सोमवार, 16 दिसंबर 2013

कादम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित


कादम्बिनी क्लब की गोष्ठी आयोजित

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि. 15 दिसंबर को हिंदी प्रचार सभा परिसर में क्लब की मासिक गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ |

क्लब संयोजिका डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में सागे बताया कि 256वीं मासिक गोष्ठी की अध्यक्षता जज महोदया वी.वरलक्ष्मी ने की | मुख्य अतिथि के रूप में श्री शिवकुमार तिवारी कोहिर’, डॉ.मदनदेवी  पोकरणा (समीक्षा प्रस्तुतकर्ता) एवं डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब संयोजिका) मंचासीन हुए | श्रीमती शुभ्रा महंतो ने सुमधुर सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी | डॉ.अहिल्या जी ने उपस्थित सभा का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब के 20 वें वर्ष की यात्रा में सफलता का श्रेय हमारे सभी लेखक-लेखिका-साहित्यकार-श्रोताओं को जाता है | क्योंकि आप लोग गोष्ठियों में निरंतर आते जाते रहते हैं, संस्था चिरंतन है | संस्था ने निरंतर साहित्यिक चिंतन मंथन को केंद्र में रखते हुए गतिविधियों को अग्रेसर रखा है | तत्पश्चात डॉ.मदनदेवी  पोकरणा ने डॉ.आनंद सुमन के संपादकत्व में देहरादून से प्रकाशित मासिक पत्रिका सरस्वती सुमनपर अपने विचार रखें | उन्होंने कहा कि मुखपृष्ठ की रेखांकन कला आकर्षक है| आलेख, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, गजल, जन्मदिन एवं श्रद्धांजलि सुमन को समाविष्ट करते हुए पत्रिका निश्चित ही पठनीय है | इससे पूर्व मुक्तक विशेषांक, दोहा विशेषांक आदि का भी स्तुत्य प्रयास संपादक जी का रहा है | विमोचित पत्रिका की भी जानकारी इसमें दी है | मुद्रण श्रेष्ठ है | आज के व्यस्ततम युग में निरंतर नई-नई पत्रिकाओं का उदय हो रहा है, ऐसे में विगत दस वर्षों से सरस्वती सुमन पाठकों के बीच लोकप्रिय हो रही है |

डॉ.अहिल्या मिश्र ने कहा कि पत्रिका में कुछ ऐसे लेखक हैं जो निरंतर कई साड़ी पत्रिकाओं में मिल जायेंगे | धरोहर के रूप में मंटो की कहानी अपने युग में सर्वश्रेष्ठ मानी गई | कृष्णकुमार यादव, डॉ.महाश्वेता, सीताराम पांडे, अशोक भारती आदि के साहित्य ने पत्रिका का स्तर बढ़ाया, विषयसूची में-- नाविन्य है | पत्रिका में विषय वैविध्य है | शिवकुमार ने संपादक मंडल को बधाई दी तथा वी.वरलक्ष्मी ने कहा कि सबतक पत्रिका न पहुँच पाती, ऐसे स्थिति में उसपर की गई समीक्षा श्रोता को परिचित कराती है |

सरिता सुराणा जैन ने सुझाव व्यक्त किया कि कादम्बिनी क्लब की इस दो दशकों की यात्रा को संस्मारिका के रूप में प्रतिबद्ध किया जाए जिससे संपूर्ण भारतवर्ष में दक्षिण में चल रहे इस कार्य से परिचित कराया जा सके |

द्वितीय सत्र में डॉ.देवेन्द्र शर्मा एवं गुरुदयाल अग्रवाल के आतिथ्य में कविगोष्ठी संपन्न हुई | इसमें जुगल बंग जुगल, सूरजप्रसाद सोनी, भावना पुरोहित, ज्योति नारायण, दर्शन सिंह, हेमांगी ठाकर, मीना मूथा, गुरुदयाल अग्रवाल, विनीता शर्मा, सरिता सुराणा जैन, डॉ.अहिल्या मिश्र, शिवकुमार तिवारी कोहिर ने विविध विषयों पर काव्यपाठ किया | डॉ.देवेन्द्र शर्मा ने अध्यक्षीय काव्यपाठ में क्लब के प्रयास को प्रशंसनीय बताया | ज्योति नारायण ने आभार व्यक्त किया | मीना मूथा ने कार्यक्रम का संचालन किया |

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें