सोमवार, 28 जुलाई 2014
मंगलवार, 22 जुलाई 2014
सोमवार, 21 जुलाई 2014
कादम्बिनी क्लब की गोष्ठी संपन्न ता.20-7-2014
कादम्बिनी
क्लब की गोष्ठी संपन्न
कादम्बिनी क्लब हैदराबाद के तत्वावधान में रविवार दि. 20 जुलाई को हिंदी प्रचार सभा परिसर में क्लब की 263वीं मासिक गोष्ठी संपन्न हुई |
क्लब अध्यक्षा डॉ.
अहिल्या मिश्र एवं कार्यकारी संयोजिका मीना मूथा ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में
आगे बताया कि इस अवसर पर प्रथम सत्र की अध्यक्षता कहानीकार पवित्रा अग्रवाल ने की
| विजय विशाल, डॉ. मदनदेवी पोकरणा एवं डॉ. अहिल्या
मिश्र मंचासीन हुए | गोष्ठी का आरंभ ज्योति नारायण की सरस्वती वंदना के साथ हुआ | डॉ.
मिश्र ने अतिथि परिचय व गोष्ठी की निरंतरता बनाए रखने में सभी सदस्यों को धन्यवाद
देते हुए कहा कि अब हमने 21 वें वर्ष में कदम
रखा है और पहले कदम से जो क्लब का साथ देते आ रहे हैं उन्हें इस वर्ष अध्यक्षता के
लिए आमंत्रित किया जाएगा | प्रथम सत्र में डॉ.मदनदेवी पोकरणा ने “सुरसा
की तरह बढ़ती महँगाई एवं साहित्यकार का दायित्व”
इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्यकार समाज का दर्पण है, प्रेमचंदजी
का ‘गोदान’ उपन्यास आर्थिक विसंगतियों का चित्रण करता है | आम आदमी का आक्रोश
साहित्यकार ही व्यक्त करता है, उसकी बात वजन रखती है, यहाँ तक की सरकार के कान भी
खड़े हो जाते हैं | लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने कहा कि साहित्यकार का आर्थिक पक्ष वीक
है | प्रेमचंद युग में गरीबी थी पर महँगाई नहीं थी | स्वास्थ्य सेवाओं में इंसान
संवेदनहीन हो गया है | शिक्षा व स्वास्थ्य पर यदि सशक्त योजनायें बनाई जाए तो ठगी,
लूटमार को नियंत्रित कर सकते हैं | डॉ. रमा द्विवेदी ने कहा कि हम आज सुविधाभोगी
हो गए हैं | खेतीबाड़ी करता किसान आज आवश्यक सुविधाओं के अभाव में आत्महत्या करने
पर मजबूर है | ज्योति नारायण ने कहा कि शिक्षा ही रोजगार उपलब्ध कराएगी, आज पढ़े-लिखे
व्यक्ति से ज्यादा तो वर्कर कमा लेता है | आज संवेदनाएं ख़त्म हो चुकी है | डॉ.
अहिल्या मिश्र ने कहा कि व्यवसाय व्यक्ति परक हो गया है, पहले समाजपरक हुआ करता था
| शिक्षा भौतिकता को प्रश्रय दे रही है | संयुक्त परिवार पद्धति के टूटने बिखरते
चलन से भी आज महँगाई ज्यादा त्रस्त करने लगी है | पवित्राजी ने अध्यक्षीय बात रखते
हुए कहा कि साहित्यकार महँगाई कम नहीं कर सकता, बल्कि योग्य प्लानिंग सुरक्षित
वर्त्तमान और अच्छा भविष्य दे सकता है | आज कमाई छोटी होकर भी बच्चों को ऊँची फीसवाले
स्कूलों में प्रवेश देने का सोचते हैं, लेकिन हर कक्षा के साथ बढ़ती फीस अभिभावक को
चिंता में डाल देती है |
द्वितीय सत्र में अग्रवालजी के संचालन में
तथा शिवकुमार तिवारी ‘कोहिर’, पवित्रा व डॉ. मिश्र के आतिथ्य में कवि गोष्ठी का
आयोजन हुआ | इसमें भावना पुरोहित, संपतदेवी मुरारका, वी.वरलक्ष्मी, सत्यनारायण
काकडा, डॉ. रमा द्विवेदी, हेमांगी ठाकर, ज्योति नारायण, विजय विशाल, संतोषकुमार
पाण्डेय, दर्शनसिहं, सूरजप्रसाद सोनी, उमा सोनी, डॉ. अहिल्या मिश्र, एस.के.जैन
लौंगपुरिया, सुभ अवनीश डंग, सुषमा बैद, देवाप्रसाद मयला, पवित्रा अग्रवाल आदि ने
काव्यपाठ किया | शिवकुमारजी ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया | प्रथम सत्र का संचालन
मीना मूथा ने किया | डॉ. रमा द्विवेदी के आभार के साथ गोष्ठी का समापन हुआ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
हैदराबाद
गुरुवार, 17 जुलाई 2014
छठा साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं गुलमोहर’ पुस्तक लोकार्पण संपन्न
छठा
साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं गुलमोहर’ पुस्तक लोकार्पण संपन्न
साहित्य गरिमा पुरस्कार एवं ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया हैदराबाद के
संयुक्त तत्वावधान में रविवार दि 13 जुलाई 2014
को होटल क्वालिटी इन फिडालगो, नामपल्ली, के सभागार में ‘छठा साहित्य
गरिमा पुरस्कार – 2012,’ कहानी विधा पर श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ
(अहमदाबाद) को प्रदान किया गया | इस अवसर पर श्रीमती शान्ति अग्रवाल कृत ‘गुलमोहर’
कहानी संग्रह का लोकार्पण भी संपन्न हुआ |
समारोह की अध्यक्षता हैदराबाद विश्वविद्यालय के असोसिएट प्रो. डॉ.
पुष्पेश ने की | लोकार्पण कर्ता एवं ऊद्घाटन कर्ता टी. गोपाल सिंह (पूर्व सिविल जज
एवं न्यायिक अधिकारी, सूचना आयोग विभाग, मोजमजाही मार्केट, हैदराबाद), मुख्य अतिथि
श्री विश्वजीत सपन (आई.पी.एस., डायरेक्टर एंटी करप्शन व्यूरो, हैदराबाद), गौरवनीय
अतिथि मुरलीधर गुप्ता, सम्माननीय अतिथि श्री मधुसूदन सौंथलिया, ऋषभदेव शर्मा (अध्यक्ष, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा शोध संस्थान,
खैरताबाद, हैदराबाद), शान्ति अग्रवाल, श्रीमती नीलम कुलश्रेष्ठ एवं संस्था की
अध्यक्षा डॉ. अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए |
अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया | शुभ्रा महंतो ने
सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की | डॉ. अहिल्या मिश्र ने अतिथियों का
परिचय दिया | डॉ. रमा द्विवेदी ने संस्था का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया | डॉ. सीता
मिश्रा ने लेखिका का परिचय दिया और लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने प्रशस्ति-पात्र का
वाचन किया | प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि पुरस्कार की प्राविधि व
प्रक्रिया पारदर्शी है एवं क्षेत्र विस्तार के साथ अब यह जनता का पुरस्कार बन गया
है | अहमदाबाद की वरिष्ठ लेखिका नीलम कुलश्रेष्ठ को उनके कहानी संग्रह ‘शेर के
पिंजड़े में’ के लिए छठे साहित्य गरिमा पुरस्कार के रूप में ग्यारह हजार, शाल,
प्रशस्ति-पात्र, स्मृति चिह्न एवं पुष्पगुच्छ मुख्य अतिथि विश्वजीत सपन ने प्रदान
किया |
कार्यक्रम में शान्ति अग्रवाल कृत ‘गुलमोहर’ कहानी संग्रह का लोकार्पण
टी. गोपाल सिंह तथा अतिथियों ने किया | कहानी संग्रह का परिचय देते हुए डॉ. जी.
नीरजा ने कहा कि सभी कहानियां मानवीय संवेदनाओं एवं जीवन के यथार्थ को अभिव्यक्त
करती है | लेखिका ने कहा कि वे अपने मन की अनुभूतियों को कागज़ में उकेरती है | टी.
गोपाल सिंह ने कहा कि साहित्य गरिमा पुरस्कार प्रशंसनीय प्रयास है | मुख्य अतिथि
डॉ. विश्वजीत सपन ने कहा कि साहित्यकार की नजर पारखी होती है | डॉ. मुरलीधर गुप्ता
ने कहा कि साहित्य गरिमा पुरस्कार स्त्री सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है, जो अत्यंत
सराहनीय कार्य है | मधुसूदन सौंथलिया एवं डॉ. पुष्पेश ने भी पुरस्कार की प्रशंसा
की |
इस अवसर पर उपाध्यक्षा संपत देवी मुरारका, शीला सौंथलिया, सहमंत्रिणी
श्रीमती आशा मिश्रा,
कोषाध्यक्षा पवित्र अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य ज्योति नारायण, सरिता
सुराणा जैन, सुरेश जैन, एवं प्रबंध न्यासी मानवेन्द्र मिश्र, न्यासी गोविन्दजी राय
आदि के साथ डॉ. मदन देवी पोकरणा, श्री तेजराज जी जैन, सुरेश गुगलिया, हेमंत सिंह,
डॉ. सरज, मनोज मिश्रा, डॉ. कृष्णा सिंह, डॉ. अनीता मिश्रा, श्री गोरांग महंतो,
वी.एस. वर्मा, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, पुष्पा वर्मा, वी. वरलक्ष्मी, डॉ. साधना ठाकुर,
रूबी मिश्रा एवं बड़ी संख्या में दर्शक दीर्घा में शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थें
| समारोह का संचालन डॉ. अर्चना झा ने किया | मीना मूथा के आभार प्रदर्शन के साथ
कार्यक्रम संपन्न हुआ |
प्रस्तुत कर्ता – संपत देवी मुरारका
संपत देवी मुरारका
उपाध्यक्षा, साहित्य गरिमा पुरस्कार
आजीवन सदस्य, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया
लेखिका यात्रा विवरण
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय विश्व भाषा हिंदी दिवस सम्मेलन-10-11-12 जनवरी 2014, तमिलनाडु
द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय विश्व भाषा हिंदी दिवस सम्मेलन-10-11-12 जनवरी 2014, तमिलनाडु में आयोजित,
तमिलनाडु साहित्य बुलेटिन, त्रैमासिक पत्रिका, मई 2014 के मुखपृष्ठ पर मंचासीन मेरी तस्वीर भी है, मुझे इतना बड़ा सम्मान दिया, इसलिए मैं मधु धवन जी एवं उनके सहयोगियों को हार्दिक धन्यवाद देती हूँ |
संपत देवी मुरारका
लेखिका यात्रा वृत्तांत
मीडिया प्रभारी
हैदराबाद
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