कि क्या किया जाए ।*
*2- 3 वर्ष पूर्व की बात है जब मैं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के कार्यालय में व्याख्यान देने के लिए गया था। व्याख्यान के पश्चात मेरी वहां के वरिष्ठ अधिकारी से कई विषयों पर चर्चा हुई। मैंने उनसे कहा कि आप को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि धारावाहिकों और फिल्मों के शीर्षक उसके कलाकारों के नाम उसी भाषा में दिए जाएं जिस भाषा का वह कार्यक्रम, धारावाहिक या फिल्म है।*
*वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने मेरी बात से सहमत होते हुए अपने कक्ष में लगा हुआ टीवी चालू किया और मुझे एक दो टीवी कार्यक्रम दिखाएं जिनमें कार्यक्रम जिस भाषा में था, कलाकारों आदि का विवरण भी उसी भाषा में ही दिया गया था। उन्होंने बताया कि कुछ समय पूर्व ही इस प्रकार की निर्देश जारी किए गए थे और अभी उसका पालन कर रहे हैं । यह कुछ समय पहले ही कर दिया गया था लेकिन मेरा ध्यान उस पर नहीं गया था।*
*मैंने कहा कि फिल्मों में भी इसी प्रकार फिल्म का नाम और कलाकारों के नाम आदि फिल्म की भाषा में ही होनी चाहिए। उन्होंने सहमति जताते हुए कहा कि काम थोड़ा मुश्किल है लेकिन वे पूरा प्रयास करेंगे । आज जब मैंने पढ़ा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म का नाम और कलाकारों आदि का विवरण फिल्म की भाषा में लिखने के लिए कहा है तो बहुत ही खुशी हुई केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को हार्दिक धन्यावाद।*
*डॉ एम एल गुप्ता आदित्य*
प्रस्तुत
कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136
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