बुधवार, 31 अगस्त 2011

"कमला गोइंका फाउंडेशन" द्वारा पुरस्कार समारोह आयोजित"


"कमला गोइंका फाउंडेशन" द्वारा पुरस्कार समारोह आयोजित" 













कमला गोइंका फाउंडेशन के तत्वावधान में किन्नेरा आर्ट थियेटर्स के सहयोग से रविवार को नामपल्ली स्थित पोट्टी श्रीरामुलु तेलुगु विश्व विद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ|

      इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात कला समीक्षक पद्मश्री जगदीश मित्तल ने की| ज्ञानपीठ पुरस्कार ग्रहीता डॉ. सी. नारायण रेड्डी मुख्य अतिथि, हिन्दी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. एम. उपेन्द्र विशिष्ट अतिथि, आयोजित समारोह में पुरस्कार ग्रहीता 'स्वतन्त्र वार्ता' के संपादक डॉ. राधेश्याम शुक्ल, दक्षिण भारत के वरिष्ट हिन्दी सेवी व साहित्यकार डॉ. बालशौरि रेड्डी व हिन्दी के वरिष्ट साहित्यकार डॉ. वाई. लक्ष्मीप्रसाद के साथ श्यामसुंदर गोइंका मंचासीन हुए|

      'स्वतंत्र वार्ता' के संपादक डॉ. राधेश्याम शुक्ल को प्रतिष्ठित रामनाथ गोइंका पत्रकार शिरोमणि पुरस्कार से सम्मानित किया गया| हिंदीतर क्षेत्र के हिन्दी पत्रकारिता जगत के वरिष्ट पत्रकार के सम्मानार्थ कमला गोइंका फाउंडेशन द्वारा घोषित इस पुरस्कार के तहत डॉ. शुक्ल को 51 हजार रुपये की राशि भी प्रदान की गई| दक्षिण भारत के वरिष्ट हिन्दी सेवी व साहित्यकार डॉ. बालशौरि रेड्डी को भाभीश्री रमादेवी गोइंका सारस्वत साहित्य सम्मान तथा हिन्दी के वरिष्ट साहित्यकार डॉ. वाई. लक्ष्मीप्रसाद को उनकी अनुदित पुस्तक 'हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा' एवं उनके समग्र योगदान के लिए गीतादेवी गोइंका हिन्दी तेलुगु अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया|पुरस्कार के रूप में उन्हें 21 हजार रुपये कि राशि, प्रशस्ति-पात्र, श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया| इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपस्थित ज्ञानपीठ पुरस्कार ग्रहीता डॉ. सी. नारायण रेड्डी ने तीनों हस्तियों को पुरस्कार प्रदान किया| 

      डॉ. नारायण रेड्डी ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार हेतु अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हिन्दी एक महान भाषा है तथा सभी को इसे अपनाने का प्रयास करना चाहिए| उन्होंने कहा कि गोइंका फाउंडेशन द्वारा हिन्दी साहित्यकारों को पुरस्कृत कर हिन्दी की सेवा की जा रही है| 

      कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हिन्दी महाविद्यालय के पूर्व डॉ. एम. उपेन्द्र ने कहा कि हिन्दी को वह स्थान प्राप्त नहीं हो पा रहा है,जिसकी वह हकदार है और अंग्रेजी बिना किसी सहयोग व प्रयास के तेजी से प्रगति कर रही है|

      बालशौरि रेड्डी ने अपने अभिनंदन भाषण में कहा कि वे कमला गोइंका फाउंडेशन का पुरस्कार प्राप्त कर गौरव व प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी के प्रचारार्थ कार्य करने का आह्वान किया था तथा उन्हीं के आह्वान पर उन्होंने हिन्दी सेवा प्रारम्भ की थी|

      डॉ.वाई. लक्ष्मीप्रसाद ने कहा कि गोइंका परिवार के पुरस्कार से सम्मानित होना उनके लिए काफी गर्व की बात है| उन्होंने कहा कि फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है| उन्होंने आगे कहा कि आंध्र-प्रदेश में अन्य भाषाओं के साहित्य का काफी अनुवाद हो रहा है| 

      डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने अपने अभिनंदन भाषण में हिन्दी के प्रचार हेतु ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि रामनाथ गोइंका मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं तथा उनके व्यक्तित्व ने मुझे काफी प्रभावित किया है| उन्होंने कहा कि उत्तर भारत व दक्षिण  भारत के हिन्दी साहित्यकारों में समानता है तथा इनमें कोई भी छोटा या बड़ा नहीं है| उन्होंने  कहा कि हमें उत्तर व दक्षिण भारत के भेद को समाप्त करने हेतु प्रयास करना चाहिए| उन्होंने आगे कहा कि हिन्दी किसी प्रांत की भाषा नहीं है, बल्कि सारे देश की भाषा है| हिन्दी प्रेमियों ने हिन्दी भाषा को धर्म व संस्कृति से जोड़कर उसे संकीर्ण कर दिया है| हिन्दी साहित्यकारों ने उत्तर भारत के साथ भी अन्याय किया है| उन्होंने कहा कि कमला गोइंका फाउंडेशन हिन्दी के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है| 
      प्रख्यात कला समीक्षक पद्मश्री जगदीश मित्तल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कमला गोइंका फाउंडेशन जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह से जुड़ते हुए उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है| उन्होंने कहा कि साहित्य व कला दोनों अलग नहीं है तथा कला पर भी अधिक से अधिक लिखा जाना चाहिए|

      फाउंडेशन के संस्थापक न्यासी श्यामसुंदर गोइंका ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि हैदराबाद में यह कमला गोइंका फाउंडेशन का तीसरा कार्यक्रम है| उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 से मात्र आंध्र-प्रदेश के हिन्दी पत्रकारों को मुनीन्द्र जी पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार प्रदान किया जायेगा|

      ललिता गोइंका ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि ओमप्रकाश गोइंका ने धन्यवाद ज्ञापित किया| इस अवसर पर सुशीला गोइंका, संजय गोइंका, बालकृष्ण गोइंका, डॉ. टी. मोहन सिंह, बी. सत्यनारायण, डॉ. कविता वाचक्नवी,प्रो. ऋषभदेव शर्मा, रामगोपाल गोइंका, अमृत कुमार जैन, डॉ. अहिल्या मिश्र, संपत देवी मुरारका,सुरेन्द्र लुनिया, प्रसन्न भंडारी,चंद्रमौलेश्वर एवं नगराद्वय के कई साहित्यकार व प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे|

संपत देवी मुरारका, हैदराबाद 

      

1 टिप्पणी: