मंगलवार, 5 जुलाई 2016

भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट www.mhrd.gov.in पर प्रस्तुत नई शिक्षा नीति 2016 का मसौदा भाषा -संस्कृति संबंधी प्रावधान ( सदस्यों के विचारार्थ )


भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाइट www.mhrd.gov.in पर प्रस्तुत 
नई शिक्षा नीति 2016 का मसौदा 
भाषा -संस्कृति संबंधी प्रावधान
( सदस्यों के विचारार्थ )



अपने सुझाव 'वैश्विक हिंदी सम्मेलन​' को  vaishwikhindisammelan@gmail.com पर भी नाम पते आदि सहित 
ई मेल करें ताकि सभी के ध्यानार्थ व विचारार्थ समूहों पर प्रस्तुत कर विचार-विमर्श किया जा सके और यथासमय
भारतीय -भाषा प्रेमियों/ समर्थकों द्वारा मंत्रालय को सुझाव भेजे या भिजवाए जा सकें।
भारतीय भाषाओं की संस्थाएँ,अकादमी, संगठन विशेष ध्यान दें। इस विषय पर परिचर्चा/ संगोष्ठी भी आयोजित की जा सकती हैं।
 प्राप्त सुझावों को वैश्विक हिंदी सम्मेलन के समूहों व वेबसाइट पर ई-संगोष्ठी के अंगर्गत विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
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भाषा संबंधी समाचार
1.नई शिक्षा नीति का मसौदा जारी

भारत सरकार ने नयी शिक्षा नीति 2016 का प्रारूप अंग्रेजी में जनता के सुझावों के लिए जारी कर दिया है ।
पहली कक्षा से अंग्रेजी अनिवार्य विषय।
राज्य चाहें तो मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दे सकते हैं।
भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा पर कोई विचार नहीं किया गया है। 
३१ जुलाई अंतिम तिथि है सुझावों के लिए.।
नीति का मसौदा www.mhrd.gov.in पर उपलब्ध है 

2. गोइन्का साहित्यिक पुरस्कार 2017 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित 

 कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके वर्ष 2017 के लिए "बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार" एवं हिन्दीतर भाषी हिन्दी युवा लेखकों के लिए "प्रो. एन. नागप्पा युवा साहित्यकार पुरस्कार" (वय सीमा 35 वर्ष) तथा हिन्दी से तमिल व तमिल से हिन्दी अनुवाद के लिए घोषित "बालकृष्ण गोइऩ्का अनूदित साहित्य पुरस्कार" के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। 
श्री गोइन्का जी ने जानकारी दी है कि अहिन्दी भाषी साहित्यकार यानी जिनकी मातृभाषा दक्षिण भारतीय भाषाओं में जैसें कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल, तुलु, उड़िया अथवा कोंकणी में जो हिन्दी में मूल रूप से लिख रहे हैं, इन प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं। जो हिन्दी भाषी साहित्यकार अहिन्दी भाषी क्षेत्रों में 10 वर्षों या अधिक से हिन्दी साहित्य की सेवा कर रहे हैं, वे भी इन पुरस्कारों के हकदार होंगे। ऐसे हिन्दी किंवा अहिन्दी भाषी दोनों इन पुरस्कारों के लिए अपनी प्रविष्टि भेज सकते हैं। प्रविष्टियां मिलने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2016 है।
नियमावली एवं पु्रस्ताव-पत्र वेब साइट www.kgfmumbai.com का अवलेकन करें। अधिक जानकारी के लिए बैंगलोर दूरभाष: 080-32005502 (कमलेश) इ-डाक : kgf@gogoindia.com या साधारण पत्र द्वारा संपर्क किया जा सकता है।

3. "राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा" तथा "स्वतन्त्र जन समाचार" की ओर से  व्यंग्य-संध्या व 
राजेश विक्रांत कृत "बतरस" के बहाने व्यंग्य पर चर्चा ।

राजेश विक्रांत अच्छे व्यंग्यकार हैं। इसी वजह से हमने 2007 में इनका स्तम्भ बतरस शुरू किया था। यह ख़ुशी की बात है कि इसी नाम से इनकी पुस्तक भी आ गई है। मैंने पुस्तक पढ़ी है। इनमे दूसरा रवीन्द्रनाथ त्यागी बनने की सम्भावनाएँ मौजूद हैं। यह उदगार वरिष्ठ पत्रकार और भाजपा नेता प्रेम शुक्ल ने रविवार 26 जून  की शाम सांताक्रुज पूर्व के मौलाना आजाद हाल में आयोजित एक शाम व्यंग्य के नाम के प्रमुख अतिथि के रूप में व्यक्त किये। राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा तथा स्वतन्त्र जन समाचार ने राजेश विक्रांत के सद्य प्रकाशित व्यंग्य संग्रह बतरस पर चर्चा तथा व्यंग्य पाठ का आयोजन किया था। कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि साहित्यकार माणिक मुंडे ने व्यंग्य को साहित्य की एक कठिन विधा बताया। इसलिये आजकल व्यंग्य पर बहुत कम लिखने वाले मिलते हैं। फिर भी विक्रांत की बतरस उम्मीदों पर खरी उतरने वाली पुस्तक साबित हुई है। जबकि सम्मानीय अतिथि लोकप्रिय कहानी पोर्टल व प्रकाशन संस्थान स्टोरीमिररडॉटकॉम के प्रमुख विभु दत्ता राउत ने हास्य व्यंग्य को जीवन का अंग कहते हुए राजेश विक्रांत के दूसरे व्यंग्य संग्रह को प्रकाशित करने की इच्छा दर्शाई। 
व्यंग्य पाठ में डॉ अनन्त श्रीमाली ने श्री 'साडी खरीदाय नमः', कैलाश सेंगर ने 'शवयात्रा का यूनीफार्म', डॉ राजेश्वर उनियाल ने 'व्यंग्य संचालक',  सुश्री अलका अग्रवाल सिगतिया ने 'हिंदी माता का श्राद्ध', अमर त्रिपाठी ने 'कौवो की श्रद्धांजलि सभा', शीतला पाण्डेय ने 'तालियां' व राजेश विक्रांत ने 'अपने बारे में' का पाठ किया। 
कार्यक्रम का सञ्चालन  प्रेम कुमार, आरजे ने किया जबकि आभार प्रदर्शन शत्रुघ्न प्रसाद अध्यक्ष, राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा, भारत ने किया।


4. 
संजीव निगम द्वारा छात्रों को लेखन- प्रक्रिया से संबंधित बारीकियों की  जानकारी 
सेंट पीटर्स स्कूल पंचगनी में आयोजित "अपने प्रिय लेखक से मिलिए" कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री विल्फ्रेड नरोन्हा ने बताया -'पूरी दुनिया में संवेदनहीनता का खतरा मंडरा रहा है।ऐसी स्थिति में एक रचनाकार ही लोगों में संवेदनशीलता पैदा कर सकता है।आज की नई पीढ़ी कल का भविष्य तय करेगी।इसलिए इनके लेखन को सही दिशा देना हमारी जिम्मेदारी बनती है।' कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजीव निगम ने छात्रों को लेखन- प्रक्रिया से संबंधित बारीकियों की विस्तार से चर्चा करते हुए बताया ' साहित्य हमें दृष्टि देता है।यही दृष्टि जीवन की तमाम समस्याओं को हल करने में सहायक होती है।एक सफल रचनाकार सहृदय पाठक भी होता है।अतः लेखन में रूचि रखने वाले छात्रों को कहानियां, कविताएं, उपन्यास आदि पढ़ते रहना चाहिए।' इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र स्वरचित गीत, कहानी, कविता और आत्मकथा पढ़कर सुनाए।प्रश्नकाल के दौरान सबकी सहभागिता कार्यक्रम की सफलता का आधार बनीं।  कार्यक्रम का आद्यंत सूत्र संचालन डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय ने किया।श्री सुनील माने ने आमन्त्रित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर सर्वश्री जयवंत भिलारे, राकेश त्रिपाठी, चन्द्रवदन आढाव और राम शेलके सहित कई गणमान्य मौजूद थे।


वेबसाइट- वैश्विकहिंदी.भारत /  www.vhindi.in
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संपर्क - vaishwikhindisammelan@gmail.com

प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com  
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

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