बुधवार, 30 नवंबर 2016

हिन्दी का स्वाभिमान बचाने समाचार-पत्रों का शुभ संकल्प, प्रवीण कुमार जैन


भारतीय भाषा जन जागरण अभियान









वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई
वेबसाइट- वैश्विकहिंदी.भारत
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वैश्विक हिंदी सम्मेलन की वैबसाइट -www.vhindi.in
प्रस्तुत कर्ता : संपत देवी मुरारका, विश्व वात्सल्य मंच
murarkasampatdevii@gmail.com  
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

सोमवार, 21 नवंबर 2016

कादम्बिनी क्लब की गोष्ठी - पुस्तक लोकार्पण ता.20-11-2016





कादंबिनी क्लब की गोष्ठी - पुस्तक लोकार्पण संपन्न

कादंबिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दिनांक 20 नवंबर को तेलंगाना सारस्वत परिषद सभागार में डॉ.किशोरीलाल व्यास (पर्यावरणविद् , हिंदी विभागाध्यक्ष उस्मानिया विश्वविद्यालय) की अध्यक्षता में क्लब की 292 वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन तथा गन्नू कृष्णमूर्ति के 2 रचना संग्रहों के हिंदी अनुवादित किताबों का लोकार्पण संपन्न हुआ।
     क्लब की अध्यक्षा डॉ अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदीप श्रीवास्तव ( दिव्यता पत्रिका के कार्यकारी संपादक, लखनऊ), प्रो. वाय. वेंकटरमण राव( पूर्व विभागाध्यक्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय एवम अनुवादक), जे.बापू. रेड्डी (IAS लोकार्पण कर्ता), सी. वी. सुब्रमण्यम (ज्योतिषाचार्य विशेष अतिथि), लक्ष्मीनारायण अग्रवाल एवं डॉ रमा द्विवेदी (पुस्तक परिचय प्रस्तोता), डॉ.अहिल्या मिश्र एवं गन्नू कृष्णमूर्ति मंचासीन हुए ।

      अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया । डॉ. रमा ने सरस्वती वंदना की सुमधुर प्रस्तुति दी। मीना मुथा ने क्लब की संक्षिप्त जानकारी दी और बताया कि प्रथम सत्र में गन्नू कृष्णमूर्ति के रचना संग्रह (हिंदी अनुवादित) राम कौन है ? रामायण क्या है? और ऋषि हृदयम का लोकार्पण होने जा रहा है । डॉ. अहिल्या मिश्र ने अतिथियों के स्वागत में कहा कि संस्था निरंतर 22 वर्षों से हिंदी की साहित्य सेवा में समर्पित होकर कार्य कर रही है । आज वैज्ञानिक विश्लेषण से युक्त किताबों का क्लब के मंच से लोकार्पण हो रहा है, यह दुर्लभ और विशेष बात है तत्पश्चात मंच मंचासीन मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया गया, जिसमें अवधेश कुमार सिन्हा, डॉ मदनदेवी पोकरणा, पवित्रा अग्रवाल, संपत देवी मुरारका, डॉ रमा द्विवेदी, सुनीता लुल्ला, सुख मोहन अग्रवाल ने सहयोग प्रदान किया । क्लब की ओर से डॉ अहिल्या मिश्र लक्ष्मी नारायण अग्रवाल एवं सदस्यों ने गन्नू कृष्णमूर्ति का सम्मान किया ।

     
लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने "राम कौन है ? रामायण क्या है ?" पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए कहा कि यह किताब हटकर है । रामायण के पात्रों को ब्रम्हांड के नक्षत्रों के साथ स्थापित किया है। रामायण का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आकलन किया गया है । राम को सूर्य और ब्रह्मा को चंद्रमा के साथ जोड़ा गया और सीता धरती है । राम विष्णु का एक अवतार है ।  रामायण के जो सकारात्मक पात्र हैं वह शक्ति का पुंज है तो नकारात्मक पात्रों का भी उल्लेख होना चाहिए ।  पदार्थ भ्रम है, पदार्थ अविनाशी है ये दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकती। सूर्य एक जगह स्थिर है, सारे नक्षत्र घूमते हैं । रामराज्य अपने-आप में मिथक है ।  लेखक नीति वाली घटनाओं पर और परिश्रम करें तो समाज को अधिक फायदा होगा । स्वयंवर दास प्रथा तथा पुष्पक विमान से संबंधित उदाहरणों को देखकर लक्ष्मीनारायण ने अपनी बात को विराम दिया । डॉ.  रमा ने कहा कि सूर्य न होता तो संसार न होता । यह आस्था और विश्वास का परिणाम है । सूर्य के बिना जीव समुदाय का अस्तित्व नहीं है । रामायण सांकेतिक भाषा में लिखा गया, उसे हर कोई समझ नहीं सकता । आध्यात्मिक दृष्टिकोण के कारण ही रामायण लोकप्रिय हो पाई है । हर पात्र का नाम उसके गुणों के अनुसार रखा गया है । सूर्यवंश में राम का जन्म हुआ । अवतार अच्छे कुल में जन्म लेते हैंमनुष्य जन्म में शक्तियां सीमित हो जाती है । वायुपुत्र हनुमान और बंधनों से मुक्ति ही मोक्ष् है कहते हुए उन्होंने अपनी बात को पूर्ण किया । डॉ. अहिल्या मिश्र ने ऋषि हृदयम पर विचार रखते हुए कहा कि लेखक को जो मंत्र अच्छे लगे उसकी उन्होंने विस्तृत व्याख्या की है । कुछ वेद मंत्रों के मंत्रार्थ को पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास गन्नू जी ने किया है । हमने संस्कृत पढ़ा, वेद पढ़ा परंतु कभी अंतर व्याख्या की ओर हमारा ध्यान कम गया । इस प्रयास में गन्नू जी सफल हुए है।
 तत्पश्चात जे बापू रेड्डी, प्रदीप श्रीवास्तव तथा मंचासीन अतिथियों के करकमलों से उपरोक्त किताबों का लोकार्पण हुआ । अनुवादक प्रो. वाय. वेंकटरमण ने कहा कि अध्ययन के पश्चात ही अनुवाद कार्य करना चाहिए । उस इतिहास, कहानी को समझने का प्रयास करना चाहिए । गन्नू जी का प्रयास शोधार्थी के प्रयासों से भी कहीं ज्यादा नजर आता है । पात्र किसके प्रतीक है इस गुढार्थ को खोजने का प्रयास हुआ है । तेलुगु से हिंदी में अनुवादित करने का मकसद भी यह रहा है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण चिंतन मंथन कर सकें । जे बापू रेड्डी, सी. शंकराचार्य, सी. वी. सुब्रमण्यम, व्ही  शंकराचार्य ने भी लेखक को आशीष प्रदान किए। प्रदीप श्रीवास्तव में कहा कि गन्नू के प्रति स्नेह मुझे लखनऊ से हैदराबाद खींच लाया । एक तेलुगु भाषी विद्वान ने शोधकार्य के बराबर परिश्रम किया, उन्हें साधुवाद देता हूं ।
     गन्नू कृष्णमूर्ति ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि विगत 15 वर्षों से रामायण पर अध्ययनरत कार्य कर रहा हूं। उसी का परिणाम यह दो पुस्तके हैं। पाठक अवश्य पढ़ें और चिंतन मंथन करें । डॉ. किशोरीलाल व्यास ने अध्यक्षीय बात में कहा कि लेखक ने अर्थ को समझा और लेखन कर डाला । कल हम रहे या न रहे पुस्तके रहेंगी । पर्यावरण से संबंधित भी बात प्रस्तुत ग्रंथों में मौजूद है । पेड़ पक्षी जानवरों को हम समाप्त करते जा रहे हैं, अंत में बचेगा क्रूर मनुष्य ! चिंतन की नई धारा, सत्य है या नहीं इसकी पहचान आने वाले ही करेंगे ।

      दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ । इसमें कुंज बिहारी गुप्ता,सूरज प्रसाद सोनी, मंगला अभ्यंकर, सुनीता लुल्ला, सरिता सुराणा, पवन जैन, श्री पूनम जोधपुरी, संपत देवी मुरारकाभावना पुरोहित, सुखमोहन अग्रवाल, देवीदास अकसाल, डॉ. मदनदेवी पोकरणा, पवित्रा अग्रवाल, सुरेश जैन, भंवरलाल उपाध्याय,अवधेश कुमार सिन्हा, सुषमा बैद, रेणु अग्रवाल, एल. रंजना,नमिता सौम्या दुबे, शशी राय, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, डॉ रमा द्विवेदी, मीना मूथा ने काव्य पाठ किया । डॉ. व्यास ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया । नरेंद्र राय,श्रीनिवास सावरीकर, देवीदास घोडके, चंद्रकांत खानापूरकरलीला बजाज, सात्विक, बी के मिश्रा, भूपेंद्र मिश्रामल्लिकृष्णा रेड्डी, डॉ मसन्ना चेन्नप्पा, प्रवलिका, बी. सत्यनारायण, दयालचंद्र अग्रवाल, पी.वी.सुगुणा, उदय कुमार नाईक, वसंत कुलकर्णी, व्ही. पूर्णचन्द्रराव, पी. मंजु, राज मालपाणी, डॉ. पी. माणिक्य प्रभु, जी. दुर्गा, श्रीनिवास राव आदि की भी उपस्थिति रही । मीना मूथा  ने 
कार्यक्रम का संचालन किया तथा संयोजक गन्नू एवं उपस्थित सभा का आभार व्यक्त किया  
संपत देवी मुरारका 
मीडिया प्रभारी 
हैदराबाद

मंगलवार, 15 नवंबर 2016

भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की बैठक संपन्न





भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की बैठक संपन्न

विश्व वात्सल्य मंच, हैदराबाद एवं गेलार्ड ग्रुप, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय भाषा अपनाओ अभियान का आयोजन रविवार 6 नवंबर 2016 को अनूप जाखोटिया 3-6- 314, लाखोटिया आर्केड बशीरबाग स्थित आवास पर किया गया।
    
आज यहाँ संस्था की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका एवं प्रधान सचिव राजेश मुरारका द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में उक्ताशय की जानकारी दी गई । अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के अर्थमंत्री रमेश कुमार बंग की अध्यक्षता मैं संपन्न कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में गेलार्ड ग्रुप के संस्थापक डॉ. . विजय कुमार जैन, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अहिल्या मिश्र ((अध्यक्ष एवं संयोजिका कादंबिनी क्लब सम्माननीय अतिथि के रुप में रामपाल अट्टल (अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के  अध्यक्ष) व संस्था की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका मंचासीन थे | इस अवसर पर मुंबई से प्रकाशित होने वाली 'मेरा राजस्थान' मासिक पत्रिका के संपादक विजय कुमार जैन का पगडी, मोती माला एवं स्मृति चिह्न द्वारा सम्मान किया गया। तत्पश्चात “"भारतीय भाषा अपनाओ अभियान, हिंदी को दिलाओ राष्ट्रभाषा का सम्मान” " पर चर्चा हुई। 
  
      डॉ.विजय कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाओं के प्रेमियों की आठवीं सभा यहाँ संपन्न हुई। हैदराबाद, तेलुगु भाषी क्षेत्र, 6 नवंबर 2016 को हुई सभा में निश्चित किया गया कि दक्षिण क्षेत्र के छ: राज्यों के भाषा प्रेमियों की एक सभा बुलाई जाए जो 11 दिसंबर 2016 को चेन्नई में की जाए, क्योंकि भाषाविद सुब्रमण्यम भारती जी का जन्मदिन है, ऐसे पावन दिन पर छ: राज्यों – तेलंगाना, आंध्र-प्रदेश, केरला, कर्नाटका पुद्दुचेरी, व तमिलनाडु के भाषा प्रेमियों की उपस्थिति रहे | इसके लिए जल्द से जल्द इन क्षेत्रों के भाषा प्रेमियों की सूची उपलब्ध करवाई जाये ताकि उनसे संपर्क कर उनका मार्गदर्शन लिया जा सके |
उन्हींने आगे कहा कि हैदराबाद के  उस्मानिया विश्वविद्यालय  में आयोजित  कार्यक्रम में  विभिन्न प्रदेशों से पधारे  बुद्धिजीवियों ने  करतल ध्वनि से  आह्वान  किया कि भारत की  राष्ट्रभाषा के रूप में  'हिंदी' को स्थान मिलना ही चाहिए |      
      हमारे आगामी कार्यक्रम मुंबई से दिल्ली तक रेल यात्रा दिनांक 10 जनवरी 2017, विश्व हिंदी दिवस पर किया जाएगा, ताकि 26-27 मई को भोपाल में भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री की द्विदिवसीय सभा का सफल आयोजन किया जा सके, ताकि सभी राज्यों के प्रमुख आपसी विचार विमर्श करें और राष्ट्र संस्कृति का भविष्य निर्धारित किया जा सके। 
     
इस दौरान संपत देवी मुरारका ने अपनी तीन पुस्तकें यात्राक्रम प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय भाग डॉ. विजय कुमार जैन को सप्रेम भेंट की | अवसर पर डॉ. मुनव्वर हुसैन काजमी, राजेश मुरारका एवं अनूप जाखोटिया उपस्थित थे। संपत देवी मुरारका ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रस्तुति : संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
email: murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

विश्व वात्सल्य मंच की संगोष्ठी व काव्य संध्या आयोजित -- समाचार कतरन, डेली हिन्दी मिलाप

प्रस्तुति : संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
email: murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136

विश्व वात्सल्य मंच की हिंदी संगोष्ठी व सम्मान समारोह आयोजित -- समाचार कतरन -स्वतन्त्र वार्ता

प्रस्तुति : संपत देवी मुरारका (विश्व वात्सल्य मंच)
email: murarkasampatdevii@gmail.com
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136


रविवार, 13 नवंबर 2016

विश्व वात्सल्य मंच की हिंदी संगोष्ठी, सम्मान समारोह व काव्य-संध्या आयोजित








 






















विश्व वात्सच की हिंदी संगोष्ठी, सम्मान समारोह व काव्य-संध्या आयोजित 
विश्व वात्सल्य मंच, हैदराबाद एवं वैश्विक हिन्दी सम्मेलन, मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हिन्दी संगोष्ठी, सम्मान समारोह एवं काव्य संध्या का आयोजन विगत रविवार दि.18 सितंबर को शाम 5.30 बजे सुल्तान बाजार स्थित संपत देवी मुरारका के निवास (श्रीकृष्ण मुरारका पैलेस) में वैश्विक हिन्दी सम्मेलन के निदेशक डॉ. एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ एवं कादम्बिनी क्लब की अध्यक्ष डॉ. अहिल्या मिश्र के सम्मान में संपन्न हुआ |
     संस्था की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका एवं प्रधान सचिव राजेश मुरारका ने यहाँ जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सेवा निवृत डॉ.ऋषभदेव शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ (निदेशक, वैश्विक हिन्दी सम्मेलन), विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.अहिल्या मिश्र (अध्यक्ष एवं संयोजिका, कादम्बिनी क्लब), सम्माननीय अतिथि के रूप में विजयलक्ष्मी काबरा (पूर्व पार्षद एवं उपाध्यक्ष) एवं संस्था की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका  मंचासीन हुए | प्रथम सत्र में अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन संपन्न हुआ | संपत देवी मुरारका ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की तथा स्वागत भाषण में मंचासीन अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया | तत्पश्चात संस्था की ओर से डॉ. एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ एवं डॉ.अहिल्या मिश्र एवं मंचासीन अतिथियों का अंगवस्त्र, मुक्ता माला, पुष्प एवं मोमेंटो से सम्मान किया गया, जिसमें मदनदेवी पोकरणा, राजेश मुरारका, गीता अग्रवाल, सीता अग्रवाल एवं संपत देवी मुरारका ने सहयोग प्रदान किया |
      इस अवसर पर वैश्विक हिंदी सम्मेलन के निदेशक डॉ एम एल गुप्ता आदित्य ने कहा कि यह दौर भारतीय भाषाओं के लिए चुनौती भरा है | एक समय था जबकि लोग अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करते थे लेकिन अब अंग्रेजी माध्यम गांव-गांव तक पहुंच चुका है और तमाम भारतीय भाषायें हाशिए पर पहुंच चुकी है अगर हिंदी सहित तमाम भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाना है तो इसके लिए यह जरूरी होगा कि हिंदी को केवल कहानी कविता तक सीमित न कर इसे ज्ञान विज्ञान की, शिक्षा व रोजगार की तथा व्यापार व्यवहार की भाषा बनाया जाए | डॉ गुप्ता ने कहा कि आज भारत की बहुत बड़ी आबादी इंटरनेट से जुड़ी है लेकिन इसके बावजूद इंटरनेट पर हिंदी विश्व की प्रथम 20 भाषाओं में भी नहीं है देश में जब तक अपनी भाषाओं के लिए अपनी भाषा की लिपि के बजाय रोमन का प्रयोग कर रही है जबकि इस समय अंग्रेजी की तरह भारतीय भाषाओं में भी कंप्यूटर पर कार्य करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन इसकी जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं है इसलिए यह आवश्यक है कि भाषा शिक्षण को भाषा प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा जाए और भाषाओं के प्रयोग व प्रसार के लिए भाषा प्रौद्योगिकी को शिक्षा के साथ जोड़ा जाए । डॉ.अहिल्या मिश्र, हीरालाल कर्णावट, प्रवीण प्रणव एवं नीरज कुमार ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये | डॉ.ऋषभदेव शर्मा ने अध्यक्षीय बात में कहा कि शहर में पधारे अतिथियों से परिचय हुआ | उन्होंने आगे कहा कि हिन्दी को तकनीकी से जोड़ने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा | प्रथम सत्र का संचालन मदनदेवी पोकरणा ने तथा गीता अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया |
      दुसरे सत्र में डॉ. ऋषभदेव की अध्यक्षता एवं डॉ.अहिल्या मिश्र, रत्नमाला साबू, संपत देवी मुरारका  के आतिथ्य व डॉ. अहिल्या मिश्र के संचालन में कविगोष्ठी संपन्न हुई जिसमें सुषमा बैद, पुष्पा वर्मा, भँवरलाल उपाध्याय, दर्शन सिंह, जुगल बंग ‘जुगल’, प्रवीण प्रणव, शशि राय, संपत देवी मुरारका, डॉ.अहिल्या मिश्र, सुरेश जैन, डॉ. एम.एल. गुप्ता आदि ने काव्यपाठ किया | राजेश मुरारका, गीता अग्रवाल, सन्नी गर्ग, प्रिया गर्ग, डॉ. कामिनी गुप्ता, अनीता दवे, लीलाशंकर दवे, ममता शाह, रेखा मिश्रा, डॉ. मदनदेवी पोकरणा, विजयलक्ष्मी काबरा, भीकमचंद पोकरणा, किरण, लता व्यास, हीरालाल कर्णावट, किरण व्यास, रत्नमाला साबू, डॉ.अरुण कुमार इंगले, भूपेन्द्र मिश्र, मधुकर मिश्र की भी उपस्थिति रही | डॉ. ऋषभदेव शर्मा ने सभी की रचनाओं पर टिप्पणी देते हुए कहा कि सभी की रचनाओं में विषयों की विविधता देखने-सुनने मिली है और सभी को साधुवाद देते हुए अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | जिसे सभी ने खूब सराहा | प्रवीण प्रणव ने धन्यवाद ज्ञापित किया |
संपत देवी मुरारका
अध्यक्ष विश्व वात्सल्य मंच
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
मो.: 09703982136