मंगलवार, 25 मार्च 2014

पुरस्कार समारोह एवं कवि सम्मेलन में सादर आमंत्रित हैं



महोदय / महोदया,
                         
सादर / सप्रेम नमस्कार!

आपको यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि 'कमला गोइन्का फाउण्डेशन' ने रविवार दिनांक 6 अप्रैल 2014 के दिन सायंकाल 4:30 से 'भारतीय विद्या भवन - सभागृह' रेसकोर्स रोड, बेंगलूरु में उपरोक्त समारोह समायोजित किया है, जिसमें कर्नाटक के हिन्दी एवं कन्नड़ साहित्यकारों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।
सहभोज तदुपरांत एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी प्रायोजित है। जिसमें देश के जाने-माने कवि सर्वश्री आशकरण अटल, सुभाष काबरा, पूरन पंकज और मुकेश गौतम भाग लेंगे। इस इ-मेल के संग निमंत्रण-पत्र अटैच कर रहे हैं। कृपया, दिन तारीख व समय नोट करें और समारोह में उपस्थित होकर साहित्यकारों का मान सम्मान बढ़ायें।

बहुत-बहुत धन्यवाद सहित,


सप्रेम
श्यामसुन्दर गोइन्का
(
प्रबंध न्यासी, कमला गोइन्का फाउण्डेशन)
संलग्न : निमंत्रण-पत्र (कृपया अटैचमेन्ट देखें)

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

पुरस्कृत व सम्मानित साहित्यकारों की घोषणा






पुरस्कृत व सम्मानित साहित्यकारों की घोषणा
कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी से कन्नड़ अथवा कन्नड़ से हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ अनुवादक के सम्मानार्थ घोषित इक्कीस हजार रुपये राशि का ''पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार'' इस वर्ष डाॅ. काशीनाथ अंबलगे को उनकी अनुसृजित कृति "सुमित्रानंदन पंत अवरा कवितेगळू" के लिए दिया जा रहा है।
इस अवसर पर कर्नाटक के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार श्री रंगनाथराव राघवेन्द्र निडगुंदि जी को "गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान" से एवं प्रो. मालती पट्टणशेट्टी जी को "गोइन्का कन्नड़ साहित्य सम्मान" से नवाजा जायेगा। संग-संग कर्नाटक की सिरमौर धर्मस्थला की प्रतिष्ठित समाज-सेवी श्रीमती हेमावती वी. हेगडे जी को "दक्षिण ध्वजधारी सम्मान" से सम्मानित किया जायेगा।
कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सूचित किया है कि बैगलोर में निकट भविष्य में आयोजित एक विशेष समारोह में चयनित साहित्यकारों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जायेगा।

संलग्न : विज्ञप्ति व फोटो।






संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

'साहित्य सेतु' लोकार्पित दि.24-2-2014







'साहित्य सेतु' लोकार्पित दि.24-2-2014 

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

हेमलता शर्मा के निवास पर होली के भजन का कार्यक्रम आयोजित दि.24-2-2014







हेमलता शर्मा के निवास पर होली के भजन का कार्यक्रम आयोजित 

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

हैदराबाद-सिकंदराबाद मारवाड़ी महिला संगठन का ‘होली के रंग-कवियों के संग’ आयोजित




 हैदराबाद-सिकंदराबाद मारवाड़ी महिला संगठन का ‘होली के रंग-कवियों के संग’ आयोजित

हैदराबाद-सिकंदराबाद मारवाड़ी महिला संगठन, हैदराबाद के तत्त्वावधान में बुधवार दि.19 मार्च को ‘होली के रंग-कवियों के संग’ हास्य-व्यंग्य कवि सम्मेलन आंध्र सारस्वत परिषद् हाल में आयोजित किया गया |

आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में अध्यक्ष रत्नमाला साबू एवं मंत्री लीला बजाज ने बताया कि इस कार्यक्रम के पहले सत्र में तनुजा व्यास ने सुमधुर स्वर में गणेश वंदना प्रस्तुत की | लीला बजाज ने सभी का अभिनन्दन किया और सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों को होली की उपाधि प्रदान की गई | साथ ही संगठन बहनों सविता सोनी, पुष्पा वर्मा, रुबि मिश्रा, सुमन सोनी, इंद्रा इन्नानी, संपत देवी मुरारका ने होली के उपलक्ष्य में अपनी-अपनी कविता का गायन किया |

दूसरे सत्र में नरेंद्र राय नरेन की अध्यक्षता एवं संयोजिका डॉ. अहिल्या मिश्र, संगठन के अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर सभी कवि-कवयित्रियों का स्वागत कर उन्हें स्मृति-चिह्न प्रदान किये गये | डॉ. अहिल्या मिश्र एवं भंवरलाल उपाध्याय ने होली के रंग कवियों के संग का संचालन किया | कवि नरेंद्र राय ने सामाजिक संदेश, राजनीतिक व्यंग्य, दक्खिनी रचना प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया | सुरेश जैन ने आज के नवदंपत्ति पर व्यंग्य कसा | कवि भंवरलाल उपाध्याय ने मारवाड़ी में प्रचलन कहावतों को माध्यम बनाकर वर्त्तमान हालात पर व्यंग्य कसते हुए सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया | युवा कवि आशीष ने शानदार प्रस्तुति की | कवयित्री ज्योति नारायण, सुषमा बैद, रमा द्विवेदी ने अपनी मधुर आवाज में होली के गीत प्रस्तुत किये | विनीता शर्मा ने होली के रंगों को अपनी रोजमर्रा जिंदगी से जोड़ कर कविता प्रस्तुत की | डॉ. अहिल्या मिश्र ने अनोखा अंदाज में सामाजिक कुरीतियों का खंडन किया | लीला बजाज ने हास्यात्मक कविता के अंदाज में सबको विदाई दी | रत्नमाला ने सभी को धन्यवाद दिया | इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शकुंतला राठी, जयश्री सुदर्शन, मंजु लाहोटी, शोभा डागा, ईला भट्ट, गंगा सोमाणी, शांता सारडा, लीला हेडा, राजेश्वरी पंडित, कलावती लड्ढा एवं पार्वती मनियार ने योगदान दिया |

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

बुधवार, 19 मार्च 2014

कादम्बिनी का होली मिलन-पुष्पक विमोचन संपन्न






कादम्बिनी का होली मिलन-पुष्पक विमोचन संपन्न

कादम्बिनी क्लब हैदाराबाद्के तत्त्वावधान में रविवार दि.16 मार्च को कृष्णदेवराय सभागार में क्लब का होली मिलन श्री वी.के. भल्ला की अध्यक्षता में आयोजित किया गया |

क्लब अध्यक्षा डॉ. अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर डॉ.राधेश्याम शुक्ल, प्रेमलता अग्रवाल, सिद्धार्थ गुप्ता, सुरेन्द्र , रतनलालजी दुग्गड़, वेणुगोपाल भट्टड़, विशेष आमंत्रित अतिथि कवि विश्वामित्र दधिच एवं डॉ. अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए | कार्यक्रम का आरम्भ कल्पना डांग द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुति से हुई |  मंचासीन अतिथियों के करकमलो से दीप प्रज्ज्वलित किया गया | सदस्यों को गुलाल अबीर का टीका लगाया गया तथा एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी गई | क्लब की ओर से मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ द्वारा सम्मान किया गया | मीना मूथा ने उपस्थित सभा का स्वागत किया | डॉ. मिश्र ने स्वागत भाषण में कहा कि सभी सदस्यों का अपनत्व भरा सहयोग ही क्लब के संगठन को मजबूती प्रदान करता है | पुष्पक का 25 वां प्रकाशन क्लब की निरंतरता एवं संपादक मंडल के समर्पण को दर्शाता है |

तत्त्पश्चात डॉ. मदनदेवी पोकरणा ने पुष्पक-25 का परिचय देते हुए कहा कि सशक्त संपादकीय के साथ-साथ पठनीय रचनाओं का संग्रह प्रशंसनीय है | स्थानीय रचनाकारों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के रचनाकारों का साहित्य शामिल है | भाग 25 तक की यात्रा स्वयं ही इसकी उड़ान की कहानी कहता है | डॉ. राधेश्याम शुक्ल एवं मंचासीन अतिथियों के करकमलों से पुष्पक-25 का तालियों की गूँज में विमोचन संपन्न हुआ | संपादक मंडल की ओर से डॉ. रमा द्विवेदी ने कहा कि रचनाकार टाइप करके रचना भेजें जिससे प्रूफ में अधिक गलतियाँ नहीं होगी | प्रबंधन एवं अर्थ सहयोग साहित्य प्रकाशन में अहम् भूमिका निभाता है | लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने कहा कि स्तरीय रचनाओं का ही चुनाव किया जाता है, रचना अधिक दीर्घ न हो और सामाजिक साहित्यिक चेतना की बात रचना को विचारणीय बनाती है | ज्योति नारायण ने कहा कि संस्था सर्वोपरि होती है, प्रत्येक सदस्य का फर्ज है कि वह संस्था की गतिविधियों में सक्रियता बनाए रखें | डॉ. राधेश्याम शुक्ल ने होली पर्व का महत्त्व बताते हुए कहा कि यह केवल उल्लास का ही नहीं बल्कि प्यार, भाईचारे का सन्देश लेकर आता है | पुष्पक की 25 वीं उड़ान पर उन्होंने क्लब को बधाई दी | सिद्धार्थ गुप्ता, सुरेन्द्र शर्मा, रतनलाल दुग्गड़, प्रेमलता अग्रवाल, वेणुगोपाल भट्टड़ ने क्लब को होली की शुभकामनाएं दी | विश्वामित्र दधिच ने राजस्थानी फागुन गीतों की विशेष प्रस्तुति दी | प्रथम सत्र का संचालन मीना मूथा ने किया | डॉ. रमा ने क्लब सदस्यों को उनके जन्म-दिन, विवाह दिन एवं विशेष उपलब्धि पर जी. परमेश्वर, पवित्रा अग्रवाल को बधाई दी |

द्वितीय सत्र में लक्ष्मीनारायण अग्रवाल के सफल संचालन में हास्य-व्यंग्य को केन्द्रित करते हुए कविगोष्ठी संपन्न हुई | इसमें भावना पुरोहित, नरहर देव, डॉ. देवेन्द्र शर्मा, वेणुगोपाल भट्टड़, शिवप्रसाद तिवारी, अजीत गुप्ता, देवप्रसाद मयाला, डॉ. रमा द्विवेदी, सीता मिश्र, ज्योति नारायण, संपत देवी मुरारका, लालचंद सिंह, सुरेश जैन, सुषमा बैद, सत्यनारायण काकडा, डॉ. अहिल्या मिश्र, मीना मूथा, गुरुदयाल अग्रवाल, गौतम दीवाना, सुनीता गुप्ता, प्रमोदकुमार पयासी, लक्ष्मीकांत जोशी, आशीष नैथानी, एल. रंजना, सूरजप्रसाद सोनी, उमा सोनी, जी. परमेश्वर, विजय विशाल, विनीता शर्मा, एलिजाबेथ कुरियन मोना, सरिता सुराणा जैन, एस.के. जैन, पवित्रा अग्रवाल, अशोक आर्य, हेमांगी ठाकर, सिद्धार्थ गुप्ता, दर्शन सिंह ने काव्यपाठ किया | श्री वि.के. भल्ला ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | इस अवसर पर सुभाष डांग, अवनीश डांग, सी.एम्. दुग्गड़, कैलाश भट्टड़, रत्नमाला साबू, भूपेन्द्र मिश्र, विमला जैन उपस्थित थें | सरिता सुराणा जैन के धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

शनिवार, 15 मार्च 2014

गीतकार ईश्वर करूण के सम्मान में होली मिलन कवि गोष्ठी संपन्न


गीतकार ईश्वर करूण के सम्मान में होली मिलन कवि गोष्ठी संपन्न 

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

21वीं शती के साहित्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न


21वीं शती के साहित्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

मुंबई,  8 मार्च 2014.

गुरुनानक खालसा कॉलेज के हिंदी विभाग तथा महारष्ट्र राज्य हिंदी समिति के संयुक्त तत्वावधान में ‘भूमंडलीकरण : 21वीं शती के प्रथम दशक का हिंदी साहित्य’ विषय पर द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई.

संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए ‘समीक्षा’ के संपादक और इग्नू के प्रोफ़ेसर डॉ. सत्यकाम ने हिंदी साहित्य की कालजयी कृतियों के हवाले से यह कहा कि ‘बाजार हमेशा मौजूद रहा है. वह ईमानदार आदमी को खरीदता है. हिंदी में आधी रचनाएँ विरोध से आशंकित हैं. आज हमारे समक्ष केवल बाजार का ही संकट नहीं बल्कि साहित्य और पर्यावरण का भी संकट उपस्थित है.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘बाजार इतना मजबूत हो चुका है कि वह साहित्य से दोस्ताना करने का प्रयास कर रहा है. आज हिंदी साहित्य से गाँव लुप्त होते जा रहे हैं.’

भोपाल से पधारे प्रो. रमेश दवे ने कहा कि ‘आज के इस बनावटी संसार में साहित्य में जंग हो रही है, मीडिया में नहीं. भूमंडलीकरण के इस युग में साहित्य मंडी के हाथों कठपुतली बनकर रह गया है.’
उद्घाटन सत्र के अध्यक्षीय संबोधन में अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. दामोदर खडसे ने कहा कि ‘वैश्वीकरण के इस युग में साहित्य पूरी तरह से बाजार से प्रभावित होता दिखाई दे रहा है. कलम की स्वतंत्रता बाजारवाद के बढ़ते प्रभाव से बाधित है.’

शुरू में खालसा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजीत सिंह ने अतिथियों का स्वागत-सत्कार किया. डॉ. रत्ना शर्मा ने विषय की प्रस्तावना प्रस्तुत की. उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. मृगेंद्र राय ने किया.

‘भूमंडलीकरण और वर्तमान परिप्रेक्ष्य’ पर आधारित प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. रामजी तिवारी ने की. मुख्य वक्ता डॉ. त्रिभुवन राय ने कहा कि ‘भूमंडलीकरण के इस दौर में पश्चिम की चकाचौंध से युवा वर्ग अधिक प्रभावित है. वर्तमान समय में साहित्यकारों के समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं जिनसे उन्हें निरंतर जूझते रहना है.’ इस अवसर पर डॉ. हूबनाथ पांडेय, डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. विनीता सहाय और डॉ. वंदना शर्मा ने शोधपत्र प्रस्तुत किए.

दो दिन के इस कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में भूमंडलीकरण और काव्य, भूमंडलीकरण और कथासाहित्य, भूमंडलीकरण और जनसंचार तथा साहित्य की अन्य विधाओं पर विस्तार से चर्चा हुई. इस चर्चा में इलाहाबाद से आए डॉ. रामकिशोर शर्मा, हैदराबाद से पधारे डॉ. ऋषभ देव शर्मा, डॉ. रतन कुमार पांडेय, डॉ. चंद्रदेव कवडे, डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी, डॉ. विष्णु सर्वदे, डॉ. मधुलिका पाठक, दयानंद भुबाल, डॉ. उषा श्रीवास्तव, डॉ. उषा मिश्रा, डॉ. शीला अहुजा, भुवेंद्र त्यागी और डॉ. सूर्यबाला ने विभिन्न सत्रों में अध्यक्ष तथा विषय प्रवर्तक के रूप में अपने विचार व्यक्त किए.       

चित्र का परिचय
खालसा कॉलेज, मुंबई में 21 वीं शती के हिंदी साहित्य पर केंद्रित द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करते हुए [बाएँ से] डॉ. रमेश दवे, डॉ. दामोदर खडसे, डॉ.अजीत सिंह और डॉ. सत्यकाम तथा [माइक पर] डॉ. मृगेंद्र राय.

प्रस्तुति : डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
सह-संपादक ‘स्रवंति’
प्राध्यापक, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान,
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,
खैरताबाद, हैदराबाद – 500 004

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद