सोमवार, 2 अक्टूबर 2017

भारतीय भाषा संवर्धन पुस्तक मेला – 2017 का उद्घाटन संपन्न



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चित्र में ये शामिल हो सकता है: 3 लोग, मुस्कुराते लोग
चित्र में ये शामिल हो सकता है: 3 लोग, लोग बैठ रहे हैं और अंदर

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चित्र में ये शामिल हो सकता है: 2 लोग, मुस्कुराते लोग

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भारतीय भाषा संवर्धन पुस्तक मेला – 2017 का उद्घाटन संपन्न
हिंदी कल्याण न्यास, व गोंलार्ड ग्रुप, मुम्बई के संयुक्त तत्वावधान में तारीख 26 सितंबर 2017 को चर्च गेट स्थित सुंदर बाई सभागार में भारतीय भाषा संवर्धन पुस्तक मेले का उद्घाटन गोवा की महामहिम श्रीमती मृदुला सिन्हा के कर कमलों द्वारा डॉ. शशिकला वंजारी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
     प्रेस विज्ञप्ति में आगे बताते हुए विश्व वात्सल्य मंच की अध्यक्ष संपत देवी मुरारका ने कहा कि इस अवसर पर प्रथम सत्र में श्रीमती मृदुला सिन्हा डॉ.शशिकला वंजारी (एस.एन.डी.टी. विश्वविद्यालय की कुलपति), विशिष्ट अतिथि के रुप में मंजू लोढ़ा, डॉ.करुणाशंकर उपाध्याय (मुम्बई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर) एवं विजय जैन मंचासीन हुए ।
     कार्यक्रम का आरंभ मंचासीन अतिथियों के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ । विजय जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा नारा है कि पहले मातृभाषा फिर राष्ट्रभाषा । हम हिंदी के साथ भारतीय भाषाओं का विकास चाहते हैं । कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय ने कहा कि यदि आज भारत का कोई भी विश्वविद्यालय विश्व के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में 200 के अंतर्गत भी नहीं है तो इसका एक बड़ा कारण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा है । विश्व के जिन देशों ने विकास किया है उन सब ने अपनी भाषा में किया है । जो देश पिछड़ गए हैं वे विदेशी भाषाओं के प्रयोग के कारण । हिंदी अथवा भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा की व्यवस्था सही ढंग से नहीं होने के कारण देश में मौलिक खोज और शोध का अभाव है । हमें इस बात की गंभीरता को समझना होगा । मंजू लोढ़ा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए । 
      उद्घाटन कर्ता गोवा की महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा ने कहा कि यदि मनुष्य का उद्देश्य पवित्र है तो लोग स्वत: उस से जुड़ते हैं और उसकी सफलता सुनिश्चित करते हैं । हिन्दी दिल की भाषा है । वह लोगों को जोड़ने का कार्य करती है । यदि आप हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान दिलाने के लिए प्रयासरत है तो देर-सवेर अवश्य सफल होंगे । 
      इस अवसर पर डॉ. विनोद टिबड़ेवाल, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, डॉ.राकेश पांडेय, डॉ. प्रमोद पांडेय, श्रीमती संपत देवी मुरारका, श्रीराम जवाहरानी तथा श्रीमती अनुपमा शर्मा को हिन्दी और भारतीय भाषाओं के संवर्धन में योगदान के लिए महामहिम राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा द्वारा सम्मानित किया गया । अंत में श्रीमती मनीषा मेहता ने आभार व्यक्त किया । यह पुस्तक मेला 30 सितंबर तक चलेगा । इसमें प्रवेश का कोई शुल्क नहीं है । सभी हिंदी और भारतीय भाषाओं के शुभचिंतक से निवेदन है कि वह भारी संख्या में उपस्थित होकर इस आयोजन को सार्थक बनाएं । जय हिंद जय हिंदी ।
संपत देवी मुरारका 
लेखिका यात्रा विवरण 
मीडिया प्रभारी 
हैदराबाद 
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