गुरुवार, 17 जुलाई 2014

छठा साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं गुलमोहर’ पुस्तक लोकार्पण संपन्न




छठा साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं गुलमोहर’ पुस्तक लोकार्पण संपन्न

साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में रविवार दि 13 जुलाई 2014 को होटल क्वालिटी इन फिडालगो, नामपल्ली, के सभागार में ‘छठा साहित्य गरिमा पुरस्कार – 2012,’ कहानी विधा पर श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ (अहमदाबाद) को प्रदान किया गया | इस अवसर पर श्रीमती शान्ति अग्रवाल कृत ‘गुलमोहर’ कहानी संग्रह का लोकार्पण भी संपन्न हुआ |

समारोह की अध्यक्षता हैदराबाद विश्वविद्यालय के असोसिएट प्रो. डॉ. पुष्पेश ने की | लोकार्पण कर्ता एवं ऊद्घाटन कर्ता टी. गोपाल सिंह (पूर्व सिविल जज एवं न्यायिक अधिकारी, सूचना आयोग विभाग, मोजमजाही मार्केट, हैदराबाद), मुख्य अतिथि श्री विश्वजीत सपन (आई.पी.एस., डायरेक्टर एंटी करप्शन व्यूरो, हैदराबाद), गौरवनीय अतिथि मुरलीधर गुप्ता, सम्माननीय अतिथि श्री मधुसूदन सौंथलिया, ऋषभदेव शर्मा (अध्यक्ष, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा शोध संस्थान, खैरताबाद, हैदराबाद), शान्ति अग्रवाल, श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ एवं संस्था की अध्यक्षा डॉ. अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए |

अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया | शुभ्रा महंतो ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | डॉ. अहिल्या मिश्र ने अतिथियों का परिचय दिया | डॉ. रमा द्विवेदी ने संस्था का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया | डॉ. सीता मिश्रा ने लेखिका का परिचय दिया और लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने प्रशस्ति-पात्र का वाचन किया | प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पुरस्कार की प्राविधि व प्रक्रिया पारदर्शी है एवं क्षेत्र विस्तार के साथ अब यह जनता का पुरस्कार बन गया है | अहमदाबाद की वरिष्ठ लेखिका नीलम कुलश्रेष्ठ को उनके कहानी संग्रह ‘शेर के पिंजड़े में’ के लिए छठे साहित्य गरिमा पुरस्कार के रूप में ग्यारह हजार, शाल, प्रशस्ति-पात्र, स्मृति चिह्न एवं पुष्पगुच्छ मुख्य अतिथि विश्वजीत सपन ने प्रदान किया |

कार्यक्रम में शान्ति अग्रवाल कृत ‘गुलमोहर’ कहानी संग्रह का लोकार्पण टी. गोपाल सिंह तथा अतिथियों ने किया | कहानी संग्रह का परिचय देते हुए डॉ. जी. नीरजा ने कहा कि सभी कहानियां मानवीय संवेदनाओं एवं जीवन के यथार्थ को अभिव्यक्त करती है | लेखिका ने कहा कि वे अपने मन की अनुभूतियों को कागज़ में उकेरती है | टी. गोपाल सिंह ने कहा कि साहित्य गरिमा पुरस्कार प्रशंसनीय प्रयास है | मुख्य अतिथि डॉ. विश्वजीत सपन ने कहा कि साहित्यकार की नजर पारखी होती है | डॉ. मुरलीधर गुप्ता ने कहा कि साहित्य गरिमा पुरस्कार स्त्री सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है, जो अत्यंत सराहनीय कार्य है | मधुसूदन सौंथलिया एवं डॉ. पुष्पेश ने भी पुरस्कार की प्रशंसा की |

इस अवसर पर उपाध्यक्षा संपत देवी मुरारका, शीला सौंथलिया, सहमंत्रिणी श्रीमती आशा मिश्रा,
कोषाध्यक्षा पवित्र अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य ज्योति नारायण, सरिता सुराणा जैन, सुरेश जैन, एवं प्रबंध न्यासी मानवेन्द्र मिश्र, न्यासी गोविन्दजी राय आदि के साथ डॉ. मदन देवी पोकरणा, श्री तेजराज जी जैन, सुरेश गुगलिया, हेमंत सिंह, डॉ. सरज, मनोज मिश्रा, डॉ. कृष्णा सिंह, डॉ. अनीता मिश्रा, श्री गोरांग महंतो, वी.एस. वर्मा, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, पुष्पा वर्मा, वी. वरलक्ष्मी, डॉ. साधना ठाकुर, रूबी मिश्रा एवं बड़ी संख्या में दर्शक दीर्घा में शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थें | समारोह का संचालन डॉ. अर्चना झा ने किया | मीना मूथा के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ |

प्रस्तुत कर्ता – संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
उपाध्यक्षा, साहित्य गरिमा पुरस्कार
आजीवन सदस्य, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

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