शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

अक्षरधाम -कुतुबमीनार








अक्षरधाम -कुतुबमीनार 



अक्षरधाम -कुतुबमीनार 
 दिल्ली रूपी अँगूठी में, अक्षरधाम का अनमोल हीरा जड़ गया |     .      
गुजरात के गाँधीनगर का, अक्षरधाम भी फीका पड़ गया ||

स्वामीनारायण अक्षरधाम,समूचा देख मन्त्र-मुग्ध थी |
शिल्प-कला कौशल की, यह कृति अनुपम अदभुत थी ||

आधुनिक युग को प्राचीन युग से, प्रभावित यहाँ देखा |   
आयें यहाँ तो ज्ञानचक्षु भी, खुल जायें अनेकों का ||

अक्षरधाम-महिमा का बखान अक्षरों में संभव नहीं | 
इसकी छवि  को देख कर ही हो सकेगा अनुभव यहीं ||

कुतुबमीनार पर चढ़ चाँद सितारे छूने को मन डोलता | 
मीनार की कारीगरी सजीव ऎसी कि हर पत्थर बोलता || 

करूँ प्रार्थना ईश्वर से मैं पर्यटन में सक्षम सब रहें |
ऎसी दुर्लभ कृतियों का दर्शन सभी नागरिक कर सके ||

संपत देवी मुरारका 
हैदराबाद 

4 टिप्‍पणियां:

  1. अक्षरधाम और कुतुबमीनार की काव्यमय सैर कराने के लिए आभार॥

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  2. आदरणीय चन्द्र मौलेश्वर जी.
    धन्यवाद

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  3. आ.पवीत्रा जी, मैंने यह यात्रा दो बार की है | बहुत सुन्दर,सोम्य,शांत वातावरण में स्थित अक्षरधाम की यात्रा जरुर करियेगा | आप स्वर्ग जैसा अनुभव करोगी |

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