ऑथर्स गिल्ड आफ इंडिया को 39 में राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न
जबलपुर के होमसाईस
महाविद्यालय के प्रेक्षा गृह में दिनांक 28 एवं 29 दिसम्बर 2013 (शनिवार एवं रविवार) के दिन ऑथर्स गिल्ड आफ
इंडिया का 39 वाँ अधिवेशन कई संगोष्ठियों एवं विभाजित पाँच सत्रो तथा उदघाटन एवं
समापन सत्रों के साथ सम्पन्न हुआ | इस अवसर पर कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में
कुलपति मध्य प्रदेश आर्यु विज्ञान यूनिवर्सिटी डी.पी लोकवाणी , विशिष्ट
अतिथि के रूप में पूर्व अध्यक्ष कालिदास साहित्य अकादमी डॉ. कृष्णकान्त चतुर्वेदी
के साथ पद्मश्री श्याम सिंह शशि, गिल्ड
की उपाध्यक्षा डॉ सरोजिनी प्रीतम, वीमेन्स
कालेज के हिंदी विभाग की अध्यक्षा डॉ. उषा दुबे, प्रसिद्ध साहित्यकार भगवत दुबे आदि मंचासीन हुए | दीप प्रज्ज्वल एवं सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम आरंभ किया गया | गिल्ड
के महामंत्री डॉ.शिवशंकर अवस्थी ने देश के विभिन्न भागों ( कश्मीर से कन्याकुमारी
तक) से पधारे 150 लेखक एवं कवि तथा साहित्यकारों व स्थानीय साहित्यकारों का स्वागत
करते हुए अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया |
लेखकीय चुनौतियाँ, विषय आघृत इस संगोष्टी के उदघाटन समारोह में मंचासीन विद्वानो के
मतानुसार लेखक शब्दो की शल्य क्रिया कर काव्य, उपन्यास, कहानी और व्यंग की रचना
करता है, वह एक सृजन कर्ता है | फिर भी लेखक को कई
चुनौतियों से दो-चार होना पड़ता है | कभी रॉयल्टी के लिए तो
कभी प्रकाशन के लिए | ये समस्याएँ देश के हर कोने में लेखक को परेशान करती है |
उदघाटन के अवसर पर
पुस्तकों का लोकार्पण कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ | हैदराबाद से पधारी डॉ.अहिल्या
मिश्र के प्रधान सम्पादकत्व में प्रकाशित पत्रिका 'पुष्पक’ का 24 वाँ अंक, डॉ. रमा द्विवेदी की
हाइकू संग्रह के साथ कुल 25 पुस्तकें इस मंच से लोकार्पित की गईं |
अधिवेशन के प्रथम दिन
उदघाटन के पश्चात विचार मथन से युक्त्त लेखकीय चुनौतियाँ का प्रथम सत्र डॉ.
हीरालाल बाछोतिया की अध्यक्षता एवं डॉ.अहिल्या मिश्र चैप्टर संयोजिका हैदराबाद के
संचालन में प्रभा मेहता (नागपुर), संतोष
श्रीवास्तव (मुम्बई), डॉ राजलक्ष्मी कृष्णन
(चेन्नई), डॉ. सुषमा सिंह (आगरा), ज्योति गजभिये (मुंबई), सुलोचना (सेलम), डॉ.रघुनंदन
तिवारी (नई दिल्ली) सात प्रपत्रों की प्रस्तुति दी | सभी
वर्त्तमान समस्याओं को लेखकी चुनौती बतालाए | इसके
पश्चात् दूसरे, तीसरे एवं चौथे सत्र में सायं 5 बजे तक प्रपत्र प्रस्तोता
अपने विचार रखते रहे |
सांय 6 बजे से
देर रात तक काव्य संध्या का आयोजन सम्पन्न हुआ | इसमें मुख्य अतिथि
डॉ.श्याम सिंह शशि, सम्मानीय अतिथि डॉ.कृष्ण
कान्त चतुर्वेदी पूर्व अध्यक्ष कालीदास साहित्य अकादमी, अध्यक्ष डॉ.सरोजिनी प्रीतम के साथ संचालक द्वय हैदराबाद की डॉ
अहिल्या मिश्र एवं नागपुर के नरेन्द्र परिहार के साथ देश के कोने कोने से पधारे
लगभग 58 कवियों ने कई भाषाओँ में काव्य पाठ किया | हैदराबाद
की डॉ. रमा द्विवेदी , श्रीमती विनीता शर्मा एवं सम्पत देवी मुरारका के साथ नागपुर के 15 कवि
एवं कवयित्री, प्रदीप सुमन (रीवा), डॉ.ए.कीर्ति वर्हन (मुज्जफरनगर), रेखा रौशनी व अन्य 7 (मुम्बई), पंकज अंगार (ललितपुर झाँसी), डॉ प्रियंका सोनी ‘प्रीत’ (जलगाँव), डॉ पांडुरंग शिरगावकर एवं 4 (गोवा), बाला
शुभ्रमनयम (चेन्नैई), लक्ष्मण बेहड़िया
(छिन्दवाडा), डॉ सेतु रामण (चेन्नई)
सालेम वालन (केरल) अन्य 4 कवि (चेन्नई), अमिय अधर 'निडर' (आगरा), शशि गोयल, शशिकला अग्रवाल,
अशोक 'अश्रु’ (आगरा), रेखा व्यास (नई दिल्ली), रमा वर्मा (उत्तर
प्रदेश), रामवीर शर्मा उर्फ़ रामू भैय्या (कोटा -राजस्थान), डॉ गोरम कार्तियान (केरल), डॉ.लक्ष्मी शर्मा (जबलपुर), आचार्य भगवत दुबे, गार्गी शरण मिश्र मराल, डॉ ऊषा दुबे, दीपक
तिवारी सभी जबलपुर एवं सुरेश शर्मा (गुड़गांव), रामाश्रय गोयल (उत्तर प्रदेश) के साथ अन्य कई कवियों ने काव्य पाठ
किया | सभी रसो एवं विभिन्न भाषाओँ (हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलगु, राजस्थानी)
आदि में कविता पाठ सम्पंन हुआ | शिवशंकर अवस्थी ने काव्य पाठ एवं धन्यवाद दिया | दूसरे दिन तीन सत्रों में लेखकीय चुनौतियों पर विचार किया गया |
अन्त में खुले सत्र में
सभी चैप्टरों के संयोजक तथा कार्यकारिणी सदस्यों एवं अन्य सभी सदस्यों के साथ
गिल्ड से जुडी समस्याओं एवं इसके विकास तथा इसमें मजबूती लाने सम्बंधी कई आवश्यक
बातों पर विचार विमर्श करते हुए कुछ प्रस्ताव पास किये गए | डॉ.शिवशंकर
अवस्थी ने इस सत्र का संचालन करते हुए सभी लेखको को उनकी सहभागिता के लिए धन्यवाद
दिया |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
आजीवन सदस्य
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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