शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

अनुवाद,प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित


अनुवाद,प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित








अनुवाद,प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

भारतीय अनुवादक संघ और linguaindia के संयुक्त तत्वाधान में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूटो सर्वेंटेस के साथ निकट सहयोग में आयोजित अनुवाद, प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर  3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन , 23-26 जून, 2012, भारत में स्पेन के दूतावास के आधिकारिक सांस्कृतिक केन्द्र, इंस्टीट्युटो सर्वेंटेज नई दिल्लीमें भारत के अनुवादकों और दुभाषिया समुदाय के लिए नए मानक बनाते हुए. 26 जून, 2012 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

संघ के अध्यक्ष रवि कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन सत्र में इंस्टीट्युटो सर्वेंटेज द्वारा आयोजित स्पेनिश दिवस समारोह का हिस्सा बना, 23 जून, 2012 |  20से अधिक भाषा पेशेवरों, शिक्षाविदों, और दुनिया भर से अनुवादकों की उपस्थिति मेंमहामहिम, कोलंबिया के राजदूत, श्री जुआन अल्फ्रेडो पिंटो सावेद्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में, मेजबान इंस्टीट्यूटो सर्वेंटेज के निदेशक डॉ. ऑस्कर पुजोल, डॉ. रजनीश अरोड़ा, वाइस चांसलर, कल यूनिवर्सिटी की प्रतिनिधि डा. प्रभजोत कौर, डा. ब्रज किशोर कुठियाला, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, डा. जेन्सी जेम्स, कुलपति, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, केरल, श्री अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, श्री रवि कुमार, संस्थापक अध्यक्ष, भारतीय अनुवादक एसोसिएशन मंचासीन हुए | दीप प्रज्व्वलित के साथ सभी की उपस्थिति में उद्घाटन किया।

सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान जबकि सभी गणमान्य व्यक्तियों ने देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में अनुवाद के महत्व पर बल दिया, पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी की डा. प्रभजोत कौर ने इस अवसर पर पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी के मोहाली परिसर में तकनीकी अनुवाद और भाषांतरण में B.Sc तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के शुभारंभ की औपचारिक रूप से घोषणा की।

भारतीय अनुवादक एसोसिएशन के लिए भी यह गर्व का क्षण था जब श्री रवि कुमार द्वारा संपादित पुस्तक "राष्ट्र निर्माण में अनुवाद की भूमिका" को डॉ. ऑस्कर पुजोल द्वारा लोकार्पण किया गया। विचारोत्तेजक सामग्री के लिए पुस्तक ने भारी प्रशंसा प्राप्त की है और इसका उपयोग भारत में अनुवाद अध्ययन के लिए पाठ्य पुस्तक के रूप में किया जा सकता है।

इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं के रूप में डा. मूसा न्योंग्वा, कनाडा, श्री पुरनेंद्र किशोर, भारत और डॉ. मनीरत सवासदिवात ने, क्रमशः कनाडा के अनुवाद उद्योग,अनुवाद2022 तक भारत को एक कौशल महाशक्ति बनाने वाला मुख्य संबल और अनुवाद उद्योग के एशियाई एसोसिएशन के गठन पर प्रकाश डाला।

23 जून से 26 जून, 2012 लगातार 04 दिन तक 100 से अधिक विशेषज्ञों ने अपने पत्र प्रस्तुत किए तथा वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्रीयकरण, स्थानीयकरण और अनुवाद (GILT), अनुवाद भाषाओं, संचार और जनसंपर्क माध्यमों के चैनलों के प्रति सरकार की नीतियोंअनुवाद एवं भाषांतरण में शिक्षण और प्रशिक्षण; अनुवाद के प्रति सैद्धांतिक दृष्टिकोण, अनुवाद में अध्यापन चुनौतियों, विशेषज्ञतायुक्त पाठ (वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा आदि)अनुवाद में गुणवत्ता मानकों, शब्दावली प्रबंधन और अनुवाद में परियोजना प्रबंधन; प्रकाशन उद्योग और अनुवाद; अनुवाद में मशीन और स्मृति उपकरणों;अनुवाद में प्रौद्योगिकी और नवीनता आदि सहित विभिन्न विषयों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।

सम्मेलन के समापन के दिन, सम्मेलन संयोजक और भारतीय अनुवादक एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रवि कुमार द्वारा परियोजना प्रबंधन और अनुवाद में प्रौद्योगिकी एकीकरण पर एक समर्पित कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में 150 से अधिक अनुवादकों और शिक्षाविदों ने भाग लेकर परियोजना प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और अनुवाद सेवाओं और ग्राहकों की संतुष्टि की प्राप्ति में तकनीकी एकीकरण की मूल बातें सीखीं।

सम्मेलन के सभी सहभागी सदस्य इस आम सहमति पर पहुँचे कि अनुवादकों को व्यावसायिक प्रस्थिति प्रदान करने और अनुवाद अध्ययन के लिए पाठ्यक्रम मॉड्यूल तैयार करने के लिए कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है ताकि शिक्षाविदों और उद्योग के बीच की खाई को भरा जा सके।

सम्पत देवी मुरारका
मीडिया प्रभारी 
हैदराबाद 

मंगलवार, 17 जुलाई 2012

कादम्बिनी क्लब हैदराबाद की मासिक गोष्ठी सम्पन्न




 कादम्बिनी क्लब हैदराबाद की मासिक गोष्ठी सम्पन्न

 कादम्बिनी क्लब हैदराबाद की मासिक गोष्ठी रविवार दिनांक 15 जुलाई 2012 को दिन में 12 बजे से हिन्दी प्रचार सभा परिसर हैदराबाद में सम्पन्न हुआ |

डॉ. अहिल्या मिश्र क्लब संयोजिका ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि इस अवसर पर बंगलौर से पधारे कवि दुर्गा दत्त पाण्डेय मुख्य अतिथि, भूत पूर्व न्यायाधीश हैदराबाद जिला श्रीमती वी.वरलक्ष्मी अध्यक्ष, रचना प्रस्तोता मंजुषा श्रीवास्तव एवं देवी नागरानी (मुंबई) मंचासीन हुई | श्रीमती शुभ्रा महंतो के सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ | श्रीमती मंजुषा श्रीवास्तव ने अपनी छ: चुनी हुई, नन्हीं चिड़िया, नाल का रिश्ता, माँ मुझे बचा, गंदे अंकल मुझे अच्छे नहीं लगते, वह मामूली सी ओरत और मंत्रालय में आग नामक कविताओं का पाठ किया |

डॉ. अहिल्या मिश्र ने विचार रखते हुए कहा कि कवितायें संवेदना पूर्ण, ज्वलन्त विषियों से संबद्ध एवं भाषा की प्रौढता लिए हुए है | शिल्पगत कमजोरी है | विषय का विस्तार एवं निर्वाह किया गया है | पवित्रा अग्रवाल ने कहा कि रचनाएँ भाव एवं संवेदना से पूर्ण है | लक्ष्मीनारायण अग्रवाल ने कहा कि कविता की कोई परिभाषा नहीं होती, इसे कसौटी पर कसना उचित नहीं है | कविता में संवेदना शिल्प एवं सौंदर्य का निर्वाह आवश्यक है | कविता स्वांत सुखाय से अग्रसर हो, बहुजन हिताय की ओर बढ़े तो उत्तम स्थिति होती है | डॉ. रमा द्विवेदी ने अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि ये सभी रचनाएँ विचार कविता है, इनमें संवेदना का निर्वाह है | कवयित्री के पास भाव एवं भाषा दोनों है | इनमें शिल्प की कसावट की आवश्यकता है | ज्योति नारायण ने कहा कि मुक्त छंद रचनाएँ हैं | संवेदना है, ज्वलंत नारी समस्याओं को उठाया है | डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि समसामायिक विषयों की प्रस्तुति की रचनाएँ हैं | बाल शोषण की रचना रिपोर्टाज लगती है |

देवी नागरानी (मुंबई) ने कहा कि भ्रूण हत्या पर बहुत रचनाएँ लिखी गई है | मंजुषा की रचनाओं में भाव प्रबल है | स्त्री स्वयं के लिए नहीं जीती | इससे सिद्ध करती इनकी एक रचना है | वी. वरलक्ष्मी ने कहा कि मंजुषा जी ने सामाजिक सच एवं स्त्री की स्थिति की बात लिखी है | दुर्गादत्त पाण्डेय ने कहा कि रचना में कवित्व तत्व का ध्यान रखना आवश्यक होता है | मैं कवयित्री को इस प्रयास के लिए बधाई देता हूँ | प्रथम सत्र इस परिचर्चा में अध्यक्षीय टिप्पणी के साथ समाप्त हुआ |

कार्यक्रम के दूसरे चरण में एक काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई | इसकी अध्यक्षता दुर्गादत्त पाण्डेय ने की | इसमें श्री नरेंद्र राय एवं मयूर पुरोहित विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन हुए | श्री लक्ष्मीनारायण अग्रवाल के संचालन में सर्वश्री सम्पत देवी मुरारका, डॉ.रमा द्विवेदी, ज्योति नारायण, विनीता शर्मा, शुभ्रा महंतो, डॉ. देवेन्द्र शर्मा, गोविंद मिश्र, नीरज त्रिपाठी, डॉ. अहिल्या मिश्र, भँवरलाल उपाध्याय, भावना पुरोहित, श्रद्धा विजयलक्ष्मी, उमा सोनी, सूरजप्रसाद सोनी, सरिता सुराणा जैन, पवित्रा अग्रवाल, देवी नागरानी, मीरा, हिमांगी ठाकर, सुनीता लुल्ला, ईश्वर अम्मा, जुगल बंग, दीपतान्शु, विकास, नरेंद्र राय, दुर्गादात्त पाण्डेय, वी.वरलक्ष्मी आदि ने विभिन्न रसों से पूर्ण रचना पाठ किया | धन्यवाद के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ |

सम्पत देवी मुरारका
 इलेक्ट्रोनिक मिडिया प्रभारी