शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

कादम्बिनी क्लब की बसंतोत्सव गोष्ठी संपन्न




कादम्बिनी क्लब की बसंतोत्सव गोष्ठी संपन्न

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि. 21 अप्रेल को आर.जी.ए. भवन में क्लब की 248 वीं गोष्ठी आयोजित की गई | इस अवसर पर प्रो.शुभदा वांजपे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की |
   क्लब संयोजिका अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि श्री राजकुमार सुराणा (मुख्य अतिथि) एवं श्री सत्यनारायण विजयवर्गीय (विशेष अतिथि), डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब संयोजिका) मंचासीन हुए | सर्वप्रथम अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन हुआ | शुभ्रा म्हणतो ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | सरिता सुराणा जैन ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभा का स्वागत किया | क्लब की ओर से मंचासीन अतिथियों का अंगवस्त्र-पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया | डॉ.अहिल्या मिश्र ने क्लब की 19 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था की निरंतरता इसका वैशिश्य है और देश की नई पीढ़ी को तैयार करके आगे लाना क्लब का कर्तव्य है | क्लब प्रकाशन पुष्पक-22 का परिचय देते हुए प्रो. वांजपे ने कहा कि का मुखपृष्ठ शीर्षक को सार्थकता प्रदान करता है | आज साहित्य के प्रति रूचि कम होती जा रही है | ऐसे समय में पुष्पक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है | i इसमें युगवाणी, उद्बोध, जागृति, चेतना, विचारोत्तेजना है | तत्पश्चात अतिथियों के करकमलों से पुष्पक का विमोचन हुआ | संपादक मंडल की ओर से लक्ष्मीनारायण अग्रवाल और रमा द्विवेदी ने कहा कि हमें तारीफ नहीं, हमारी कमजोरियां बताएं, पाठकों की आलोचना हमारी शक्ति बने, रचनाकार की रचनाएँ टाइप की हो तो कार्य में त्रुटि कम होती है, देश-विदेश के लोग पत्रिका में जुड़ रहे हैं |
   श्री विजयवर्गीय ने अपनी बात रखते हुए कह कि बिना सरकारी सहयोग के क्लब और पत्रिका की निरंतरता प्रशंशा योग्य है | डॉ.अहिल्या जी के जीवन संघर्ष को मैंने करीब से देखा है और इस कार्य में उनका समर्पण प्रशंशनीय है | श्री राजकुमार सुराणा ने रोचक बोधकथाओं के माध्यम से कहा कि आदमी की ख्वाहिशों का अंत नहीं है | हमें हमेशा संतोष रखना चाहिए उसे पर्याप्त समझना चाहिये जिताना मिला है | आज यहाँ आकर लगा कि साहित्य के प्रति हमारी आस्था अभी भी जीवित है | प्रो. वांजपे ने कहा कि यह क्लब साहित्यिक केंद्र है | इसकी निरंतरता इसी प्रकार आगे बनी रहे ऐसी हमारी शुभकामनाएं है | तत्पश्चात विनीता शर्मा एवं डॉ.करणसिंह ऊंटवाल उनके साहित्य प्रकाश त्रित्यर्थ क्लब की ओर से सम्मान किया गया | इस सत्र का ज्योतिनारायण ने आभार व्यक्त किया |
   दुसरे सत्र में बसंतोत्सव कविगोष्ठी व होली गीत का आयोजन श्री वेणुगोपाल भट्टड तथा नरेंद्र राय के आतिथ्य में हुआ | श्री भंवरलाल उपाध्याय के संचालन में शुभ्रा महंतो द्वारा सुन्दर होली-फाग गीतों की प्रस्तुति हुई जिसका सभी ने आनंद लिया | कविगोष्ठी में संपत देवी मुरारका, भावना पुरोहित, तनुजा व्यास, दर्शन सिंह, विजय विशाल, जुगल बंग जुगल, गोविन्द मिश्र, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, ज्योति नारायण, पवित्रा अग्रवाल, डॉ.रमा द्विवेदी, डॉ. अर्चना झा, मीना मूथा, सुषमा वैद, पुष्पा वर्मा, शशि कोठारी, वेणुगोपाल भट्टड, नरेंद्र राय, उमा सोनी, सूरजप्रसाद सोनी, लीला बजाज, डॉ.सीता मिश्र, विनीता शर्मा, अजीत गुप्ता, सुरेश जैन, सरिता सुराणा आदि ने काव्यपाठ किया | इस अवसर पर श्री दिलीप डागा के साथ-साथ उर्मिला विजयवर्गीय, नीरज कुमार, वीर प्रकाश लाहोटी सावन, बिशनलाल संघी, डॉ.मदन देवी पोकरणा, दीपशिखा पाठक, हरिहरदास तुलस्यान, डॉ.देवेन्द्र शर्मा, भूपेन्द्र, मनीष, मनीषकुमार विजयवर्गीय, आदि भी उपस्थित थे | मीना मूथा के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण 
मीडिया प्रभारी
 हैदराबाद  




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