अक्षरधाम -कुतुबमीनार
अक्षरधाम -कुतुबमीनार
दिल्ली रूपी अँगूठी में, अक्षरधाम का अनमोल हीरा जड़ गया | .
गुजरात के गाँधीनगर का, अक्षरधाम भी फीका पड़ गया ||
स्वामीनारायण अक्षरधाम,समूचा देख मन्त्र-मुग्ध थी |
शिल्प-कला कौशल की, यह कृति अनुपम अदभुत थी ||
आधुनिक युग को प्राचीन युग से, प्रभावित यहाँ देखा |
आयें यहाँ तो ज्ञानचक्षु भी, खुल जायें अनेकों का ||
आयें यहाँ तो ज्ञानचक्षु भी, खुल जायें अनेकों का ||
अक्षरधाम-महिमा का बखान अक्षरों में संभव नहीं |
इसकी छवि को देख कर ही हो सकेगा अनुभव यहीं ||
कुतुबमीनार पर चढ़ चाँद सितारे छूने को मन डोलता |
मीनार की कारीगरी सजीव ऎसी कि हर पत्थर बोलता ||
करूँ प्रार्थना ईश्वर से मैं पर्यटन में सक्षम सब रहें |
ऎसी दुर्लभ कृतियों का दर्शन सभी नागरिक कर सके ||
संपत देवी मुरारका
हैदराबाद
अक्षरधाम और कुतुबमीनार की काव्यमय सैर कराने के लिए आभार॥
जवाब देंहटाएंआदरणीय चन्द्र मौलेश्वर जी.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
To aap Akshar Dham ki sair kar aai,dekhanre ki ichcha hai .
जवाब देंहटाएंआ.पवीत्रा जी, मैंने यह यात्रा दो बार की है | बहुत सुन्दर,सोम्य,शांत वातावरण में स्थित अक्षरधाम की यात्रा जरुर करियेगा | आप स्वर्ग जैसा अनुभव करोगी |
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