रविवार, 26 अक्टूबर 2014

Cow Lovers appeal to Supreme Court, State and Union Government to prevent cow slaughter on Bakri Idd.







Cow Lovers appeal to Supreme Court, State and Union Government to prevent cow slaughter on Bakri Idd.

स्‍टार जोड़ें  
<awbikk@gmail.com>

कल बकरीद है 
बंगाल में लाखों गायें मुस्लिम बहुल इलाकों में बंधी हैं 
संसार का सबसे बड़ी अपराधिक घटना होने वाली है 
सबको पता है अपराध कब और कहाँ होने वाला है?
यह भी जानकारी है कि राज्य सरकार मुस्लिम परस्त है 
उसकी शह के कारण ही इतना बड़ा अपराध खुले आम हो रहा है 
किन्तु केंद्र में तो भाजपा की  सरकार है 
अब तक जो सरकार केंद्र में थी वह भी मुस्लिम परस्त थी 
क्या भाजपा भी मुस्लिम परस्त है?
क्या भाजपा भी कोई कदम नहीं उठाएगी?
क्या भाजपा मुसलमानो से डरती है?
जब देश के इतने पशुधन के प्राण खतरे में है तो 
क्या भाजपा सेना नहीं भेज सकती?
राज्य सरकार कानून और आदेश का पालन न करे तो 
क्या केंद्र की जिम्मेदारी नहीं बनती - 
सर्वोच्च न्यायालय और संविधान की रक्षा करना 
कृपया प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य न्यायधीश से बात कर 
आज रात कोई कदम उठवायें ताकि लाखों गायों के प्राण बचे 
या किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिसकी उन तक पहुंच हो 
आपका अपना 
सुदर्शन 


प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

शनिवार, 25 अक्टूबर 2014

कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न




प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद


नवजीवन महिला मंडल ने मनाई दीपावली



प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

बिहार एसोसिएशन द्वारा सम्मान समारोह संपन्न



प्रस्तुत कर्ता  : संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका 
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

महिला उद्यमियों को मिले स्थाई बाजार : मृदुला सिन्हा



प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका 

संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

शुक्रवार, 24 अक्टूबर 2014

ऑस्ट्रेलिया में पहली बार दीपावली पर ओपेरा हाउस प्रकाशित




ऑस्ट्रेलिया में पहली बार दीपावली पर ओपेरा हाउस प्रकाशित 

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर श्री माइक बियर्ड ने घोषणा की कि इस साल दीपावली पर ओपेरा हाउस को प्रकाशित किया जाएगा।  २१ अक्टूबर की शाम आठ बजे भारतीय समुदाय और सरकार के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की गई।  साउथ ईस्ट एशियन समुदाय के लिए गर्व का अवसर रिमोट के बटन में एक कोड दबाया और  ही ओपेरा हाउस प्रकाशमान हो गया।  ताली बजकर उपस्थित लोगों ने इसका स्वागत किया, ऑस्ट्रेलियन  सरकार ने इस मौके पर सबका मुंह मीठा कराया। ये भी  घोषणा की गई कि न्यू साउथ वेल्स की संसद भी पांच नवम्बर तक बिजली के बल्बों से प्रकाशित रहेगी।  इसके अतिरिक्त दीवाली ऑस्ट्रेलिया, कैनबेरा की संसद में भी मनाई जाएगी।  इससे पहले सिडनी में तीन संस्थाओं ने दीवाली मेलों  आयोजन किया, बैंकों ने भी भारतीय समुदाय को प्रसन्न करने के लिए रात्रिभोज आयोजित किये।  प्रधानमंत्री के आने की तैयारी तो चल ही रही है, तो ज़ाहिर है आजकल भारतीय समुदाय ने ऑस्ट्रेलिया के पन्नों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।  
-रेखा राजवंशी  
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया 


मेलबर्न । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने ब्रिसबेन में होने वाले जी-20 सम्मेलन के दौरान ऑस्ट्रेलियाई संसद को भी संबोधित करेंगे। ऑस्ट्रेलियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले वे भारत के पहले पीएम होंगे। माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई संसद में मोदी का ऐतिहासिक भाषण हिंदी में होगा। इस दौरान कई ऑस्ट्रेलियाई सांसदों ने मोदी की यात्रा को लेकर खुशी जाहिर की है।
तस्मानिया से भारतीय मूल की लेबर पार्टी की सीनेटर लिजा सिंह कहती हैं कि मोदी के हिंदी भाषण का मतलब है कि वह भारत का सम्मानसंस्कृति और मजबूती ऑस्ट्रेलिया में ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के संबोधन से भारतीय संस्कृति और उसकी ताकत का आस्ट्रेलिया के लोगों की नजरों में सम्मान बढ़ेगा। 42 वर्षीय लिजा सिंह ऑस्ट्रेलिया की भारतीय मूल की पहली फेडरल सांसद हैं। उन्होंने कहा कि वह भी मोदी से मिलने को लेकर काफी उत्साहित हैं। ऑस्ट्रेलियाई के ब्रिसबेन में 15-16 नवंबर को जी-20 सम्मेलन प्रस्तावित है। मोदी तीन दशक में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे।

विजय कुमार मल्होत्रा,पूर्व निदेशक (राजभाषा),रेल मंत्रालय,भारत सरकार
प्रस्तुत कर्ता-संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी

हैदराबाद

स्वाधीन कृत “सुर्ख लहू के ख़्वाब” पुस्तक लोकार्पित











 स्वाधीन कृत सुर्ख लहू के ख़्वाब पुस्तक लोकार्पित

हिमायतनगर उर्दू हॉल हैदराबाद, हिंदी के मशहूर शायर और आलोचक शशिनारायण स्वाधीन का सम्मान करते हुए प्रमुख लेखिका श्रीमती संपत देवी मुरारका ने संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण भारत में हिंदी और उर्दू की एकता की जश्ने स्वाधीन का आयोजन अपने आप में एक अद्भूत मिशाल है | श्रीमती मुरारका ने शॉल एवं पुष्पगुच्छ देकर कवि स्वाधीनजी का सम्मान किया | अवसर पर भारी संख्या में उपस्थित काव्य प्रेमियों को संबोधित करते हुए श्रीमती मुरारका ने कहा कि राजनीति जहाँ हमें तोड़ती वहीँ साहित्य का काम व्यक्ति के दिलों को जोड़ना होता है | जो कवि अपने काल सत्य को लिखता है उसकी कलम जनता की भावनाओं को अभिव्यक्ति दे पाती है | स्वाधीन की कलम एक जिन्दा मिशाल है | इस अवसर पर स्वाधीन जी की पुस्तक ‘सुर्ख लहू के ख़्वाब’ का लोकार्पण जे.बापू रेड्डी (आई.ए.एस.) के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ |

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विशेष मेट्रोपोलिटन जज बाशा नवाज खान ने श्रीमती मुरारका का समर्थन करते हुए बताया कि ऐसी लेखिकाओं की ओर से ही हिंदी उर्दू से जुड़ पा रही है | समारोह के अध्यक्ष श्री जे.बापू रेड्डी (आई.ए.एस.) ने श्रीमती मुरारका के विचारों को दोहराते हुए कहा कि स्वाधीन का साहित्य मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को समर्पित है | इस अवसर पर यूनाइटेड राइटर्स सोसाइटी के महासचिव श्री फरिदजिआई, अध्यक्ष आर. दूर्गाराज पटून और बंशीलाल ने भी अपने विचार रखे | मुख्य वक्ताओं के रूप में डॉ.अहिल्या मिश्र, दुर्गेश नंदिनी, लक्ष्मीदेवी राज, डॉ.रोहिताश्व, गोविन्द मिश्र, सुभाष शर्मा, ज्योति नारायण, मदनदेवी पोकरणा, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, मीना मूथा आदि के नाम उल्लेखनीय है | हैदराबाद के समस्त लब्ध प्रतिष्ठित उर्दू के शायर भी उपस्थित थे | रेशमा तब्बसुम ने सत्र का संचालन किया |

दुसरे सत्र में स्वाधीन की गजलों का सुमधुर स्वर में प्रसिद्ध गजल गायकों-मिर्जा मकसूद बैग, साजिद रौफ, उस्मान मिर्जा एवं सोम घोष ने गायन कर सभा में उपस्थित सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया | बंसीलाल के आभार के साथ ‘जश्न-ए-स्वाधीन’ कार्यक्रम का समापन हुआ |

संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष-विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

मंगलवार, 21 अक्टूबर 2014

कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न





कादम्बिनी क्लब की मासिक गोष्ठी संपन्न

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्त्वावधान में रविवार दि. 19 अक्तूबर को हिंदी प्रचार सभा परिसर नामपल्ली में क्लब की 266वीं मासिक गोष्ठी का सफल आयोजन संपन्न हुआ |

क्लब अध्यक्ष डॉ.अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर डॉ.देवेन्द्र शर्मा (अध्यक्ष), अवधेश कुमार सिन्हा (मुख्य अतिथि), विजय विशाल चांडक (विशेष अतिथि), डॉ.अहिल्या मिश्र (क्लब अध्यक्ष) मंचासीन हुए |  सहसंयोजक ज्योति नारायण ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | मीना मूथा ने क्लब का संक्षिप्त परिचय दिया | डॉ.मिश्र ने उपस्थित सभा को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दी | प्रथम सत्र में देवा प्रसाद मयला ने अपनी पांच वुनिन्दा रचनाओं का पाठ किया | ये रचनाएँ थीं वंदिनी, अनभिव्यक्त, जानो जरा, बयार लीला, स्वतंत्र | प्रस्तुत रचनाओं पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ.रमा द्विवेदी ने कहा कि लिखते-लिखते ही रचनाओं में निखार आता है, शीर्षक अच्छे लगे, शब्दों के चयन में गंभीरता व सावधानी का ध्यान रखें तो मयलाजी की रचनाएँ और प्रगल्भ हो सकती है | ज्योति नारायण ने कहा कि हम बार-बार अपनी रचनाओं को पढ़े, सुधार करते तराशते जाएँ | ‘स्वतंत्र’ में मृत्यु उपरांत के दृश्य को सहेजता से उकेरा है | जी.परमेश्वर ने कहा कि लिखते समय हम उस प्रवाह में बह रहे होते हैं | रचना को 8-10 दिनों के बाद फिर से पढ़े, तब हमें पुन: उसमें कोई सुधार की गुंजाइश महसूस होती है | डॉ.सीता मिश्र ने कवि के प्रयास को सराहते हुए कहा कि गलतियां होना स्वाभाविक है तभी तो सुधार होगा | ‘स्वतंत्र’ रचना अच्छी लगी | डॉ.मदनादेवी पुकारणा ने कहा कि रचनाकार तेलगुभाषी है, संस्कृत शब्दों का प्रयोग ध्यान आकर्षित करता है | वाक्य विन्यास पर ध्यान केन्द्रित करने की बात कहकर कवि को साधुवाद दिया | लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि रचनाओं में विचार, अभिव्यक्ति है | अनुकांत कविता में यदि शीर्षक न हो तो कविता ही समझ में नहीं आती | ‘बयार लीला’ में तुक के कसाव की आवश्यकता है | शब्द चयन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए शिल्प की साधना पर अभ्यास की आवश्यकता पर जोर दिया | विजय विशाल ने मिथकों के चयन बढ़िया बताते हुए उसे बस मांजने की जरुरत पर बल दिया | कविता में लय टूटनी नहीं चाहिए | डॉ.मिश्र ने कहा कि कवि के पास विचार है, स्त्रोत है, प्रवाह में कहीं न कहीं गतिरोध है | रचनाओं में मातृभाषा का प्रभाव नजर आता है, शब्दकोष की सहायता अवश्य लेने का परामर्श दिया | अवधेश सिन्हा ने रचनाओं में शिल्प के लड़खड़ाने की बात करते हुए कहा कि मयला छोटी उम्र से ही हिंदी में लिखते आ रहे हैं अत: उसमें अब परिपक्वता की आशा की जा सकती है | अध्यक्षीय बात में डॉ.देवेन्द्र ने कहा कि पाठक की दृष्टि से कविता में तारतम्य की आवश्यकता है | अनुकांत में लयबध्दता के साथ प्रवाह होना चाहिए, कठिन शब्दों के स्थान पर सरल शब्दों का प्रयोग करें, कम ही लिखें पर अच्छा लिखें कहकर कवि को आशीष दिया | सत्र का संचालन मीना मूथा ने किया |

तत्त्पश्चात दुसरे सत्र के आरंभ में आगामी 1 नवंबर को स्व.श्री दुर्गादत्त पाण्डेय के रचनासंग्रह ‘मुस्कान’ के विमोचन के सन्दर्भ में सभा को जानकारी दी गई | प्रस्तुत सत्र में विनीता शर्मा की अध्यक्षता एवं गुरुदयाल अग्रवाल के आतिथ्य में तथा भंवरलाल उपाध्याय के सफल संचालन में कविगोष्ठी संपन्न हुई | इसमें आशीष नैथानी, दर्शनसिंग, जी.परमेश्वर, सूरजप्रसाद सोनी, विजय विशाल, भावना पुरोहित, ज्योति नारायण, संपतदेवी मुरारका, हेमांगी ठाकर, सरिता गर्ग, डॉ.रमा द्विवेदी, संतोष कुमार रजा, पवित्रा अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, अवधेश कुमार सिन्हा, देवाप्रसाद मयला, डॉ.अहिल्या मिश्र, मीना मूथा, गुरुदयाल अग्रवाल, भूपेन्द्र मिश्र, जुगल बंग जुगल आदि ने काव्यपाठ किया | डॉ. रमा ने क्लब सदस्यों को जन्मदिन-विवाह दिन की बधाई दी | मीना मूथा के आभार के साथ गोष्ठी का समापन हुआ |

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद

रविवार, 19 अक्टूबर 2014

हिंदी व्यंग्य साहित्य की संकल्पना एवं स्वरूप पर संगोष्ठी संपन्न



हिंदी व्यंग्य साहित्य की संकल्पना एवं स्वरूप पर संगोष्ठी संपन्न 

संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद