कादम्बिनी
क्लब की गोष्ठी संपन्न
कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि. 20 जुलाई को हिंदी प्रचार सभा परिसर में क्लब की 263वीं मासिक गोष्ठी संपन्न हुई |
क्लब अध्यक्षा डॉ.
अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में
आगे बताया कि इस अवसर पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता कहानीकार पवित्रा अग्रवाल ने की
| विजय विशाल, डॉ. मदनदेवी पोकरणा एवं डॉ. अहिल्या
मिश्र मंचासीन हुए | गोष्ठी का आरंभ ज्योति नारायण की सरस्वती वंदना के साथ हुआ | डॉ.
मिश्र ने अतिथि परिचय व गोष्ठी की निरंतरता बनाए रखने में सभी सदस्यों को धन्यवाद
देते हुए कहा कि अब हमने 21 वें वर्ष में कदम
रखा है और पहले कदम से जो क्लब का साथ देते आ रहे हैं उन्हें इस वर्ष अध्यक्षता के
लिए आमंत्रित किया जाएगा | प्रथम सत्र में डॉ.मदनदेवी पोकरणा ने “सुरसा
की तरह बढ़ती महँगाई एवं साहित्यकार का दायित्व”
इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्यकार समाज का दर्पण है, प्रेमचंदजी
का ‘गोदान’ उपन्यास आर्थिक विसंगतियों का चित्रण करता है | आम आदमी का आक्रोश
साहित्यकार ही व्यक्त करता है, उसकी बात वजन रखती है, यहाँ तक की सरकार के कान भी
खड़े हो जाते हैं | लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने कहा कि साहित्यकार का आर्थिक पक्ष वीक
है | प्रेमचंद युग में गरीबी थी पर महँगाई नहीं थी | स्वास्थ्य सेवाओं में इंसान
संवेदनहीन हो गया है | शिक्षा व स्वास्थ्य पर यदि सशक्त योजनायें बनाई जाए तो ठगी,
लूटमार को नियंत्रित कर सकते हैं | डॉ. रमा द्विवेदी ने कहा कि हम आज सुविधाभोगी
हो गए हैं | खेतीबाड़ी करता किसान आज आवश्यक सुविधाओं के अभाव में आत्महत्या करने
पर मजबूर है | ज्योति नारायण ने कहा कि शिक्षा ही रोजगार उपलब्ध कराएगी, आज पढ़े-लिखे
व्यक्ति से ज्यादा तो वर्कर कमा लेता है | आज संवेदनाएं ख़त्म हो चुकी है | डॉ.
अहिल्या मिश्र ने कहा कि व्यवसाय व्यक्ति परक हो गया है, पहले समाजपरक हुआ करता था
| शिक्षा भौतिकता को प्रश्रय दे रही है | संयुक्त परिवार पद्धति के टूटने बिखरते
चलन से भी आज महँगाई ज्यादा त्रस्त करने लगी है | पवित्राजी ने अध्यक्षीय बात रखते
हुए कहा कि साहित्यकार महँगाई कम नहीं कर सकता, बल्कि योग्य प्लानिंग सुरक्षित
वर्त्तमान और अच्छा भविष्य दे सकता है | आज कमाई छोटी होकर भी बच्चों को ऊँची फीसवाले
स्कूलों में प्रवेश देने का सोचते हैं, लेकिन हर कक्षा के साथ बढ़ती फीस अभिभावक को
चिंता में डाल देती है |
द्वितीय सत्र में अग्रवालजी के संचालन में
तथा शिवकुमार तिवारी ‘कोहिर’, पवित्रा व डॉ. मिश्र के आतिथ्य में कवि गोष्ठी का
आयोजन हुआ | इसमें भावना पुरोहित, संपतदेवी मुरारका, वी.वरलक्ष्मी, सत्यनारायण
काकडा, डॉ. रमा द्विवेदी, हेमांगी ठाकर, ज्योति नारायण, विजय विशाल, संतोषकुमार
पाण्डेय, दर्शनसिहं, सूरजप्रसाद सोनी, उमा सोनी, डॉ. अहिल्या मिश्र, एस.के.जैन
लौंगपुरिया, सुभ अवनीश डंग, सुषमा बैद, देवाप्रसाद मयला, पवित्रा अग्रवाल आदि ने
काव्यपाठ किया | शिवकुमारजी ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | प्रथम सत्र का संचालन
मीना मूथा ने किया | डॉ. रमा द्विवेदी के आभार के साथ गोष्ठी का समापन हुआ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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