मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न



कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद, के तत्वावधान में रविवार दि.17 अप्रेल को सायंकाल 4 बजे से हिन्दी प्रचार सभा परिसर में क्लब की मासिक गोष्ठी का आयोजन हुआ | कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मदनदेवी पोकरणा ने की |
     क्लब अध्यक्षा डॉ. अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने आगे बताया कि इस अवसर पर वेणुगोपाल भट्टड (मुख्य अतिथि), अजित गुप्ता (विशेष अतिथि), सुनीता लुल्ला (विशेष काव्यपाठ प्रस्तुत कर्ता) एवं डॉ. अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए | सरिता सुराणा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | मीना मूथा ने संचालन करते हुए सभा का स्वागत किया व क्लब की जानकारी दि | डॉ. मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि शीघ्र ही संस्था रजत जयंती की ओर अग्रसर है और इस अवसर पर पुष्पक का विशेष अंक लोकार्पित होगा, जिसमें क्लब का 25 वर्षों का इतिहास शामिल होगा |
     प्रथम सत्र में सुनीता लुल्ला ने अपनी 5 रचनाएँ प्रस्तुत की, जिसमें बृजभाषा एवं गजल शामिल थे | अवधेश कुमार ने कहा कि सुनीताजी राष्ट्रीय स्तर पर जानी जाती है | सिन्धी मातृभाषा होते हुए भी बृज में लिखने का प्रयास सराहनीय है | सरिता सुराणा ने कहा कि कवयित्री को उनके प्रयासों पर बधाई | अजित गुप्ता ने कहा कि कवि कभी भी संपूर्ण नहीं होता | भाब अच्छे हैं, कलेवर अच्छा है | गजल के अपने माप दंड होते हैं, इस पर और अभ्यास की आवश्यकता है | वेणुगोपाल ने कहा कि हिन्दी कविता की शुरुआत ही बृजभाषा से हुई है | सवैया छंद प्रयुक्त हुआ है | कविता को गा कर लिखेगी तो मात्राएँ ठीक हो जायेगी | डॉ. मिश्र ने कहा कि छंदोबद्ध रचनाओं में शब्दों के चयन के साथ नियमावली का पालन आवश्यक है | सुनीता लुल्ला ने कहा कि अभी दो-तीन वर्षों से ही वे साहित्य के क्षेत्र में आई है, आज का मार्गदर्शन उन्हें लाभकारी होगा | डॉ. पोकरणा ने कहा कि स्त्रियों के अन्दर ईर्ष्या की भावना छूटती नहीं है | कवितायें अच्छी लगी |
     दुसरे सत्र में भँवरलाल उपाध्याय के संचालन एवं दिनेश अग्रवाल, अवधेश सिंह के आतिथ्य में कविगोष्ठी हुई | इसमें वेणुगोपाल भट्टड, अजित गुप्ता, भावना पुरोहित, संपत देवी मुरारका, वि. वरलक्ष्मी, जुगल बंग जुगल, सूरजप्रसाद सोनी, कुंज बिहारी गुप्ता, दर्शन सिंह, उमेशचन्द्र श्रीवास्तव, शशि राय, देवा प्रसाद मयला, सुरेश जैन, दयालचंद अग्रवाल, डॉ. मदनदेवी पोकरणा, सरिता सुराणा, अवधेश सिन्हा, मीना मूथा, डॉ.अहिल्या मिश्र ने काव्यपाठ किया | दिनेश अग्रवाल ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | मधुकर, उपेन्द्र मिश्र भी उपस्थित थें |
      इस बीच यह घोषणा की गई कि डॉ. अहिल्या मिश्र को उनके समग्र हिन्दी लेखन पर विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ की ओर से विद्यावाचस्पति “डीलीट” की उपाधि तथा आधुनिकता के आईने में स्त्री संघर्ष पुस्तक पर गोल्ड मैडल इशिपुर (भागलपुर) में प्रदत्त किया गया, साथ ही संवाद एवं शब्दप्रवाह के संयुक्त तत्वावधान में साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक स्तर पर उज्जैन में आयोजित साहित्य कुम्भ
2016 में अखिल भारतीय पत्रिका प्रदर्शनी में पुष्पक को “क्लब प्रकाशन” साहित्यिक पत्रिका के प्रमाण पत्र  से नवाजा गया | क्लब की ओर से डॉ. मिश्र को बधाई दी गई | मीना मूथा को राजस्थानी गौरव सम्मान प्राप्त होने पर क्लब से बधाई दी गई | सरिता सुराणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया | 

प्रस्तुति: संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी

हैदराबाद

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