गुरुवार, 1 अक्तूबर 2015

स्वतंत्रता सेनानी पं. श्री राम शर्मा जी की जयन्ती पर शत- शत नमन-


" फिरंगी की खाकर लाठी,तुमने दी कुर्बानी
हे भारत के अमर सपूत,स्वतंत्रता सेनानी
जब. तक है इतिहास देश का,तेरा नाम रहेगा,
भारत की छाती पर अंकित,,तेरा नाम रहेगा ।"
हरियाणा शिरोमणि,हरियाणा के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी पं. श्री राम शर्मा जी की जयन्ती पर शत- शत नमन-
पण्डित जी का नारा -ए-हक
साजे-ए-दिल पर नगमा-ए-जमहूरियत गाता हूं मैं
जज्बा -ए-हुब्बे वतन रग -रग में भड़काता हूं मैं
जुल्म से टक्कर मेरी फितरत का इक अंदाज है
अपनी फितरत के इशारे पर मचल जाता हूं मैं ।
मैं कभी हालात की शिद्दत से घबराता नहीं,
जबारो के सामने झुकना मुझे आता नहीं ।
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि मैं मजबूर हूं
मुझ से नाइनसाफियों में चुप रहा जाता नहीं ।
हकपसंदी,,शाफगोई ही मेरा ईमान है
इम्तहां में मुस्कराना भी मेरी इक शान है।
अपने हम वतनों
की खातिर,कुछ भी कर सकता हूं मैं,
मैं तो बागी हूं बगावत ही मेरी पहचान है।

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